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Krishna Janmashtami 2019: अजन्मे के जन्म पर उठ रहा आस्‍था का ज्‍वार Agra News

कान्हा के जन्मोत्सव में झूम रहा ब्रज। जन्मभूमि पर पुष्पांजलि कार्यक्रम से हुई शुरुआत। मथुरा और वृंदावन में मंदिरों में चल रहे भजन-कीर्तन। सड़कों पर हो रहे उद्घोष।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 24 Aug 2019 05:47 PM (IST)Updated: Sat, 24 Aug 2019 08:56 PM (IST)
Krishna Janmashtami 2019: अजन्मे के जन्म पर उठ रहा आस्‍था का ज्‍वार Agra News
Krishna Janmashtami 2019: अजन्मे के जन्म पर उठ रहा आस्‍था का ज्‍वार Agra News

आगरा, जेएनएन। नटखट, बंशीवाला, गोकुल का लाला। दरश को उसके तरस रही हैं अंखियां, उत्साहित है हर भक्‍त। अजन्‍मे के जन्‍म के साक्षी बनने को कान्हा की नगरी में जनसमुद्र उमड़ चुका है। कुंज गलियों में आस्था की लहरें हिलोरे मार रही हैं। जैसे जैसे समय गुजर रहा है भक्ति भाव उत्साह और उमंग के भाव से परिपूर्ण होता जा रहा है। कान्हा की नगरी मथुरा कहें या ताज की नगरी आगरा, हर मंदिर और हर घर योगेश्वर के जन्म के आनंद में मग्न है।

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शनिवार को जन्माष्टमी उत्सव देश और दुनिया में धूमधाम से मनाया जा रहा है। ब्रजभूमि में घर- घर में जन्माष्टमी की धूम मची है। ब्रज का प्रत्येक मंदिर और घर कान्हा के जन्मोत्सव की खुशियों में डूबा है। चकाचौंध रोशनी और पोशाक की दुकानों पर लंबी लाइन महोत्सव का यशोगान कर रही हैं।

कन्हैया के जन्मोत्सव पर लोगों ने सुबह से व्रत रखा हुआ है। जिसका रात 12 बजे के बाद ही परायण होगा। सुबह से ही मंदिरों में तैयारी शुरू हो गई। मंदिरों में रोशनी के विशेष प्रबंध किए गए हैं। सांझ ढलते ही जगमग रोशनी आकाश गंगा की भांति प्रतीत हो रही है। लग रहा है जैसे रात का अंधेरा ब्रजभूमि में घुसने की जुर्रत नहीं करेगा। रात में दिन का नजारा वसुंधरा के वैभव को दर्शाता रहा है।

रात के 12 बजते ही हर घर और प्रत्येक मंदिर से घंटा घडिय़ाल की आवाजें कान्हा का गुणगान करेंगी। पूरा ब्रजमंडल अपने कान्हा के जन्मोत्सव की खुशियों में डूबा है। मथुरा, बरसाना, नंदगांव, गोवर्धन, गोकुल, महावन, सौंख, मगोर्रा में जन्माष्टमी पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। दुकानों पर लड्डू गोपाल की जमकर बिक्री हुई।

ब्रजभूमि में ऐसा कोई मंदिर नहीं है, जहां श्रद्धालुओं की लंबी लाइन नहीं हो। मथुरा जाने से पहले और मथुरा में जन्मोत्सव के बाद श्रद्धा के प्रवाह ने समूचे ब्रजमंडल को आस्था का सागर बना दिया है।

ब्रज के इन मंदिरों में मनाया जा रहा है जन्मोत्सव

श्रीकृष्‍ण जन्‍मभूमि

श्रीकृष्ण जन्मस्थान के लीलामंच पर शनिवार को न भूलने वाला नजारा भक्तों ने अपनी आंखों में संजो लिया। भगवान श्रीकेशव देव जी को पुष्पांजलि अर्पित हो रही थी। उनकी भव्य आरती उतारी जा रही थी। सामने हजारों की संख्या में मौजूद भक्त बधाई गायन और जयकारों के बीच मगन होकर झूम रहे थे। सुबह करीब 11 बजे लीलामंच पर भगवान को श्रीराम जन्मभूमि न्यास और श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास, संत काष्र्णि गुरु शरणानंद महाराज, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने पुष्पांजलि अर्पित कर आरती उतारी। इस दौरान श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान के सचिव कपिल शर्मा, सदस्य गोपेश्वर नाथ चतुर्वेदी भी मौजूद थे। लीलामंच के सामने हजारों की संख्या में भक्त इस खास पल के साक्षी थे। कीर्ति किशोरी द्वारा एक के बाद एक प्रस्तुत सुंदर भजनों पर श्रद्धालु खड़े होकर झूमने लगे। मंच के पास ही ढोल-नगाड़े भी कार्यक्रम का उत्साह बढ़ा रहे थे। इस दौरान ऊर्जा मंत्री ने ब्रज भाषा में भक्तों को पर्व की बधाई देते हुए संतों का आभार जताया। कहा कि संतों की कृपा से ही यह सरकार बनी है और अगर सरकार नहीं बनती, तो इतना भव्य कार्यक्रम न होता। गुरु शरणानंद महाराज ने गुरू और शास्त्रों का महत्व तथा इस खास पल को देखने वालों को सौभाग्यशाली बताया। 

 भक्तों का रखा जाता ध्यान

ऊर्जा मंत्री से जागरण ने सवाल पूछा कि अक्सर जब भी बड़े नेता या मंत्री आते हैं, तो व्यवस्था काफी टाइट कर दी जाती है। इससे आम भक्तों को काफी असुविधा होती है। उन्होंने कहा कि इस बात का हमेशा ध्यान रखा जाता है। लिहाजा, कार्यक्रम इसी हिसाब से रखे भी गए हैं। 

भक्‍त हुए भाव विभोर

ये अपने आराध्य से मिलने की तड़प थी। कुछ ऐसी जैसे वर्षों से आत्मा अपने परमात्मा से मिलन को बेकरार हो। यह मौका आया। जब दर्शन हुए मानो सब मिल गया हो। सबने जैसे अपने जीवन को धन्य होता पाया। अपने प्रभु को आंखों में भरने का यह अदभुत नजारा दिखा श्रीकृष्ण जन्मभूमि में। भक्त बिना पलक झपकाए अपने प्रभु को एकटक निहार रहे हैं। अपने लाला के प्रति भक्तों की अटूट आस्था किसी से छिपी नहीं है। जब खास मौका हो तो प्यार और उमडऩे लग जाता है। इस समय भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। आराध्य की एक झलक पाने को दूर-दराज से श्रद्धालु पहुंच चुके हैं। ये भी जानते हैं, इस दौरान उन्हें परेशानी झेलनी पड़ेगी। धक्के खाने पड़ेंगे। सुरक्षाकर्मियों की दुत्कार भी सहनी पड़ सकती है। इसके बावजूद नंदलाला के दर्शन सिर आंखों पर। शनिवार को जन्मस्थान पर भक्तों का रेला उमड़ रहा है। बेहिसाब और अनगिनत भक्त हैं। आसपास के अलावा झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्यप्रदेश आदि राज्यों से भक्त आये हैं। 

द्वारिकाधीश मंदिर

ठाकुर श्री द्वारिकाधीश मंदिर में सुबह से ही आस्था का सैलाब उमड़ रहा है। देश-दुनिया के भक्त ठाकुरजी को निहारने के लिए लालायित नजर आ रहे हैं। सुबह ठाकुरजी के दर्शन के बाद अब रात में अभिषेक के दर्शन कर भक्त अपने को धन्य समझेंगे। भक्तों का मानना है कि यह क्षण केवल ठाकुरजी की कृपा से ही मिला है। मंदिर में ठाकुरजी का जयघोष हो रहा है और श्रद्धालु भाव-विभोर होकर झूम रहे हैं।

सुबह छह से सवा छह बजे तक मंगला के दर्शन भक्तों ने किए। सुबह साढ़े छह बजे भगवान का पंचामृत अभिषेक मंदिर के मुखिया ब्रजेश, सुधीर आदि ने दूध, दही, घी, शहद, बूरा आदि से किया। सुबह नौ बजे ठाकुरजी का श्रृंगार किया गया और भगवान की जन्मपत्रिका पंडित अजय कुमार तेलंग ने वाची। ठाकुरजी के श्रृंगार के दर्शन खुले। ठाकुरजी हीरे, जवाहरात, स्वर्ण आभूषण धराये गए और श्रृंगार के दर्शन के बाद ग्वाल और राजभोग के दर्शन नियमानुसार हुए। इसके बाद शाम साढ़े सात बजे उत्थापन के दर्शन खुलेंगे। फिर भोग, संध्या आरती के दर्शन होंगे। 10 बजे जागरण के प्रथम दर्शनों का आनंद भक्त लेंगे। भगवान के जन्म के दर्शन लगभग 11.45 होंगे और जगत के पालन हार प्रकट होंगे।

झूम रही लीला भूमि

नंद घर आनंद भयौ, जै कन्हैया लाल की.. सोलह कलाओं के अवतारी भगवाान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के उल्लास में श्रद्धालु भक्तों द्वारा गाए जा रहे इन भजनों से वातावरण गूंज उठा। शनिवार की सुबह सप्तदेवालयों में प्रमुख ठा. राधारमणलाल जू के महाभिषेक दर्शन को श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। इस्कॉन, रंगजी मंदिर, प्रियाकांतजू मंदिर, चंद्रोदय मंदिर में रात में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का उल्लास नजर आया।

राधारमण मंदिर में दिन में हुआ अभिषेक

ठा. राधारमण मंदिर में तय मुहूर्त के अनुसार सुबह ठीक 9 बजे श्रीविग्रह का पुष्पार्चन शुरू हुआ, इसके बाद पंचामृत से महाभिषेक किया गया। दूध, दही, घृत, शर्करा, बूरा, शहद, जड़ी-बूटियों से ठाकुरजी का करीब दो घंटे तक सेवायतों ने महाभिषेक किया। महाभिषेक के दौरान लाड़ले राधारमण को एक पल निहारने को दुनियाभर से श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ पड़ा। भारतीय श्रद्धालुओं के बीच विदेशी भी बड़ी उत्सुकता के साथ आराध्य राधारमणलाल को निहारते रहे और उनके महाभिषेक की छवि अपने मोबाइल और कैमरे में कैद करते रहे। कुछ यही नजारा राधादामोदर मंदिर और शाहजी मंदिर में रहा। यहां भी दिन में ठाकुरजी का महाभिषेक कर श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया।

इस्कॉन मंदिर में छाया उल्लास

इस्कॉन मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव का उल्लास सुबह से ही नजर आया। भारतीय श्रद्धालुओं के साथ हजारों विदेशी श्रद्धालु पूरे दिन हरिनाम संकीर्तन की धुन पर थिरकते नजर आ रहे हैं। नंद के आनंद भयौ के साथ एक-दूसरे को बधाई भी दे रहेे हैं। सुबह 4.30 बजे की मंगला आरती में विदेशियों का हुजूम उमड़ पड़ा। शाम सात बजे ठाकुरजी के श्रीविग्रह को भव्य ङ्क्षसहासन पर विराजमान करवाया जाएगा। इसके बाद वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य मंदिर के मुख्य पुजारी मुकुंद दत्त दास के सान्निध्य में आचार्यों ने श्रीविग्रह का पंचामृत से महाभिषेक किया जाएगा। करीब एक घंटे चलने वाले इस महाभिषेक के बाद मंदिर में ठाकुरजी के समक्ष केक काटने पर पूरा मंदिर हैप्पी बर्थ-डे के स्वरों से गुंजायमान हो उठेगा।

श्रीप्रियाकांत जू मंदिर

कमल पुष्प स्वरूप के बीच अछ्वुत प्रकाश की चादर ओढ़े प्रियाकांत जू मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव उल्लास पूर्वक मनाया जा रहा है। रात नौ बजे से भजनों का दौर शुरू होगा। श्रद्धालुओं ने नाच गाकर जमकर लुत्फ उठाया। भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर के सान्निध्य में शुरू हुए महोत्सव में छलिया ने जन्मोत्सव पर चांदी के छत्र में सोने की मुरली धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। रात 12 बजे देवकीनंदन ठाकुर ने वैदिक मंत्रोच्चारण के मध्य जब ठाकुरजी का अभिषेक होगा तो वातावरण भगवान श्रीकृष्ण के जयकारों से गुंजायमान हो उठेगा।

चंद्रोदय मंदिर

चंद्रोदय मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव पर शाम छह बजे भजन संध्या शुरू होगी जो रात नौ बजे तक श्रद्धालु भगवान के भजनों पर झूमते नजर आएंगे। मंदिर अध्यक्ष चंचलापति दास और चेयरमैन मधु पंडित की मौजूदगी में गायक कलाकार भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का जमकर गुणगान करेंगे। भजन संध्या के बाद जन्मोत्सव आरंभ होगा।

रंगजी मंदिर में वैदिक रीति से जन्मोत्सव

दक्षिण भारतीय परंपरा के रंगजी मंदिर में वैदिक रीति के साथ भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। सेवायत पंचगव्य से ठाकुरजी का महाभिषेक करेंगे। इसके बाद महाआरती के दर्शन में श्रद्धालुओं की भीड़ मौजूद रहेगी।

लीलाधर के दर्शन कर लीलाओं में मग्न श्रद्धालु

लीलाधर के दर्शन किए और फिर लीलाओं में श्रद्धालु मग्न हो गए। पहली बार उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद ने भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के मंचन के लिए शहर के कई स्थानों पर मंच बनाए हैं। कलाकार एक से बढ़कर एक प्रस्तुतियां दे रहे हैं। इसके साथ ही शहर में एलइडी वैन भी लगाई गई है। इन पर भी कन्हैया की बाल लीलाओं दिखाई जा रही। सुबह, दोपहर और रात को जन्म के दर्शन करने के बाद श्रद्धालु पहले सड़कों घूमते रहे, वे इस बार इन्हीं मंचों के सामने जमकर बैठे रहे। उमस भरी गर्मी के कारण श्रद्धालु व्याकुल रहे, लेकिन लीला मंचन ने उनकी इस कष्ट को एक तरह से कम करने का ही काम किया।

पूड़ी-सब्जी तो कहीं खीर-हलुवा का प्रसाद

हाथ जोड़कर जय श्रीकृष्ण और राधे-राधे के प्रेमपूर्ण अभिवादन के साथ श्रद्धालुओं को प्रसाद का वितरण भंडारों में किया जा रहा है। भंडारों में कहीं पूड़ी-सब्जी तो खीर हलुवा, तो कहीं छोले-चावल, कड़ी चावल के प्रसाद का वितरण किया जा रहा है। शहर में भंडारों की व्यवस्था से श्रद्धालु प्रसन्न नजर आए और प्रसाद ग्रहण करने के बाद उनके कदम श्रीकृष्ण जन्मस्थान की ओर बढ़ रहे हैं। शहर में चौतरफा भंडारों में श्रद्धालु विभिन्न प्रकार के व्यंजन-प्रसाद का आनंद लेते दिखाई दे रहे हैं। शहर को जोडऩे वाले सभी प्रमुख मार्गों पर भ़ंडारों और प्याऊ की कतार नजर आ रही है। सामाजिक, धार्मिक और व्यापारी संगठनों द्वारा शहर में लगाए भंडारों में इस बार विशेष रूप से सफाई दिखाई दे रही है। सफाई के अलावा सभी भंडारों पर पोलीथिन और प्लास्टिक के प्रयोग से पूरी तरह मुक्त नजर आ रहा है। पर्यावरण और सफाई को ध्यान में रखते हुए सभी भंडारों में कागज के दौने पत्तल का प्रयोग दिखाई दे रहा है। 

हर भंडारे पर श्रद्धालुओं की लंबी लाइन नजर आ रही है। कुछ भंडारों में व्रत के लिए विशेष फलाहार की व्यवस्था भी की गई है। फलाहार और अन्य स्वादिष्ट व्यंज्जनों के अलावा चाय- बिस्कुट के साथ, कोल्ड ङ्क्षड्रक की व्यवस्था भी की गई है।

कम सुनाई दे रहा है शोरगुल

कान्हा के जन्मदिवस पर पिछले सालों में दिन भर उनकी लीलाओं पर आधारित भजन सुनाई देते थे, इस बार उनकी गूंज कम ही सुनाई दे रही है। शहर के अंदरूनी भाग में तो शोरगुल नहीं है, लेकिन शहर के बाहरी क्षेत्र में कहीं कहीं डीजे पर भजन गूंज रहे हैं।  


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