'जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से जुड़ेगी मतदाता सूची': बिहार, पश्चिम बंगाल के विस चुनाव पर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कही ये बात
मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र से लिंक करने की पहल शुरू। इससे डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या में कमी आएगी। मुख्य निर्वाचन ...और पढ़ें

अमित दीक्षित, जागरण आगरा। मतदाता सूची को त्रुटिहीन बनाने के लिए उसे जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र से लिंकअप किए जाने पर काम किया जा रहा है। इससे कोई व्यक्ति जैसे ही 18 साल की आयु का होगा या फिर किसी मतदाता की मृत्यु होगी, दोनों परिस्थितियों में निर्वाचन आयोग को सूचना पहुंच जाएगी। इससे डुप्लीकेट मतदाताओं की संख्या में कमी आएगी। मतदाता सूची को शत-प्रतिशत त्रुटिरहित बनाया जा सकेगा। यह कहना है मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार का।
शनिवार सुबह पैतृक आवास पर दैनिक जागरण से खास बातचीत में उन्होंने कहा, बिहार, बंगाल और तमिलनाडु विधानसभा के आगामी चुनाव निष्पक्ष कराए जाएंगे। समय रहते इसकी तैयारी हो जाएगी। निर्वाचन आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ खड़ा था और रहेगा। फोटोयुक्त मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के सवाल पर कहा, इसके लिए बूथ लेवल अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है। इसे जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र के पंजीकरण से जोड़ा जा रहा है। विशेष अभियान भी चलाए जाएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार।
देश में एक ही चुनाव को लेकर चल रही तैयारी पर बोले
देश में एक ही चुनाव को लेकर तैयारी के सवाल पर कहा, इसे लेकर तेजी से कार्य चल रहा है। यूनिक नंबर जारी किया जाएगा। इसके दायरे में नए और पुराने भी मतदाता आएंगे। तीन माह में इसका असर भी दिखेगा। ईवीएम पर बार-बार उठते सवाल पर कहा, मशीन फुलप्रूफ है। साल दर साल होने वाले चुनावों में तकनीक का प्रयोग बढ़ रहा है। हर तरीके से एक ही प्रयास है कि मतदाताओं को सहूलियत मिल सके। आगामी चुनाव में भी इसका ही प्रयोग किया जाएगा। इसपर कार्य चल रहा है।
देश में 100 करोड़ मतदाता
देश में 100 करोड़ मतदाता हैं। अगर बूथों की बात की जाए तो इसकी संख्या साढ़े दस लाख है। बूथ लेवल अधिकारियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 18 साल या फिर इससे अधिक उम्र के व्यक्ति का नाम मतदाता सूची में अनिवार्य रूप से जोड़ने के लिए कहा गया है। मतदान प्रतिशत बढ़े, इसके लिए हर प्रयास किया जाएगा। इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म से लेकर हर तरीके से मतदाताओं को जागरूक किया जाएगा।
अमेरिका की नौकरी छोड़ लिया देश सेवा का संकल्प
मंच से मुख्य चुनाव आयुक्त ने अपनी पढ़ाई से लेकर करियर तक की बातें साझा की। उन्होंने कहा कि मुझे अपने घर लखनऊ से दिल्ली होते हुए नौकरी के लिए अमेरिका जाना था। मैं अपने कमरे में भाई और बहन के साथ था। मैं जाग गया। मां चाय लेकर आईं। चाय ठंडी थी। मां को याद दिलाई कि चाय ठंडी है। मां आई और बोलीं फिर से बना देती हूं। तब मेरे मां की आंखों में देखा, तो उनके आंखे लाल थीं। दोबारा जाय लेकर आईं, तब उसमें चीनी अधिक थी। मां की आंखें नम थीं। तब मेरे पूछा कि मां बात क्या है।
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आखिर में कर दिया मना
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि मां ने कहा, कि मैं नहीं चाहती कि तुम गोरों को गुलामी करो। उन्होंने कहा कि चाय पीने के बाद नहाते वक्त फैसला लिया कि अमेरिका न जाकर देश सेवा ही करनी है, लेकिन पिता के सामने अमेरिका न जाने की मना करना इतना आसान नहीं था। आखिर में मना कर दिया। उस वक्त घर का माहौल तनाव पूर्ण हो गया। पिता जी बिना नाश्ता किए ही हास्पिटल चले गए। इसके बाद एक नौकरी की। जिसमें रहते आइएएस की परीक्षा पास की। धीरे धीरे कर यहां तक का सफर आप सकी के सहयोग से तय किया है।

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