Community Toilet: आगरा में तो कागजों में दे दी महिलाओं को सामुदायिक शौचालयों की कमान
Community Toilet जिले की 407 ग्राम पंचायतों के सामुदायिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों को देने का किया दावा। कई शौचालयों पर अभी भी ताले लटके हुए हैं। प्रत्येक सामुदायिक शौचालय के संचालन के लिए महिलाओं को छह हजार रुपये मानदेय मिलेगा।
आगरा, जागरण संवाददाता। खेरेवाली मैया स्वयं सहायता समूह से जुड़ी बैरमा खुर्द गांव निवासी नीतू का कहना है कि उनका नाम सामुदायिक शौचालय संचालन की सूची में था लेकिन उन्हें अब तक इसकी कमान नहीं मिली है। भूतेश्वर नाथ स्वयं सहायता समूह से जुड़ी हिंगोट खेड़ा निवासी अनीषा देवी को भी अब तक आवंटित सामुदायिक शौचालय के संचालन की जिम्मेदारी नहीं मिली है। ये दो तो सिर्फ उदाहरण हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी तमाम महिलाओं को अब तक सामुदायिक शौचालयों के संचालन की जिम्मेदारी नहीं दी गई है।
पिछले दिनों दावा किया गया था कि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ीं महिलाओं को सामुदायिक संचालन की जिम्मेदारी दी जाएगी। जिससे कि उन्हें रोजगार उपलब्ध हो सके। तय किया कि प्रत्येक सामुदायिक शौचालय के संचालन के लिए महिलाओं को छह हजार रुपये मानदेय मिलेगा। तीन हजार रुपये इसके रखरखाव की सामग्री के लिए दिए जाएंगे। समूह से जुड़ी महिलाओं का कहना था कि ब्लाक स्तर अधिकारियों ने उनसे सामुदायिक शौचालय के संचालन के लिए कहा तो था लेकिन शौचालय की चाबी अब तक नहीं दी है। कई शौचालयों पर अभी भी ताले लटके हुए हैं। जबकि स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाएं अब तक स्कूल ड्रेस, मास्क, सैनिटाइजर बनाने के साथ ही नर्सरी संचालन, राशन की दुकान आदि का संचालन कर रही हैं।
एक नजर
690 ग्राम पंचायतों में बनने हैं सामुदायिक शौचालय
680 ग्राम पंचायतों में बनकर तैयार हुए शौचालय
407 शौचालय स्वयं सहायता समूहों को देने का दावा