स्वर्ण- रजत पोशाक में भक्तों को इस दिन दर्शन देंगे बांके बिहारी, विशेष होगा प्राकट्ययोत्सव Agra News
विहार पंचमी पर भक्त मनाएंगे बांकेबिहारी का प्राकट्ययोत्सव। निधिवन राज मंदिर के प्राकट्य स्थल पर होगा महाभिषेक। शहर में निकलेगी शोभायात्रा।
आगरा, जेएनएन। जन-जन के आराध्य ठा. बांकेबिहारी महाराज का प्राकट्य महोत्सव 1 दिसंबर को है। इस दिन को विहार पंचमी के नाम से पुकारा जाता है। स्वामी हरिदास की संगीत साधना से प्रसन्न होकर ठा. बांकेबिहारी ने मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की पंचमी को निधिवन राज मंदिर से प्राकट्य किया। प्राकट्ययोत्सव पर ठा. बांकेबिहारी स्वर्ण-रजत निर्मित पोषाक धारण कर भक्तों को दर्शन देंगे। उनकी प्राकट्य स्थली निधिवनराज और बांकेबिहारी मंदिर में अनेक धार्मिक आयोजन होंगे। निधिवन राज मंदिर में ठाकुरजी की प्राकट्ययस्थली का पंचगव्य से महाभिषेक होगा और बधाई गायन के साथ नगर में शोभायात्रा निकाली जाएगी।
ये है इतिहास
संवत् 1562 मार्गशीर्षमास की शुक्लपक्ष की पंचमी तिथि को स्वामी हरिदास की संगीत साधना से प्रसन्न होकर ठा. बांकेबिहारीजी का प्राकट्य हुआ शुरुआत में स्वामी हरिदास अपने लड़ैते ठा. बांकेबिहारीजी की निधिवन राज मंदिर में ही सेवा करते रहे। स्वामी हरिदास 25 वर्ष की आयु में ही विरक्तभाव से निधिवन राज मंदिर में निकुंजबिहारी के नित्यलीलाओं का चिंतन और अपनी संगीत साधना करते थे। संवत् 1562 की मार्गशीर्ष की शुक्ल पक्ष पंचमी को निकुंज वन में ही स्वामी हरिदासजी को बिहारीजी की मूर्ति निकालने का स्वप्नादेश हुआ। आज्ञा का पालन करते हुए स्वामीजी की आज्ञा पर ठा. बांकेबिहारीजी के मनोहर श्यामवर्ण छवि वाले श्रीविग्रह को धरा की गोद बाहर निकाला गया। यही विग्रह ठा. बांकेबिहारीजी के नाम से विख्यात हुआ। इस दिन को बिहार पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
नगर में निकाली जाएगी शोभायात्रा
ठ. बांकेबिहारीजी के प्राकट्य महोत्सव पर विहार पंचमी 1 दिसंबर को उनकी प्राकट्य स्थली निधिवनराज से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी। आयोजक भिक्की गोस्वामी ने बताया कि ठाकुरजी के प्राकट्य स्थल निधिवनराज में सुबह पांच बजे अभिषेक, 7 बजे बधाई गायन और 8.15 बजे स्वामी हरिदास महाराज की आरती होगी। इसके बाद 8.30 बजे से निधिवनराज मंदिर से बधाई शोभायात्रा निकाली जाएगी। यह नगर केे विभिन्न मार्गों से होकर बांकेेबिहारी मंदिर पहुंचेगी।