दर्दनाक: गाय और बंदरों के हमले में बच्चे का पंजा हाथ से हो गया अलग Agra News
माईथान क्षेत्र में दिल दहला देने वाली घटना छात्र के हाथ में फंस गई थी गाय की रस्सी। 100 मीटर तक घसीटती ले गई गाय बंदरों ने किया लहूलुहान।
आगरा, जागरण संवाददाता। माईथान क्षेत्र में मंगलवार को गाय और बंदरों के हमले में छात्र का पंजा उसके हाथ से अलग हो गया। बंदरों के झुंड ने छात्र को लहूलुहान कर दिया। बस्ती के लोगों ने किसी तरह बचाया और गंभीर हालत में एसएन इमरजेंसी में भर्ती कराया। यहां से स्वजन उसे निजी अस्पताल ले गए।
माईथान निवासी अंश यादव (13) पुत्र गोपाल यादव पांचवीं का छात्र है। वह घटिया पर एक मिशनरी स्कूल में पढ़ता है। दोपहर ढाई बजे स्कूल से लौटने के बाद वह घर के सामने बंधी अपनी गाय को खोलकर ले जा रहा था। इसी दौरान गली में पीछे से आए किसी बाइक सवार ने हार्न बजा दिया। इससे गाय बिदक गई और उसने दौड़ लगा दी। रस्सी का एक सिरा गाय के गले में जबकि दूसरा अंश के बाएं हाथ में लिपटा था। इसके चलते वह गाय के साथ घिसटता चला गया। इस दौरान उसका सिर ईंट आदि से टकराता रहा। वह मदद के लिए चीखता रहा।
इस बीच गाय उसे मुहल्ले से 100 मीटर दूर कस्तूरी देवी जैन कॉलेज के पास तक घसीटकर ले गई। अंश का पैर वहां खड़ी एक कार में फंस गया। इससे उसका दाएं हाथ का पंजा गाय के दौडऩे के चलते शरीर से अलग हो गया। इस बीच अंश पर वहां बंदरों के झुंड ने हमला बोल दिया। उसका चेहरा और सिर को काटकर बुरी तरह से जख्मी कर दिया। उसने कार के नीचे किसी तरह घुसकर अपनी जान बचाई। उधर, अंश की चीख-पुकार सुनकर बस्ती के लोग दौड़ पड़े। उन्होंने बंदरों के झुंड से किसी तरह उसे बचाया। गंभीर हालत में उसे एसएन इमरजेंसी लेकर आए। लोगों ने गाय की रस्सी में फंसा उसका हाथ का पंजा भी खोज निकाला। डॉक्टरों ने ऑपरेशन करके पंजे को दोबारा जोडऩे में असमर्थता जता दी। देर शाम को स्वजन उसे दिल्ली रेफर कराके ले गए।
खौफनाक दृश्य देख कांप उठे लोग
माईथान बस्ती के यश आदि का कहना है कि सब कुछ इतना पलक झपकते हुआ कि किसी को कुछ समझने का मौका नहीं मिला। अंश की चीख सुनकर उसकी मदद करने को लोग दौड़े, उसे बचा पाते इससे पहले ही उनकी आंखों के सामने अंश का पंजा उसके हाथ से अलग हो गया। बंदरों का झुंड भी उस पर टूट पड़ा। अंश की हालत देख उनके रोंगटे खड़े हो गए।
डॉक्टरों के आगे गुहार लगाता रहा पिता
बेटे का कटा पंजा लेकर पिता एसएन इमरजेंसी में डॉक्टरों से गुहार लगाता रहा। पंजे को पिता गोपाल यादव ने एक पॉलीथिन में रखा हुआ था। डॉक्टरों ने उसे ऑपरेशन से जोडऩे में हाथ खड़े कर दिए। इससे वह बिलखकर रोने लगा। परिवार के लोगों ने बताया अंश तीन बहनों में इकलौता भाई है। मां प्रेमवती समेत अन्य स्वजन भी इमरजेंसी पहुंच गए।