ताजनगरी में मुगल म्यूजियम के लिए जल्द बनेगा बिजनेस प्लान Agra News
लखनऊ में हुई बैठक में पर्यटन मंत्री ने दिए निर्देश आगरा में होगी बैठक। 141.89 करोड़ रुपये का है प्रोजेक्ट 94 करोड़ रुपये हो चुके हैं खर्च।
आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम के लिए बिजनेस प्लान बनाया जाएगा। लखनऊ में पिछले दिनों हुई बैठक में उप्र के पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने आर्किटेक्ट को बिजनेस प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इससे पूर्व 21 सितंबर को म्यूजियम के निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट के औचित्य पर सवाल उठाए थे।
ताजनगरी में सपा सरकार में शिल्पग्राम के नजदीक 141.89 करोड़ रुपये से मुगल म्यूजियम के निर्माण का शिलान्यास जनवरी, 2016 में किया गया था। 5.9 एकड़ जमीन में बन रहे म्यूजियम के निर्माण पर अब तक 94 करोड़ रुपये व्यय हो चुके हैं। फंड के अभाव में काम प्रभावित हो रहा है। राजकीय निर्माण निगम को 20 करोड़ रुपये अवमुक्त करने के लिए 16 जनवरी को लखनऊ में पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी की मौजूदगी में प्रेजेंटेशन हुआ था। इसमें पर्यटन मंत्री ने आर्किटेक्ट सौरभ गुप्ता को मुगल म्यूजियम के लिए बिजनेस प्लान तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे कि काम पूरा होने के बाद उसके रखरखाव व संचालन में किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। इसके लिए शीघ्र ही आगरा में महानिदेशक पर्यटन उप्र एनजी रवि कुमार की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी।
रिवाइज होनी है कॉस्ट
मुगल म्यूजियम का प्रोजेक्ट जब शुरू हुआ था, तब जीएसटी लागू नहीं था। समय अधिक लगने, चहारदीवारी व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम बढऩे से राजकीय निर्माण निगम ने अतिरिक्त 45 करोड़ रुपये की मांग की थी। इससे 141.89 करोड़ रुपये से बढ़कर 186 करोड़ रुपये पहुंच गई है। हालांकि, प्रोजेक्ट की लागत अभी रिवाइज नहीं की गई है।
इसीलिए बनेगा बिजनेस प्लान
बिजनेस प्लान इसलिए बनाया जाएगा, जिससे कि म्यूजियम के संचालन व मरम्मत का व्यय सरकार को वहन नहीं करना पड़े। म्यूजियम के संचालन, बिजली के बिल, कर्मचारियों के वेतन पर होने वाले व्यय की व्यवस्था को बिजनेस प्लान बनाया जाएगा।
प्रीकास्ट टेक्नीक का पहला भवन
राजकीय निर्माण निगम ने म्यूजियम को बनाने का जिम्मा टाटा प्रोजेक्ट्स को सौंपा था। म्यूजियम उप्र का पहला सरकारी भवन है, जो प्रीकास्ट टेक्नीक से बनाया जा रहा है। इसे मई, 2017 तक पूरा किया जाना था, लेकिन कई बार डेडलाइन बढ़ार्ई जा चुकी है।