Move to Jagran APP

Central Jail Agra: आगरा की सेंट्रल जेल में कैदी होंगे अब नए हुनर में माहिर, CFTI देगा इनकाे ट्रेनिंग

Central Jail Agra केंद्रीय कारागार में मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने किया शुक्रवार को बंदियों के जूता प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन। केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआइ) बंदियों काे कुशल कारीगर के रूप में करेगा प्रशिक्षित। आगरा की शू फैक्ट्रियों के आर्डर पर जेल में जूते तैयार कर देंगे बंदी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Fri, 19 Aug 2022 05:50 PM (IST)Updated: Fri, 19 Aug 2022 05:50 PM (IST)
Central Jail Agra: आगरा की सेंट्रल जेल में कैदी होंगे अब नए हुनर में माहिर, CFTI देगा इनकाे ट्रेनिंग
आगरा की सेंट्रल जेल में शुक्रवार को बंदियाें के लिए ट्रेनिंग सेंटर का उद्घाटन करते मंत्री धर्मवीर प्रजापति।

आगरा, अली अब्बास। कारागार एवं होमगार्ड मंत्री धर्मवीर प्रजापति शुक्रवार काे सेंट्रल जेल पहुंचे। उन्होंने केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआइ) द्वारा बंदियों को कुशल कारीगर बनाने के लिए जेल में बने सेंटर का उद्घाटन किया। इस अवसर पर मंत्री ने कहा कि सीएफटीआइ और जेल प्रशासन का संयुक्त प्रयास बंदियों को कुशल कारीगर बनाने के साथ ही उनके पुर्नवास में मदद करेगा। उद्घाटन के दौरान डीआइजी कारागार मंडल वीके सिंह समेत अन्य जेल अधिकारी वहां मौजूद रहे।  

loksabha election banner

केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काटते बंदी भविष्य में जूता निर्यात में भी अपनी भागीदारी कर सकेंगे। केंद्रीय पादुका प्रशिक्षण संस्थान (सीएफटीआइ) द्वारा बंदियों की जूता निर्यात में भागीदारी की नींव रखी गई है। संस्थान द्वारा शुरूआत में 40 बंदियाें को कुशल कारीगर बनाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षित बंदियों के कुशल कारीगर बनने के बाद केंद्रीय कारागार द्वारा जूता निर्यात करने वाली फैक्ट्रियों से संपर्क करने की योजना है।

यह फैक्ट्रियां केंद्रीय कारागार के बंदियों को कच्चा माल उपलब्ध कराएंगे। कुशल कारीगर बंदियों द्वारा कच्चे माल से जूता तैयार किया जाएगा। जिसे यह फैक्ट्रियां देश-विदेश में बिकने के लिए भेजेंगी। बंदियाें को इन फैक्ट्रियों द्वारा प्रति नग के हिसाब से भुगतान किया जाएगा। बंदियों की आय होने पर वह जेल में रहते हुए भी परिवार की जिम्मेदारी उठा सकेंगे। साथ ही सजा पूरी करने के बाद बाहर  आने पर कुशल जूता कारीगर उनके समाज में पुर्नवास में मदद करेगा।

हथकरघा पर बंदियों द्वारा तैयार कपड़ों की खूब है मांग  

केंद्रीय कारागार में तीन साल पहले एक सामाजिक संस्था द्वारा हथकरघा दिए गए थे। जिस पर काम कर बंदियों द्वारा तैयार माल को संस्था द्वारा बाजार में बेचा जा रहा है। संस्था द्वारा प्रति नग के हिसाब से कारीगर बंदियों को भुगतान किया जाता है। जिससे वह जेल में रहते हुए कमाई कर रहे हैं। अपना और परिवार का खर्चा चला रहे हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.