City Bus: सिटी बसों का हाल ऐसा, बैठें तो कपड़ों की सुरक्षा पहले खुद कर लें तय
आगरा में सिटी बसों का हाल रखरखाव के अभाव में हो गया खराब। आगरा में अधिकांश बसों में सीटेें टूटीं फर्श उखड़ा हुआ। यात्रियों के फट रहे कपड़े। करोड़ों की लागत से खरीदीं गई थीं जेएनएनयूआरएम के अंतर्गत बसें।
आगरा, जागरण संवाददाता। टूटी सीट, टूटी छत, टूटा इंडीकेटर, फर्श भी कई जगह उधड़ा हुआ। भगवान टाकीज से एमजी रोड पर दौड़ लगाने वाली सिटी बसों का कुछ ऐसा ही हाल है। कंडम बसों में यात्री सफर करने को मजबूर हैं, जो बारिश में टपकती हैं, तो टूटी सीट आए दिन यात्रियों के कपड़ों को नुकसान पहुंचाती हैं। उधड़ा फर्श भी हादसों का कारण बनता है। करोड़ोंं रुपये खर्च कर खरीदी गईं बसों का रखरखाव न होने का खामियाजा यात्रियों को भुगतना पड़ रहा है।
एमजी रोड पर यात्रियों की सुविधा के लिए 170 सिटी बसें स्वीकृत हैं, जिसमें से 30 बसों को सरेंडर कर दिया गया है। वहीं विभाग प्रतिदिन 25 से 30 बसें संचालित होने का दावा करता है, जबकि डिपो से 15 से 20 बसें ही निकलती हैं। कुछ बसों का संचालन बाह, फतेहाबाद, खेरागढ़ आदि रूटों पर भी होता है। एमजी रोड पर दौड़ लगाने वाली बसों का हाल बदहाल है। अधिकतर बसें पूरी तरह जर्जर हो चुकी हैं, लेकिन बिना मरम्मत कराए उन्हें दौड़ाया जा रहा है। इससे यात्रियों को असुविधा होती है। सोमवार को सेंट जोंस चौराहे के निकट दोपहर में बस के लिए यात्री 30 मिनट से अधिक से इंतजार कर रहे थे। वहीं प्रतापपुरा चौराहे के निकट खड़ी रुचि ने बताया कि रोज आधा से एक घंटा बसों के इंतजार में खराब होता है। बसें भी ऐसी हैं, जिसमें जरा ध्यान बचा तो कपड़ों का फटना तय है।
बस की सीटें बुरी तरह से टूटी हुई हैं। फर्श भी उधड़ा हुआ है। आए दिन लोग इससे चोटिल होते हैं। कोई ध्यान नहीं देता है।
राजकुमार, यात्री
बसों के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। इनकी स्थिति भी बहुत खराब है। टूटी बसें आए दिन कपड़ों को खराब करती हैं।
विवेक, यात्री
अधिकारियों को देते हैं जानकारी
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक परिचालक ने बताया कि रोज ही कोई न कोई यात्री बस की स्थिति को लेकर नाराज होता है। हम उसे तो समझाकर टाल देते हैं, लेकिन संबंधित अधिकारियों को जानकारी देते हैं। इसके बाद भी कार्यशाला से रोज इन्हीं बसों को सड़क पर निकाला जाता है। रविवार को आए एक परीक्षार्थी की पेंट सीट से अटक फट गई थी।
बसें पुरानी हो चुकी हैं, लेकिन बेहतर बसों का संचालन किया जा रहा है। इनमें से कुछ बसों की लाइफ पूरी हो चुकी हैं, लेकिन रिप्लेसमेंट में इलेक्ट्रिक बसें आ रही हैं। जल्द ही आगरा में इलेक्ट्रिक बसें दौड़ेंगी, जिनका चार्जिंग स्टेशन तैयार कराया जा रहा है।
आरपी गिरी, एमडी, आगरा-मथुरा सिटी ट्रांसपोर्ट