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Jagran Impact: अब बक्‍शे नहीं जाएंगे रोशनी छीनने वाले हाथ, चलेगा कानून का डंडा

जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी गलत इलाज द्वारा बालिका की आंखें जाने की खबर। हरकत में आए सीएमओ। मैनपुरी के झोलाछाप क्‍लीनिकों पर हो रही कार्रवाई।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 03:24 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 03:24 PM (IST)
Jagran Impact: अब बक्‍शे नहीं जाएंगे रोशनी छीनने वाले हाथ, चलेगा कानून का डंडा
Jagran Impact: अब बक्‍शे नहीं जाएंगे रोशनी छीनने वाले हाथ, चलेगा कानून का डंडा

आगरा, जेएनएन। आखिरकार सरकारी महकमे की नींद खुल ही गई। जागरण के शनिवार के अंक में  प्रकाशित चाहो मुझे गिरवी रख लो, बेटी की आंखें लौटा दो शीर्षक खबर पर संज्ञान लेते हुए सीएमओ डॉ अशोक कुमार पांडे ने अपनी टीम के साथ कार्रवाई की। सीएमओ ने मैनपुरी के थाना बिछवां के गांव लहरा स्थित झोलाछाप डॉक्‍टर के क्‍लीनिक पर छापा मारा। हालांकि झोलाछाप घटना के बाद से मौके से फरार है। सीएमओ ने दुकान पर सील लगवा दी है और मामले में कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। 

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मामले के अनुसार पंद्रह दिन पहले अरविंद श्रीवास्तव की बेटी शिवानी (16) को तेज बुखार आया था। गांव के ही झोलाछाप बंगाली ने उसे बुखार में ही इंजेक्शन लगा दिया, जिससे उसकी दोनों आंखों की रोशनी चली गई। बेटी के इलाज के लिए पिता ने हर संभव प्रयास किए, लेकिन राहत नहीं मिली। उपचार के लिए रुपयों की जरूरत हुई तो तीन बीघा जमीन 30 हजार रुपये में गिरवी रख दी। अलीगढ़ के गांधी हॉस्पिटल के चिकित्सकों का कहना है कि रोशनी एक हद तक वापस आ सकती है। पीड़ित परिजनों ने अब सरकार से मदद मांगी है।

पॉलीथिन तानकर गुजार दिए 32 साल

बीते 32 वर्षों से पॉलीथिन तानकर रह रहे अरविंद का कहना है कि हर बार आवास की मांग की, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। गरीबी के चलते बेटे शिवम को 10 वीं के बाद पढ़ाई छुड़वानी पड़ी। छोटा बेटा शिवानंद कक्षा तीन में पढ़ रहा है। 

शिवानी का होगा बेहतर उपचार

शिवानी के उपचार को बेहतर प्रबंध कराए जाएंगे। जरूरत पड़ी तो जांच के बाद उसे सैफई और दूसरे अस्पताल में वरिष्ठ नेत्र रोग विशेषज्ञ के पास भेजा जाएगा। झोलाछाप के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

डॉ. एके पांडेय, सीएमओ, मैनपुरी

कार्रवाई को गई टीम पर ग्रामीणों ने बोला हमला

गांव लहरा में झोलाछाप की दुकान सील करने के बाद सीएमओ अपनी टीम के साथ गांव हन्नुखेड़ा पहुंच गए। यहां एक झोलाछाप दुकान चलाता है, वो दुकान बंद थी। नजदीक ही हन्नुखेड़ा पुलिस चौकी के सामने एक पैथलॉजी और एक मेडिकल स्टोर चल रहा था। सीएमओ ने दोनों को सील करा दिया। इस पर कुछ लोग एकत्र हो गए और टीम पर हमला कर दिया। गाड़ियों पर पथराव किया। सीएमओ वहां से बचकर निकल गए, लेकिन लोगो ने दो कर्मचारियों को बंधक बना लिया। उनसे जबरन सील खुलवा ली गई और मारपीट की गई। बाद में पुलिस ने बंधक बनाए गए अर्दली ध्रुव कुमार व वरिष्ठ सहायक आलोक कुमार को छुड़ाया। मामले में स्वास्थ्य विभाग की और से थाने में तहरीर दी जा रही है। 


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