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अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप की यात्रा के बाद ताजमहल में कब्र कक्ष की दीवारों को चमकाना शुरू Agra News

मुख्य मकबरे में हैं शाहजहां-मुमताज की कब्र। दीवारों पर पहली बार किया जा रहा मडपैक। ट्रंप के दौरे को देखते हुए रोक दी गई थी प्रक्रिया।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 07 Mar 2020 10:11 AM (IST)Updated: Sat, 07 Mar 2020 10:11 AM (IST)
अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप की यात्रा के बाद ताजमहल में कब्र कक्ष की दीवारों को चमकाना शुरू Agra News
अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रंप की यात्रा के बाद ताजमहल में कब्र कक्ष की दीवारों को चमकाना शुरू Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजमहल में एक बार फिर मडपैक ट्रीटमेंट (मुल्तानी मिट्टी का लेप) की शुरुआत कर दी गई है। मुख्य मकबरे में शाहजहां व मुमताज की कब्रों वाले कक्ष में दीवारों पर मडपैक किया जा रहा है। कक्ष की दीवारों पर ताज बनने के बाद पहली बार मडपैक किया जा रहा है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 24 फरवरी को ताजमहल देखने आए थे। उनके दौरे से पूर्व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की रसायन शाखा ने मुख्य मकबरे में स्थित शाहजहां व मुमताज की कब्रों की प्रतिकृतियों पर पहली बार मडपैक ट्रीटमेंट कराया था। ट्रंप की विजिट के चलते यहां काम रोक दिया गया था। अब यहां पुन: मडपैक ट्रीटमेंट की शुरुआत की गई है। शाहजहां व मुमताज की कब्रों वाले कक्ष में दीवारों पर मडपैक ट्रीटमेंट किया जा रहा है। दीवारों पर करीब छह फुट की ऊंचाई तक संगमरमर लगा हुआ है। इसमें पच्चीकारी व कार्विंग का काम है। पूर्व में इसे पर्यटक स्पर्श करते थे, जिससे यह पीला पड़ गया है। असली कब्रें मकबरे के तहखाने में हैं, इन पर बाद में मडपैक किया जाएगा। ताजमहल का निर्माण 1632 से 1648 के बीच हुआ था। कब्र वाले कक्ष की दीवारों पर ताज बनने के बाद पहली बार मडपैक ट्रीटमेंट किया जा रहा है।

1984 में हुई थी केमिकल क्लीनिंग

एएसआइ की रसायन शाखा ने कब्रों वाले कक्ष की दीवारों की केमिकल क्लीनिंग वर्ष 1984 में कराई थी। वर्ष 2008 में ताजमहल के रेन शेल्टर पोर्च (मेहराब) में मडपैक ट्रीटमेंट किया गया था। 2004 में भी रेन शेल्टर पोर्च में कुछ जगह मडपैक ट्रीटमेंट हुआ था। वर्ष 2015 में संसद की पर्यावरण संबंधी स्थाई समिति की सिफारिश के बाद पूरे ताजमहल को मडपैक ट्रीटमेंट कर साफ करने की शुरुआत की गई।

ये है मडपैक ट्रीटमेंट

मडपैक ट्रीटमेंट में स्मारक की संगमरमरी सतह पर मुल्तानी मिट्टी का लेप किया जाता है। उसे सूखने दिया जाता है। मडपैक स्मारक की सतह से धूल कणों को सोख लेता है। इसके बाद उसे डिस्टिल वाटर से धोकर साफ कर दिया जाता है। 


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