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सिटी बसों में खाइए धक्के, व्यवस्था के जाम 'चक्के'

एमजी रोड पर बुरा हाल, बसें कम सवारियां अधिक, आधी सवारियों को खड़े-खड़े करना पड़ता सफर

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 10:00 AM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 10:00 AM (IST)
सिटी बसों में खाइए धक्के, व्यवस्था के जाम 'चक्के'
सिटी बसों में खाइए धक्के, व्यवस्था के जाम 'चक्के'

आगरा, जागरण संवाददाता। बुधवार को दोपहर के 12 बजे थे। भगवान टॉकीज के पास रहने वाली साठ वर्षीय सुमित्रा देवी को कैंट जाना था। भगवान टॉकीज चौराहे से उन्होंने सिटी बस पकड़ी। लेकिन पहले से भरी बस में बैठने को जगह नहीं थी। महिलाओं के लिए आरक्षित सीट पर पुरुष बैठे थे, उन्होंने हटने को कहा, लेकिन वे नहीं हटे। कैंट तक उन्हें खड़े-खड़े सफर करना पड़ा।

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ये सरकारी व्यवस्था का स्याह पहलू है। सिटी बस में यात्रियों के लिए व्यवस्थाएं तो बहुत की गईं, लेकिन कुछ ही दिन में ये धड़ाम हो गईं। सहूलियत फाइलों में कैद हैं और यात्री बसों में धक्के खा रहे हैं। सिटी बसों की हालत इतनी खराब है कि यात्रियों को खड़े-खड़े सफर करना पड़ रहा है।

आगरा-मथुरा ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड प्रतिदिन साठ बसें दौड़ाने का दावा कर रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि ये बसें भी यात्रियों की संख्या को देख काफी कम हैं। कहीं बसों में लटककर उन्हें सफर करना पड़ा, तो कहीं खड़े-खड़े दूरी तय करनी पड़ी। एक सिटी बस में 42 सीट होती हैं। लेकिन बसों में 70 सवारी तक सफर कर रही थीं। महिलाओं की सीट पर भी कब्जा

सिटी बस प्रबंधन ने महिला यात्रियों की सुविधा के लिए हर बस में एक तरफ की आधी सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित की थीं, लेकिन इन सीटों पर भी पुरुषों का कब्जा रहता है। 35 से 40 बसें वर्कशॉप में

प्रबंधन दावा तो प्रतिदिन 90 फीसद बसें रूटों पर दौड़ाने का कर रहा है, लेकिन हकीकत ये है कि करीब 35 से 40 बसें वर्कशॉप में ही खड़ी रहती हैं। रूट पर बसों की कमी के चलते ही यात्रियों को दिक्कत हो रही है। सबसे ज्यादा कमाई, फिर भी दुश्वारी

सिटी बस के रूटों में सबसे ज्यादा कमाई एमजी रोड के रूट से ही होती है। औसतन प्रतिदिन दो लाख रुपये की कमाई केवल इस रूट से हो रही है, जबकि बाकी के पांच रूट से डेढ़ लाख रुपये की कमाई ही होती है। अधिक कमाई के बाद भी एमजी रोड पर यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ती है। टाइम निकला लेकिन नहीं हुई अवधि पूरी

कई सिटी बसें ऐसी हैं, जिनका कंडम होने का टाइम तो पूरा हो गया है, लेकिन वे निर्धारित किमी तक नहीं दौड़ीं, ऐसे में उनको फिर से फिटनेस कर दौड़ाया जा रहा है। एक नजर

170 सिटी बसें आगरा में हैं।

60 बसें प्रतिदिन एमजी रोड पर दौड़ने का दावा किया जा रहा है।

10 से 20 फीसद तक बसें वर्कशॉप में रहती हैं।

225 सिटी बस चालक आगरा में तैनात हैं।

244 सिटी बस चालक ड्यूटी पर हैं। 16 सिटी बसें कंडम हो गई हैं। ये हैं रूट

एमजी रोड (कैंट-रोहता तक), टूंडला, पिनाहट, खेरागढ़, फतेहपुर सीकरी, शमसाबाद। सिटी बसें सबसे ज्यादा एमजी रोड पर दौड़ाई जा रही हैं। महिला की आरक्षित सीट पर कब्जा न हो, इसके लिए टीआइ को निर्देश दिए गए हैं।

आरबीएल शर्मा, प्रबंध निदेशक, आगरा-मथुरा सिटी बस ट्रांसपोर्ट सर्विसेज।


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