Navratra Special: करना है आदिशक्ति को प्रसन्न तो इन रंगों को करें धारण
प्रतिपदा से लेकर नवमी तक विभिन्न रंगों को धारण कर पूजन करने से मिलती है विशेष ऊर्जा के साथ देवी कृपा।
आगरा, जागरण संवाददाता। मां आदिशक्ति की आराधना का नौ दिनों का त्योहार विशेष पूजन और रंगों से सजा होता है। मंदिरों में सजावट, माता के विविध रंगों की पोशाकें, लाल चुनरी। लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि माता के विशेष स्परूप को विशेष रंग पसंद होता है। ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार रंगों का यह विशेष महत्व यदि हम ध्यान में रखें तो माता की विशेष कृपा मिलती है।
नवरात्री के नव रंग
नवरात्र के नव रंग हैं पीला, हरा, स्लेटी, नारंगी, सफ़ेद, लाल, शाही नीला, गुलाबी और बैगनी
दिन रंग
प्रतिपदा पीला
द्वितीया हरा
तृतीया स्लेटी या धूसर, धुमैला
चतुर्थी नारंगी
पंचमी सफ़ेद
षष्टी लाल
सप्तमी शाही नीला
अष्टमी गुलाबी
नवमी जामुनी
देवी के विभिन्न गुणों को दर्शातें हैं रंग
पीला
नवरात्री का प्रथम दिन देवी माँ के शैलपुत्री रूप का है; पर्वतो की पुत्री। वो प्रकृति रूप में मां का प्राकट्य है जो शक्ति का द्योतक है। पीला रंग चमक, हर्ष और उल्लास का रंग है। ये नव दिवसीय उत्सव के प्रारम्भ के लिए बहुत सुन्दर है।
हरा
नवरात्री का दूसरा दिन देवी मां के द्वितीय रूप ब्रह्मचारिणी का है ब्रह्मभाव में स्थित रूप। दुर्गा मां या माता पार्वती इस रूप में गहन पर्वतों में तप के लिए जाती है। जहां उनके भावी पति भगवान शिव हैं। वे वहां उन्हें तपश्चर्या में देख उनके साथ ही तप में लीन हो जाती हैं। यहां हरा रंग विकास, प्रकृति और ऊर्जा का प्रतीक है।
स्लेटी
देवी मां का तीसरा रूप चंद्रघंटा का है । वे अपने माथे पर स्लेटी रंग का चन्द्रमा धारण करती है। स्लेटी रंग मां के भाव का प्रतीक है वे अपने भक्तों के शत्रुओं के विनाश के लिए युद्ध के लिए सदैव तत्पर हैं।
नारंगी
मां का चौथा रूप कूष्माण्डा का है। मां का प्रकाश और ओज, उनकी दिव्य मुस्कान से सूर्य को प्रकाशित होता है। वे सूर्य में स्थित रह सकती है उनकी शक्ति का पारावार नहीं है। नारंगी रंग उनकी प्रसन्नता और ऊर्जा का द्योतक है।
श्वेत
मां का पांचवा रूप स्कन्द या कार्तिकेय की माता के रूप में स्कंदमाता कहलाता है। देवी का अपनी गोद में शिशु को लिए रहना मां के पवित्र प्रेम को दर्शाता है। ये श्वेत रंग भक्तो के ह्रदय में देवी के आराधन से होने वाली शांति, पवित्रता और प्रेम को भी दर्शाता है।
लाल
देवी मां का छटा रूप मां कात्यायिनी का है। ये देवी दुर्गा का वीभत्स रूप है जो देवताओं के क्रोध से उत्पन्न हुआ है । इसलिए लाल रंग इनसे जुड़ा है। लाल रंग उत्साह और क्रियाशीलता को दर्शाता है।
शाही नीला
देवी मां का सातवां रूप कालरात्रि का है ये मां का विनाशकारी रूप है जिन्हे काली भी कहते है। इनकी दिव्य शक्ति नीले रंग में समायी है।
गुलाबी
महागौरी मां का आठवां रूप है। वे हमारी सभी इच्छाएं पूरी करने वाली हैं। गुलाबी रंग आशा और जीवन में नूतनता का प्रतीक है।
जामुनी
देवी मां का नवां रूप सिद्धिदात्री का है । वे ज्ञान दात्री और हमारी अभिलाषाओं की पूर्ती कराने वाली हैं। जामुनी रंग महत्वाकांक्षा और शक्ति का प्रतीक है।
देवी मां के विभिन्न नाम और रूप गूढ़ और मोहक हैं इसलिए जब आप इसबार नवरात्र के उत्सव में जाएं तो इन रंगो को याद रखे और इन रंगो के वस्त्रो और साथ की वस्तुओं को धारण करें। नवरात्र के रंगो की जानकारी के साथ आप भी विभिन्न भावों को अपने विभिन्न रूपों से अभिव्यक्त करें।