मरीजों से हर रोज 10 करोड़ की वसूली
आगरा: एंबुलेंस और हॉस्पिटल का गिरोह मरीजों से हर रोज 10 करोड़ की वसूली कर रहा है।
आगरा: एंबुलेंस और हॉस्पिटल का गिरोह मरीजों से हर रोज 10 करोड़ की वसूली कर रहा है। यहां बुखार और पेट दर्द के मरीज को सघन चिकित्सा कक्ष (आइसीयू) में भर्ती कर 50 हजार से डेढ़ लाख रुपये तक का बिल वसूला जा रहा है। इन हॉस्पिटलों में मरीज की मौत और आए दिन विवाद हो रहा है।
मैनपुरी, एटा, इटावा, मथुरा, भरतपुर के मरीजों को एंबुलेंस चालक यहां लेकर आते हैं। सामान्य बुखार और पेट दर्द पर मरीज को आइसीयू में भर्ती कर दिया जाता है। तीमारदार से पांच से 10 हजार रुपये जमा कराए जाते हैं, इसके बाद पैथोलॉजी जांच कराई जाती हैं। सूत्रों के मुताबिक, मरीज में खून की कमी बताते हुए ब्लड मंगाया जाता है। इससे तीमारदार डर जाते हैं। गुर्दे, पित्त की थैली में पथरी, आंत चिपकी होना, प्रोस्टेट का बढ़ना बीमारी बताते हुए तुरंत ऑपरेशन कराने का दबाव बनाया जाता है। दो से तीन दिन बाद मरीज का ऑपरेशन कर दिया जाता है। मरीज को कम से कम पांच दिन भर्ती रखा जाता है। ऑपरेशन और पांच दिन हॉस्पिटल में भर्ती रहने का बिल एक से डेढ़ लाख रुपये थमा दिया जाता है। तीमारदार बिल कम करने के लिए कहते हैं तो 10 से 20 हजार रुपये कम कर दिए जाते हैं। यह खेल शहर के 200 हॉस्पिटल में चल रहा है। एक अनुमान के तहत मरीजों से एंबुलेंस और हॉस्पिटल संचालक हर रोज 10 करोड़ रुपये की वसूली कर रहे हैं।
40 से 50 हजार दवाओं का बिल
हॉस्पिटल के अंदर ही मेडिकल स्टोर संचालित हैं। मरीजों को हाईजनरेशन एंटीबायोटिक लिखी जाती हैं, एक मरीज के लिए चार से पांच दिन में 40 से 50 हजार की दवाएं मंगाई जाती हैं। तीमारदार से दवाएं मंगाने के बाद कुछ ही दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं। हॉस्पिटल के बाहर स्थित मेडिकल स्टोर से दवाएं लाने पर उन्हें वापस कर दिया जाता है। हॉस्पिटल में बिल को लेकर आए दिन शिकायतें आ रही हैं। इन हॉस्पिटलों की जांच कराई जा रही है।
डॉ. मुकेश वत्स, सीएमओ