915 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाली अशर अब फंसी, जानिए क्या है पूरा मामला
बैंकों के संघ से कर्ज लेकर की थी धोखाधड़ी। आइडीबीआइ के महाप्रबंधक की शिकायत पर हुई कार्रवाई। सीबीआइ ने दर्ज किया केस।
By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 04 May 2019 08:05 PM (IST)Updated: Sat, 04 May 2019 08:05 PM (IST)
आगरा, जेएनएन। करीब एक हजार करोड़ की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। राइस मिङ्क्षलग कंपनी अशर एग्रो लिमिटेड के फर्जीवाड़े की अब परत-दर परत खुलने लगी है। इंडोनेशिया की बैंक के बाद अब आइडीबीआइ बैंक की शिकायत पर सीबीआइ की मुंबई ब्रांच ने अशर समेत धोखाधड़ी करने वाले अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की है। आरोप है कि अशर एग्रो ने आइडीबीआइ से 915 करोड़ के लोन का फ्रॉड किया है।
सीबीआइ में दर्ज हुए मुकदमे के अनुसार देश की अग्रणी राइस मिङ्क्षलग कंपनी रही अशर एग्रो लिमिटेड ने आइडीबीआइ बैंक समेत बैंकों के एक संघ (कंसोर्टियम) से कथित रूप में 915 करोड़ की लोन राशि की घोखाधड़ी कर दी है। शिकायत में आइडीबीआइ बैंक के महाप्रबंधक एनआर सामल ने बताया है कि अशर का मुंबई में अंधेरी पश्चिम स्थित लक्ष्मी इंडस्ट्रियल एरिया में कार्यालय है। कंपनी कच्चे सफेद चावल बराबर उबले चावल और विभिन्न श्रेणी का स्टीम राइस के उत्पाद तैयार करती है। कंपनी को आइडीबीआइ समेत बैंकों के एक संघ ने कार्यशील पूंजी और सावधि ऋण की सुविधा प्रदान की।
कंपनी ने बैंकों से कार्यशील पूंजी की सीमा अवधि का लाभ उठाने के लिए वर्ष 2015-16 में स्टॉक और देनदारी की स्थिति को पार कर दिया। वर्ष 2013 से 16 के दौरान कई आपूर्तिकर्ताओं से उठाए कुल 9308 खरीद चालानों में से 1016 चालानों में वाहन या लॉरी के चालान विवरण गलत पाए गए।
आरोप है कि कंपनी ने वर्ष 2013 से 2017 तक बैंकों के संघ से कर्ज लेकर उन्हें धोखा दिया। कंपनी के खातों में हेरफेर कर अलग-अलग सेट ऑफ यानि पूल एकाउंट््स बनाकर असंबद्ध देनदारी और लेनदारी को समाप्त कर दिया। इतना ही नहीं, कंपनी के निदेशकों ने वर्ष 2013-16 के दौरान जो बिक्री और खरीद दिखाई है, वह मुख्य रूप से दो दर्जन खरीदारों व आपूर्तिकर्ताओं तक ही सीमित है। यह भी आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने बिक्री से प्राप्त आय और निधियों को हेरफेर करके छीन लिया और आइडीबीआइ समेत बैंक संघों से हासिल की गई 915 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि डकार ली है। उल्लेखनीय है कि अशर एग्रो के डायरेक्टर विनोदम चतुर्वेदी मथुरा के निवासी हैं। यहां भी उनकी काफी प्रॉपर्टी है। सीबीआइ की एक टीम मथुरा में जांच पड़ताल कर रही है।
सीबीआइ में दर्ज हुए मुकदमे के अनुसार देश की अग्रणी राइस मिङ्क्षलग कंपनी रही अशर एग्रो लिमिटेड ने आइडीबीआइ बैंक समेत बैंकों के एक संघ (कंसोर्टियम) से कथित रूप में 915 करोड़ की लोन राशि की घोखाधड़ी कर दी है। शिकायत में आइडीबीआइ बैंक के महाप्रबंधक एनआर सामल ने बताया है कि अशर का मुंबई में अंधेरी पश्चिम स्थित लक्ष्मी इंडस्ट्रियल एरिया में कार्यालय है। कंपनी कच्चे सफेद चावल बराबर उबले चावल और विभिन्न श्रेणी का स्टीम राइस के उत्पाद तैयार करती है। कंपनी को आइडीबीआइ समेत बैंकों के एक संघ ने कार्यशील पूंजी और सावधि ऋण की सुविधा प्रदान की।
कंपनी ने बैंकों से कार्यशील पूंजी की सीमा अवधि का लाभ उठाने के लिए वर्ष 2015-16 में स्टॉक और देनदारी की स्थिति को पार कर दिया। वर्ष 2013 से 16 के दौरान कई आपूर्तिकर्ताओं से उठाए कुल 9308 खरीद चालानों में से 1016 चालानों में वाहन या लॉरी के चालान विवरण गलत पाए गए।
आरोप है कि कंपनी ने वर्ष 2013 से 2017 तक बैंकों के संघ से कर्ज लेकर उन्हें धोखा दिया। कंपनी के खातों में हेरफेर कर अलग-अलग सेट ऑफ यानि पूल एकाउंट््स बनाकर असंबद्ध देनदारी और लेनदारी को समाप्त कर दिया। इतना ही नहीं, कंपनी के निदेशकों ने वर्ष 2013-16 के दौरान जो बिक्री और खरीद दिखाई है, वह मुख्य रूप से दो दर्जन खरीदारों व आपूर्तिकर्ताओं तक ही सीमित है। यह भी आरोप लगाया गया है कि कंपनी ने बिक्री से प्राप्त आय और निधियों को हेरफेर करके छीन लिया और आइडीबीआइ समेत बैंक संघों से हासिल की गई 915 करोड़ की भारी-भरकम धनराशि डकार ली है। उल्लेखनीय है कि अशर एग्रो के डायरेक्टर विनोदम चतुर्वेदी मथुरा के निवासी हैं। यहां भी उनकी काफी प्रॉपर्टी है। सीबीआइ की एक टीम मथुरा में जांच पड़ताल कर रही है।
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