टीटीजेड में नही आते बादल, फिर विमान उड़ने से ताजमहल को खतरा कैसे
सिविल सोसायटी आफ आगरा का सवाल। आखिर जेवर की तर्ज पर क्यों नही हो रही आगरा सिविल एन्क्लेव की पैरवी। सिविल सोसायटी आफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा सदस्य राजीव सक्सेना व शिरोमणि सिंंह ने शुक्रवार को खेरिया एयरपोर्ट के निदेशक एए अंसारी से मिलकर यह सवाल किया है।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) प्राधिकरण अधिकार क्षेत्र में बादल नही आते हैं। विमान तो उससे भी अधिक ऊंचाई पर उड़ता है, फिर विमान से ताजमहल को खतरा कैसे हो सकता है। सिविल सोसायटी आफ आगरा के सदस्योें ने जनप्रतिनिधियों व प्रदेश सरकार से यह सवाल किया हैं। सदस्यों ने कहा कि आगरा का सिविल एन्क्लेव प्रोजेक्ट नया न होकर शिफ्टिंग प्रोजेक्ट है, इसलिए जेवर की तरह इस प्रोजेक्ट की पैरवी प्रदेश सरकार सुप्रीमकोर्ट में करें तो इस प्रोजेक्ट पर काम शुरु होगा।
सिविल सोसायटी आफ आगरा के सचिव अनिल शर्मा, सदस्य राजीव सक्सेना व शिरोमणि सिंंह ने शुक्रवार को खेरिया एयरपोर्ट के निदेशक एए अंसारी से मिलकर यह सवाल किया है। उन्होेंने कहा कि सिविल एन्क्लेव के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। अब केवल वहां एयरपोर्ट के लिए निर्माण कार्य शुरू होना है। यदि प्रदेश सरकार इस मामले में रूचि ले तो इस प्राेजेक्ट को गति मिल सकती है।
लैंडिंग और टेक ऑफ करने वाले विमान पुशबैक सिस्टम से होंगे हैंडल
सिविल सोसायटी आफ आगरा के सदस्यों के समक्ष एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि आगरा में बनने जा रहा सिविल एन्क्लेव अति न्यून लगभग नागण्य प्रदूषण ही उत्सर्जित करेगा। इसके लिए यहां से उडने और लैंडिंग करने वाले यात्री वायुयानों के लिये अब तक पावर इन पावर आउट सिस्टम प्रयोग में है, जबकि नये एन्क्लेव में पुश बैक तकनीक का इस्तेमाल होगा। नये सिस्टम में एयरफोर्स स्टेशन आगरा के रनवे पर वायुयान लैंडिंग और टेक ऑफ करने तक ही अपने पावर बैक सिस्टम का इस्तेमाल करेगा जबकि इसके बाद सिविल एन्क्लेव के टैक्सी ट्रैक और उसकी पार्किंग तक आने जाने में पुशबैक सिस्टम का इस्तेमाल होगा। नया सिस्टम जल्दी ही मौजूदा सिविल एन्क्लेव में लागू होगा। उन्होेने बताया कि पावर बैक सिस्टम में वायुयानों को पार्किंग और हैंगरों तक पहुंचने के लिये अपने इंजन सपोर्टेड सिस्टम का ही इस्तेमाल करना होता है,जिसमें बहुत अधिक खर्च होता है,जबकि पुशबैक सिस्टम में वायुयान के इंजन लैंडिंग करने के बाद व टेक ऑफ करने तक बंद रहते हैं। उन्होंने बताया कि सिविल एन्क्लेव परिसर वायुयान से जनित वायुप्रदूषण से लगभग मुक्त होगा। वैसे ट्रेलरों और ट्रैक्टरों में भी वायुप्रदूषण कारी ईंधन का उपयोग नहीं होगा।
एयरपोर्ट निदेशक ने बताया कि सिविल एन्क्लेव परिसर में जनित सीवर और गंदे पानी का ट्रीटमेंट करने के लिए आधुनिकतम तकनीक का एचटीपी लगाया जाएगा, जहां ट्रीटड एफ्यूलैट का डिस्पोजल 'रियूज्ड वाटर' के रूप में होगा।