Agra News: आगरा के विम्स हॉस्पिटल की बढ़ीं दिक्कतें, संचालक व स्टाफ के खिलाफ मुकदमे के आदेश
युवा अधिवक्ता की हत्या और अपराधिक साजिश रचने का लगाया आरोप। कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान एक वर्ष पहले हास्पिटल में हुई थी मृत्यु पुलिस ने नहीं लिखा था मुकदमा। अस्पताल में स्टाफ द्वारा अभद्रता करने का भी लगा है आरोप।
आगरा, जागरण संवाददाता। विम्स हास्पिटल में एक वर्ष पहले उपचार के दौरान युवा अधिवक्ता की मृत्यु के मामले में कोर्ट ने मुकदमा लिखने के आदेश दिए हैं। युवा अधिवक्ता ने विम्स हास्पिटल के संचालक, डाक्टर, और स्टाफ पर हत्या का आरोप लगाया था। एक वर्ष बाद अब हरीपर्वत थाने में इस मामले में मुकदमा लिखा जाएगा।
सिकंदरा के बाईपुर निवासी सचीश समाधिया ने सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था। इसमें उन्होंने कहा है कि उनकी बेटी युवा अधिवक्ता श्रुति समाधिया को कोविड से पीड़ित होने पर पांच मई 2021 की रात हरीपर्वत क्षेत्र में एमजी रोड पर स्थित विम्स हास्पिटल में भर्ती कराया गया था। वादी के अनुसार, हास्पिटल के डाक्टर और स्टाफ के द्वारा लाखों रुपये इलाज के नाम पर खर्च कराए गए। इसके बाद भी बेटी का इन्फेक्शन कम नहीं हुआ।
जबकि स्टाफ और डाक्टरों द्वारा लगातार हालत में सुधार होने का आश्वासन दिया जाता रहा। 13 मई 21 की रात को डाक्टर और स्टाफ के द्वारा उनकी बेटी से अभद्रता की गई। इसकी जानकारी बेटी ने स्वजन को दी। बेटे रिषभ ने इस घटना की जानकारी हास्पिटल के प्रबंधक से की। इसके बाद आरोपितों ने अपराधिक साजिश के तहत 19 मई 2021 की सुबह उनकी बेटी की हत्या कर दी।
पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। वादी ने वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश शर्मा के माध्यम से सीजेएम कोर्ट में मुकदमा दर्ज कराने को प्रार्थना पत्र दिया। सीजेएम ने 15 दिसंबर 2021 को प्रार्थना पत्र को परिवाद के रूप में दर्ज करने के आदेश दिए थे। इसके विरुद्ध वादी ने हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की। हाईकोर्ट ने पुन: सुनवाई करने के आदेश दिए थे। इसके बाद सीजेएम प्रदीप कुमार सिंह ने इंस्पेक्टर हरीपर्वत को मुकदमा दर्ज कर विवेचना करने के आदेश दिए हैं।