Agra Lockdown Upday Day 6: सीएम योगी आएंगे कल व्यवस्थाओं का जायजा लेने, बन रहे आश्रय स्थल
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के मद्देनजर प्रशासन जुटा तैयारियों में। आश्रय स्थल बनाने का काम शुरू।
आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना संकट के चलते देशभर में किए गए 21 दिवसीय लॉकडाउन में राजधानी दिल्ली से पूर्वी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान की ओर अपने घरों को लौट रहे लोगों का हाल जानने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ मंगलवार को आगरा आ रहे हैं। उनका आना लगभग तय है, बस मिनट टू मिनट कार्यक्रम के आने का इंतजार किया जा रहा है। आगरा से होकर इन दिनों लाखों लोग गुजर चुके हैं, अभी और आ रहे हैं। इन लोगों के लिए यहां क्या व्यवस्था है, इसका जायजा सीएम लेंगे। साथ ही आगरा में लॉकडाउन में किस तरह पालन हो रहा है तथा ताजनगरीवासियों को किसी तरह की दिक्कत का सामना तो नहीं करना पड़ रहा है, मुख्यमंत्री याेगी इसकी भी समीक्षा करेंगे।
लॉकडाउन के छठवें दिन यानि सोमवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मंगलवार को आगरा आने का मैसेज स्थानीय अधिकारियों को प्राप्त हुआ है। इस बाबत आइजी ए. सतीश गणेश ने पुष्टि की है। सीएम के आने की खबर के साथ पुलिस प्रशासन ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। मुख्यमंत्री के आगरा दौरे का मिनट टू मिनट कार्यक्रम भी दोपहर तक प्राप्त होने की संभावना है। माना जा रहा है कि सीएम सर्किट हाउस या खेरिया एयरपोर्ट पर भाजपा पदाधिकारियों के साथ भी बैठक कर सकते हैं। माना यह भी जा रहा है एक बूथ के भाजपा अध्यक्ष को 10 गरीबों को भोजन कराने की जिम्मेदारी भी दी जाएगी। साथ ही संघ के पदाधिकारियों को अनुश्रवण का जिम्मा दिया जाएगा। लॉकडाउन के दौरान यह भी सामने आ रहा है कि दुकानदार आगरा में कालाबाजारी कर रहे हैं। इस पर नकेल कसने को मुख्यमंत्री के आने से पहले अपर मुख्य सचिव ने डीएम व एसएसपी विशेष निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री के साथ अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद के आने का भी कार्यक्रम है।
किसी रसोई आश्रय स्थल का भी मुआयना कर सकते हैं मुख्यमंत्री
जो लोग 200-250 पैदल चलकर आगरा पहुंच रहे हैं या वे गरीब जो झुग्गी-झोपडि़यों में जीवनयापन कर रहे हैं और अब उनके पास दो वक्त की रोटी का संकट है। ऐसे लोगों के लिए आगरा में आश्रम स्थल बनाने का काम भी शुरू कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री के कार्यक्रम को लेकर प्रशासन स्टेडियम व नगर निगम के रैन बसेरों का भी मुआयना करा रहा है। एक दर्जन से अधिक धर्मशालाओं की सूची भी तैयार हो रही है। पिछले पांच दिन में कहां-कहां होम डिलीवरी की गई, किस रेट पर सामान दिया गया, कितने लोगों को भोजन वितरित किया गया आदि सूचनाएं भी एकत्र की जा रही हैं।
मजदूरों ने खाली की अपनी झोपड़ियां
पिछले पंद्रह सालों से हम यहां रह रहे थे। लगता था मानो यही हमारा शहर है। लेकिन कोरोना ने हमारे घर, हमारे शहर को छुड़वा दिया। यह कहना है टीकमगढ़ के दीपक का। दीपक आवास विकास कालोनी के सेक्टर 15 बी में लंबे समय से झोपड़ी बनाकर रह रहे थे। अब वह अपने परिवार के साथ गांव लौट गए। उनके साथ सेक्टर 15 और 14 में रहने वाले लगभग दो सौ से ज्यादा परिवार अपने-अपने गांवों की तरफ रवाना हो गए। दिल्ली और अन्य शहरों से अपने घरों की तरफ रवाना हुए लोगों में अब ताजनगरी के मजदूर भी शामिल हो गए हैं। आवास विकास के दो सेक्टरों से ही 200 से ज्यादा परिवारों ने अपने बोरिया-बिस्तर समेट लिया। झोपड़ियों को बंद कर दिया। बिहार के रहने वाले राजू बताते हैं कि इसी सेक्टर 15 में हमने कई घर बनाए हैं। अब अपने गांव जाकर खेती करेंगे, यहां रहने से कुछ नहीं होगा। कांति अपने पति के साथ यहां पिछले सात सालों से मजदूरी कर रही थी। कांति ने कहा कि खाना तो मिल रहा है, लेकिन काम नहीं मिलेगा। इसलिए अपने घर जा रहे हैं। इनमें कई मजदूर आवास विकास कालोनी में बन रही एंथेला और एंथेम कालोनी को बनाने में जुटे हुए थे। लॉक डाउन में काम बंद हुआ तो इनके सामने जीवनयापन का संकट खड़ा हो गया।