बच्चे नहीं कर रहे नाश्ता, कक्षा में आ रही नींद, एक्सपर्ट से जानिए समाधान Agra News
दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेश दीक्षित ने बच्चों की बीमारी से जुड़े सवालों के जवाब दिए।
आगरा, जागरण संवाददाता। बच्चे सुबह का नाश्ता नहीं कर रहे हैं, इससे पढ़ाई करते समय नींद आ जाती है। फास्ट फूड का सेवन अधिक करने से बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो रही है। इससे जल्दी-जल्दी सर्दी-जुकाम के साथ बुखार आ रहा है। दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. योगेश दीक्षित ने बच्चों की बीमारी से जुड़े सवालों के जवाब दिए।
सवाल: बेटा जल्दी जल्दी बीमार हो जाता है, खाना नहीं खाता है।
जवाब: बच्चे फास्ट फूड का सेवन अधिक करते हैं, इससे वे घर का बना खाना नहीं खाते हैं। ऐसे बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बार-बार बीमार होते हैं। खान-पान सही रखने के साथ डॉक्टर से परामर्श ले लें।
सवाल: बच्चे को जल्दी-जल्दी सर्दी जुकाम हो जाता है।
जवाब: सर्दी-जुकाम का एक बड़ा कारण प्रदूषण है, यह बाहर के साथ घर के अंदर भी हो सकता है। इससे बचाए, बीमार होने पर दवाएं पूरी दिलवाएं।
सवाल: बेटे की हृदय की सर्जरी हो चुकी है, कई दिनों से खांसी है।
जवाब: दवा से खांसी ठीक हो जाएगी, डॉक्टर से परामर्श ले लें।
सवाल: बच्चे के सिर में दर्द है, स्कूल नहीं जा रहा है।
जवाब: यह सर्दी-जुकाम के कारण हो सकता है, तीन से पांच दिन में यह ठीक हो जाता है।
सवाल: बच्चे को स्कूल में नींद आती है, पढऩे में मन नहीं लगता है।
जवाब: यह समस्या सुबह का नाश्ता ना करने वाले बच्चों को होती है। बच्चे को सुबह नाश्ता कराने के बाद ही स्कूल भेजें।
नाश्ता न करने से शुगर का स्तर हो जाता है कम
अक्सर बच्चे सुबह नाश्ता नहीं करते हैं, इन बच्चों में शुगर का स्तर कम होने लगता है। इससे कक्षा में पढ़ाई करते समय बच्चों को नींद आ जाती है, पढऩे में मन नहीं लगता है और याददाश्त कमजोर होती है।
तीन साल तक बच्चा चबाकर खाना नहीं खाता
बच्चे को छह महीने तक स्तनपान करना चाहिए, इसके बाद दलिया, खिचड़ी को मथ कर खिलाए, खीर और हलुआ खिला सकते है। तीन साल की उम्र तक बच्चों को चबाकर खाना खाने में परेशानी होती है, इसे ध्यान में रखकर स्वादिष्ट खाना बनाकर खिलाएं।
टीकाकरण कराएं, ज्यादा दवाओं से बचाए
रोटा वायरस से होने वाले डायरिया से लेकर हेपेटाइटिस, नीमोकॉकल इन्फेक्शन के लिए वैक्सीन उपलब्ध हैं। बच्चों का टीकाकरण जरूर कराएं, कोई टीका छूट जाता है तो डॉक्टर से परामर्श लेकर बाद में लगवा सकते हैं। वहीं, बच्चे में वायरल बुखार और डायरिया सही होने में समय लगता है। इसके लिए डॉक्टर पर ज्यादा दवाएं लिखने का दवाब ना बनाएं। एंटीबायोटिक के ज्यादा इस्तेमाल से परेशानी हो सकती है।
प्रोफाइल
एमबीबीएस - 1988 एसएन मेडिकल कॉलेज
एमडी - 1996 एमएलबी मेडिकल कॉलेज झांसी
डॉ. योगेश दीक्षित, बाल रोग विशेषज्ञ
इन्होंने पूछे सवाल
आगरा: धर्मेंद्र सिंह, राजेश त्यागी, हरी सिंह, धीरेंद्र सिंह जादौन, अनीता सिंह, प्रेम कुमार वर्मा, राकेश प्रताप, आरडी शर्मा, प्रियंका गुप्ता, सुमन। फीरोजाबाद: विमल यादव, छवि राम वर्मा, आरती। मैनपुरी: राजकुमार, अनीता।