Mass Murder Agra: आगरा में महिला और बच्चों की हत्या का मामला, रेखा की पसंद से हुई थी पति की दूसरी शादी
पति सुनील से रेखा का दो साल पहले तलाक हो गया था। सुनील की दूसरी शादी सोनी से हुई है। यह शादी रेखा की पसंद से हुई थी। रेखा ने ही सोनी का फोटो का देखने के बाद पूर्व पति सुनील से कहा था कि लड़की अच्छी है।
आगरा, अली अब्बास। चौहरे हत्याकांड की छानबीन के दौरान पुलिस ने रेखा के ससुराल वालों से पूछताछ में पुलिस को कई जानकारी मिली हैं। ससुराल वालों ने बताया कि पति सुनील से रेखा का दो साल पहले तलाक हो गया था। सुनील की दूसरी शादी सोनी से हुई है। यह शादी रेखा की पसंद से हुई थी। रेखा ने ही सोनी का फोटो का देखने के बाद पूर्व पति सुनील से कहा था कि लड़की अच्छी है। इसके बाद सुनील ने शादी के लिए हामी भरी थी। सिर्फ यही नहीं पति को दूसरी शादी की तैयारी के लिए खरीददारी में भी उसने मदद की थी।
वहीं मायके वालों ने पुलिस को ससुराल वालों से इतर जानकारी दी। उन्होंने पुलिस को बताया कि मकान रेखा के नाम थाञ पूर्व पति सुनील अपनी दूसरी पत्नी को लेकर अक्सर बच्चों से मिलने आता था। मगर, सुनील और सोनी दोनाें रेखा को पसंद नहीं करते थे। पुलिस रेखा के पूर्व पति सुनील और ससुराल वालों से पूछताछ कर रही है।
चार साल से रेखा के व्यवहार में आ गया था बदलाव
पुलिस की पूछताछ में ससुराल वालो ने बताया कि रेखा की 15 साल पहले हुई थी। शादी के 11 साल तक उसका व्यवहार परिवार के लोगों के साथ बहुत अच्छा था। मगर, चार साल से उसके व्यवहार में बदलाव आ गया था। पति से उसका झगड़ा होने लगा था। वहीं मायके वालों ने पुलिस को बताया कि रेखा पति के शराब पीने का विरोध करती थी। इसी बात को लेकर उनमें झगड़ा होता था। इसी के चलते दोनो के बीच तलाक हुआ था।
पति-पत्नी के झगड़ में टूट चुके थे एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल
परिवार के नजदीकी लोगों ने बताया कि रेखा और सुनील के बीच झगड़़े के चलते एक दर्जन से ज्यादा मोबाइल टूट चुके थे। सुनील रेखा के मोबाइल तोड़ चुका था।
बच्चों के इंतजार में शाम से दरवाजे पर डटे रहे श्वान
वंश, माही और पारस तीनों बच्चे गली में रहने वाले श्वानों का विशेष ध्यान रखते थे। वह श्वानों को रोज शाम को दूध और बिस्कुट खिलाते थे। बुधवार की शाम को भी श्वान उनके दरवाजे पर जाकर बैठ गए। वह गुरुवार की दोपहर तक वहां से डटे रहे। पुलिस और गली के लोगों ने उन्हें कई बार वहां से भगाया। मगर, वह बच्चों के दरवाजे पर डटे रहे।