Move to Jagran APP

क्षमावाणी पर्व पर की एक-दूसरे से क्षमा याचना

एमडी जैन में आगरा दिगंबर जैन परिषद ने किया कार्यक्रम

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Sep 2021 02:00 AM (IST)Updated: Mon, 27 Sep 2021 02:00 AM (IST)
क्षमावाणी पर्व पर की एक-दूसरे से क्षमा याचना
क्षमावाणी पर्व पर की एक-दूसरे से क्षमा याचना

आगरा, जागरण संवाददाता। आचार्य मेरुभूषण महाराज, मुनि प्रणम्य सागर और मुनि चंद्र सागर के सानिध्य में आगरा दिगंबर जैन परिषद व दिगंबर जैन शिक्षा समिति ने रविवार को एमडी जैन इंटर कालेज, हरीपर्वत में क्षमावाणी पर्व मनाया। समाज के लोगों ने साल भर में अपने द्वारा किसी भी जीव के प्रति जाने-अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा याचना की। मन का मैल धोकर नए जीवन की शुरुआत का प्रण लिया।

loksabha election banner

कार्यक्रम का शुभारंभ मंगलाचरण से हुआ। मुनिश्री का पाद प्रक्षालन पर्व सेवा संघ द्वारा किया गया। शांतिनाथ महिला मंडल हरीपर्वत, राशि जैन एंड ग्रुप, कमला नगर एवं सेक्टर सात आवास विकास कालोनी सिकंदरा के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी। आगरा दिगंबर जैन परिषद के प्रतिनिधियों ने शांतिनाथ युवा संघ, ज्ञानोदय क्लब, ज्ञान युवा परिषद, अर्हं बालिका मंडल एवं सभी सहयोगियों को सम्मानित किया। दीपक जैन, ख्याति जैन, संस्कृति जैन, शशि पाटनी को सम्मानित किया गया। मुनि प्रणम्य सागर ने धर्मसभा में कहा कि क्षमा आत्मा का गुण है। ये ऐसी दिव्य शक्ति है, जिसके द्वारा मानव अपने दोषों से मुक्त हो सकता है। ज्यों-ज्यों दोष हमारे ऊपर हावी होते जाते हैं, त्यों-त्यों हम भयभीत व दु:खी होते जाते हैं। सभी शैलियों ने मुनि प्रणम्य सागर ससंघ को अपनी शैली में मंगल प्रवास के लिए श्रीफल चढ़ाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि मेयर नवीन जैन, प्रदीप जैन पीएनसी, जगदीश प्रसाद जैन, राकेश जैन, सुनील जैन, अनंत जैन, विमल मारसंस, दिलीप जैन, निर्मल मोठ्या, हीरालाल बैनाड़ा, मदनलाल बैनाड़ा, अशोक जैन, राजकुमार राजू, मनीष जैन, विमल जैन, अनिल जैन, राजेंद्र जैन, महीपाल जैन आदि मौजूद रहे। जीवन का कल्याण करने वाली है जिनवाणी

आगरा, जागरण संवाददाता। निर्मल सदन, छीपीटोला में रविवार को धर्मसभा में मुनि वीर सागर ने कहा कि धर्म की बात करना और धर्म को जीवन में उतारना अलग बात है। लोगों की आपस में नहीं बनती तो झंडा भी डंडा बनकर एक-दूसरे के प्रयोग में आने लगता है। उन्होंने कहा कि जिनवाणी जीवन को उठाने वाली और कल्याण करने वाली है। व्यक्ति उसमें लिखे हुए को तोड़-मरोड़ कर पेश कर देता है तो एक नया पंथ खड़ा हो जाता है। शास्त्र की एक पंक्ति भी समाज में विद्वेष का कारण बन जाती है। वही शास्त्र कई लोगों के लिए शस्त्र का काम कर जाता है। लेखनी के माध्यम से बड़े-बड़े युद्ध हो जाते हैं। लेखनी में बहुत बल होता है। मीडिया प्रभारी दिलीप जैन ने बताया कि सोमवार को नौ बजे आगरा जैन समाज की सामूहिक क्षमावाणी निर्मल सदन में मनाई जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.