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CBCID: रोचक है दास्‍तान, सीबीसीआइडी ने खोज निकालीं चार साल पहले लापता हुई बहनें

अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र से तीन मई 2017 को हुई थीं गायब। स्वजन ने अज्ञात के खिलाफ दर्ज कराया था अगवा करने का मुकदमा। मुकदमे में पुलिस के दो बार एफआर लगाने के बाद सीबीसीआइडी को मिली थी जांच। एक बहन की हो चुकी इस दौरान मौत।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 27 Oct 2020 03:26 PM (IST)Updated: Tue, 27 Oct 2020 03:26 PM (IST)
CBCID: रोचक है दास्‍तान, सीबीसीआइडी ने खोज निकालीं चार साल पहले लापता हुई बहनें
CBCID: जांच मिलने के बाद सीबीसीआइडी ने अलीगढ़ से दिल्‍ली तक छानी खाक।

आगरा, अली अब्‍बास। अलीगढ़ से चार साल पहले लापता हुई दो चचेरी बहनों को सीबीसीआइडी ने खोज निकाला है। मगर, इनमें से सिर्फ एक बहन से ही स्वजन मुलाकात कर सके। दूसरी का पता तो चल गया लेकिन वह दुनिया से दूर जा चुकी थी। जीवित मिली बहन शादी करके अपना घर बसा चुकी है। वह स्वजन के तानों से आजिज आकर घर छोड़ने को मजबूर हुई थी। उसने उनके साथ वापस जाने से इंकार कर दिया। मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के बाद वह अपने पति के साथ चली गयी।

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अलीगढ़ के टप्पल थाना क्षेत्र में एक ईंट भट्ठे पर गीता (18 वर्ष) और उसकी चचेरी बहन छोटी (17 वर्ष) अपने परिवार के साथ काम करती थीं।दोनों के परिवार मूलरूप से बदायूं जिले के सहसवान थाना क्षेत्र की रहने वाले हैं। दोनों बहनें तीन मई 2016 को ईंट भट्ठे पर जाने के लिए निकलने के बाद लापता हो गयीं। स्वजन ने टप्पल थाने में दोनों की गुमशुदगी दर्ज करा दी। तलाश के बाद जब सुराग नहीं लगा तो अज्ञात के खिलाफ दोनों बहनों को बहला-फुसलाकर करके ले जाने का मुकदमा दर्ज किया गया। पुलिस और स्वजन ने दोनों को तलाशने के काफी प्रयास किए। सुराग नहीं लगने पर पुलिस ने मार्च 2017 में मुकदमे में एफआर लगा दी।

दोनों बहनों का पता नहीं चलने पर मुकदमे की पुर्नविवेचना के आदेश दिए गए। पुलिस 11 महीने तक दोबारा उन्हें तलाशने का प्रयास करती रही। उन्हें खोजने में नाकाम होने पर पुलिस ने मुकदमे में दोबारा एफआर लगा दी। इसके बाद इस साल जनवरी में मुकदमे की जांच सीबीसीआइडी आगरा सेक्टर को सौंपी गयी। सीबीसीअाइडी ने दोनों बहनों को नए सिरे से तलाशने की मुहिम शुरू की। उसने गीता और छोटी की हम उम्र युवतियों से बातचीत का सिलसिला शुरू किया। करीब एक महीने तक टप्पल और उसके आसपास का इलाका छानती रही। इसी बीच चचेरी बहनों की एक सहेली ने सीबीसीआइडी को बताया कि दोनों को परिवार के लोगों की रोकटोक पसंद नहीं थी।

इसे वह स्वजन के तानों के रूप में लेती थीं। अक्सर घर छोड़कर दिल्ली जाने की बात कहती थी। इसके बाद सीबीसीआइडी ने दोनों बहनों की सहेलियों की सूची तैयार करके उनसे एक-एक करके बात की। सीबीसीआइडी का अनुमान था कि दोनों बहनों ने चार साल के दौरान सहेलियों से फोन पर स्वजन की कुशलता जानने के लिए संपर्क जरूर किया होगा। उसका यह अनुमान सही निकला। सीबीसीआइडी को पता चला कि छोटी दिल्ली के निहाल विहार इलाके में रह रही है। टीम पिछले महीने छोटी को खोजते हुए दिल्ली पहुंची। वहां पता चला कि छोटी ने शादी कर ली है। वह पति के साथ रहती है।

पुलिस ने उसके पति से संपर्क किया ताे पता चला कि वह परिचित से मिलने के लिए अलीगढ़ आयी हुई है। टीम ने उसे अलीगढ् से बरामद कर लिया। छोटी ने बताया कि परिवार के लोग उसे और गीता को ताना देते थे। इससे नाराज होकर वह घर छोड़कर दिल्ली आ गयीं। यहां पर मजदूरी करके जिंदगी गुजार रही थीं। इसी दौरान एक महिला से मुलाकात हुई। उसने अपने यहां रहने के लिए कमरा दे दिया। काम करने के दौरान गीता की दोस्ती गिरीशचंद और छोटी की अजीत से हो गयी। दोनों ने शादी कर ली। छोटी ने सीबीसीआइडी को बताया कि गीता की प्रसव के दौरान मौत हो गयी थी। छोटी ने स्वजन के साथ जाने से मना कर दिया। उसका कहना था कि वह पति के साथ खुश है। मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने बयान दर्ज कराने के बाद वह पति के साथ दिल्ली चली गयी।


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