आगरा कालेज में एप से होगी आनलाइन पढ़ाई
शुक्रवार को कालेज में शिक्षकों को दिया प्रशिक्षणआफलाइन कक्षाओं के लिए चाहिए होगी अभिभावक की अनुमति शासन के निर्देशों पर आनलाइन पढ़ाई में सक्रियता बढ़ाते हुए आगर
आगरा,जागरण संवाददाता।
शासन के निर्देशों पर आनलाइन पढ़ाई में सक्रियता बढ़ाते हुए आगरा कालेज में एप विकसित की गई है, जिसके माध्यम से पढ़ाई होगी। शुक्रवार को कालेज परिसर में शिक्षकों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें एप से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई।
प्राचार्य डा. एसके मिश्रा ने बताया कि इस एप की मदद से शिक्षक अपनी कक्षाएं लाइव ले सकेंगे। इसके लिए शिक्षक समय सारणी के अनुसार आनलाइन जुड़ सकेंगे। छात्रों को भी कालेज आने की जरूरत नहीं है। शिक्षकों व छात्रों को आइडी व पासवर्ड दिए जाएंगे। कितनी भी कक्षाएं एक साथ ली जा सकती हैं। शिक्षक अपने शिक्षण कार्य के साथ-साथ नोट्स भी छात्रों को उपलब्ध करा सकेंगे। इसमें पीडीएफ, वीडियो, आडियो आदि भी अपलोड हो सकते हैं। आनलाइन कक्षाएं जूम, गूगल मीट एवं माइक्रोसाफ्ट टीम पर ली जाएंगी। टेस्ट भी आनलाइन हो सकेंगे। आनलाइन जुड़ते ही छात्रों की उपस्थिति लग जाएगी। इसी एप पर शिक्षक छात्रों को गृहकार्य भी दे सकेंगे। डा. अमित अग्रवाल ने बताया कि यह एप भारतीय कंप्यूटर संस्थान ने विकसित किया है। इसका संपूर्ण नियंत्रण प्राचार्य के हाथों में होगा। वह जब भी चाहेंगे कक्षाओं का औचक निरीक्षण अपने कार्यालय में बैठे-बैठे कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि आनलाइन कक्षाएं दिसंबर के प्रथम सप्ताह तक प्रारंभ कर दी जाएंगी। जो विद्यार्थी आफलाइन कक्षाएं लेना चाहेंगे, वह अपने अभिभावक की अनुमति से कालेज आ सकेंगे। आनलाइन बाल साहित्य और जीवन संध्या पर बही काव्य रसधारा
आगरा, जागरण संवाददाता। आगरा महानगर लेखिका समिति की पांचवीं आनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन शुक्रवार को किया गया। काव्य-गोष्ठी में कवयित्रियों ने बाल साहित्य एवं जीवन संध्या पर काव्य-पाठ किया।
कार्यक्रम की शुरुआत में मां वाणी की स्तुति को मीरा परिहार ने स्वर दिए। समिति की अध्यक्ष प्रो.रेखा कक्कड़ ने कहा, बचपन से लेकर जीवन संध्या तक कई पड़ाव निकल जाते हैं। रानी सरोज गौरिहार ने दो पल बीत गए हैं, मध्याह्न की निशानी शीश पर श्वेत केश जीत गए हैं, शांति नागर ने प्रात: भ्रमण और संध्या आदत-सी बन गई है, स्वाध्याय और सत्संग की लत-सी लग गई है। डा. शैलबाला अग्रवाल ने बंटवारे की बात पर कांप गई है हिरनी, कोख से जाए थे सात अब कैसे बांटे अपनी ममता का दान। डा. शशि गोयल ने रोज सवेरे मां रख देती एक कटोरी पानी, फुदक-फुदक कर तब आंगन में आती चिड़िया रानी कविताएं सुनाईं। डा. राजकुमारी शर्मा ने कहा, बाल दिवस मनाने के साथ-साथ सरकार को बच्चों की शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए। डा.मधु भारद्वाज ने कहा, अब समझती हूं मैं बचपन को क्योंकि मैं फिर से बच्ची हो गई हूं। शशि तनेजा ने बच्चा चला था मां की उंगली पकड़कर, बूढ़ा चलता है बच्चे की उंगली पकड़कर कविता सुनाई। पुष्पा सिंह, डा. अरुणा गुप्ता, डा. कुसुम चतुर्वेदी, डा. नीलम भटनागर,नीता दानी,विजया तिवारी, मंजरी टंडन, सुधा गर्ग आदि ने भी कविता पाठ किया।