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मुगल म्यूजियम के लिए बनेगा अब बिजनेस प्लान, 141.89 करोड़ का है प्रोजेक्ट Agra News

94 करोड़ रुपये हो चुके हैं खर्च। लखनऊ में हुई बैठक में पर्यटन मंत्री ने दिए निर्देश आगरा में होगी बैठक।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 03 Feb 2020 07:21 PM (IST)Updated: Mon, 03 Feb 2020 07:21 PM (IST)
मुगल म्यूजियम के लिए बनेगा अब बिजनेस प्लान, 141.89 करोड़ का है प्रोजेक्ट Agra News
मुगल म्यूजियम के लिए बनेगा अब बिजनेस प्लान, 141.89 करोड़ का है प्रोजेक्ट Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। ताजनगरी में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम के लिए बिजनेस प्लान बनाया जाएगा। लखनऊ में पिछले दिनों हुई बैठक में उप्र के पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी ने आर्किटेक्ट को बिजनेस प्लान उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। इससे पूर्व 21 सितंबर को म्यूजियम के निरीक्षण के दौरान उन्होंने प्रोजेक्ट के औचित्य पर सवाल उठाए थे।

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ताजनगरी में सपा सरकार में शिल्पग्राम के नजदीक 141.89 करोड़ रुपये से मुगल म्यूजियम के निर्माण का शिलान्यास जनवरी, 2016 में किया गया था। 5.9 एकड़ जमीन में बन रहे म्यूजियम के निर्माण पर अब तक 94 करोड़ रुपये व्यय हो चुके हैं। फंड के अभाव में काम प्रभावित हो रहा है। राजकीय निर्माण निगम को 20 करोड़ रुपये अवमुक्त करने के लिए 16 जनवरी को लखनऊ में पर्यटन मंत्री डॉ. नीलकंठ तिवारी की मौजूदगी में प्रेजेंटेशन हुआ था। इसमें पर्यटन मंत्री ने आर्किटेक्ट सौरभ गुप्ता को मुगल म्यूजियम के लिए बिजनेस प्लान तैयार कर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए, जिससे कि काम पूरा होने के बाद उसके रखरखाव व संचालन में किसी तरह की दिक्कत नहीं आए। इसके लिए शीघ्र ही आगरा में महानिदेशक पर्यटन उप्र एनजी रवि कुमार की अध्यक्षता में बैठक की जाएगी।

रिवाइज होनी है कॉस्ट

मुगल म्यूजियम का प्रोजेक्ट जब शुरू हुआ था, तब जीएसटी लागू नहीं था। समय अधिक लगने, चहारदीवारी व सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का काम बढ़ने से राजकीय निर्माण निगम ने अतिरिक्त 45 करोड़ रुपये की मांग की थी। इससे लागत बढ़कर 186 करोड़ रुपये पहुंच गई है। हालांकि, प्रोजेक्ट की लागत अभी रिवाइज नहीं की गई है।

ये है म्‍यूजियम की विशेषताएं

ताजमहल से करीब 1300 मीटर दूर विद्युत विभाग की सीमेंटेड पोल फैक्ट्री की 5.9 एकड़ जमीन पर मुगल म्यूजियम बनाया जा रहा है। 141.89 करोड़ रुपये से बन रहे म्यूजियम का काम निर्धारित समय पर पूरा नहीं हो सका है। म्यूजियम में प्रदर्शित की जाने वाली कलाकृतियों और ऑडियो-वीडियो गैलरी के लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) राजकीय निर्माण निगम ने तैयार कराई है। 11.47 करोड़ रुपये से म्यूजियम में काम किए जाएंगे। इसमें आठ गैलरी बनाई जाएंगी, जिनमें ताजनगरी से जुड़ी हर जानकारी पर्यटकों को दी जाएगी। इसमें भविष्य के आगरा में होने वाले मेट्रो जैसे अन्य कार्यों के बारे में भी जानने का मौका दर्शकों को मिलेगा।

बच्चों के लिए होगा प्ले एरिया

म्यूजियम में बच्चों के साथ आने वाले अभिभावक इत्मीनान के साथ भ्रमण कर सकें, इसके लिए अस्थाई चाइल्ड केयर सेंटर के रूप में बच्चों के लिए प्ले एरिया बनाया जाएगा। इसमें वो अपने हमउम्र बच्चों के साथ खेल सकेंगे।

डॉक्यूमेंटरी से बेहतर होगा अनुभव

म्यूजियम में बनने वाले रिसेप्शन पर ऑडियो गाइड सिस्टम हैडफोन के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। इससे दर्शक म्यूजियम में प्रदर्शित कलाकृतियों व गैलरी के बारे में जान सकेंगे। उन्हें 15-20 मिनट की डॉक्यूमेंटरी दिखाई जाएगी, जिससे कि उनका अनभुव बेहतर रहे।

यह गैलरी बनेंगी

पहली गैलरी

इसमें विश्व के सर्वाधिक क्षेत्रफल वाले यूएसए और उत्तर प्रदेश के क्षेत्रफल, विश्व की सर्वाधिक जनसंख्या वाले चीन और पांचवें नंबर पर स्थित उप्र के आंकड़े होंगे। गैलरी की छत पर ग्लास प्रिंटेड पैनल लगे होंगे। इनकी प्रतिकृति नीचे फर्श पर पड़ेगी तो आगरा व आसपास के क्षेत्रों के नक्शे उभरेंगे। इतिहास के विभिन्न कालखंडों के अनुसार शहर के डिजिटल मैप और उत्खनन की जानकारी मिलेगी।

दूसरी गैलरी

इसमें शहर के इतिहास को टाइमलाइन के अनुसार दर्शाया जाएगा। महाभारत काल में अग्रवन के नाम से पहचाने जाने वाला आगरा, आगरा के ङ्क्षहदू राजा जयपाल और अकबर के समय की स्थिति दर्शाई जाएगी।

तीसरी गैलरी

यह शहर की वास्तुकला को समर्पित होगी। इसमें समय के साथ वास्तुकला में आए बदलावों को दिखाया जाएगा। ताजमहल, आगरा किला और अन्य स्मारकों के मॉडल होंगे।

चौथी गैलरी

इसमें आगरा के स्मारकों की वास्तुकला के विभिन्न तत्वों को समय के साथ हुए बदलावों के साथ दिखाया जाएगा। इनमें गुंबद, कलश, मेहराब, तोड़े, छतरी आदि के बारे में जानकारी मिलेगी।

पांचवीं गैलरी

यह शहर की संस्कृति की समर्पित होगी। इसमें शहर के पेठा, दालमोंठ, चर्म उद्योग व मार्बल वर्क के बारे में जानने को मिलेगा।

छठी गैलरी

यह जीवंत गैलरी होगी। इसमें शहर के माहौल को दर्शाया जाएगा।

सातवीं गैलरी

इसमें पुराने शहर, फैशन, मौसम, तापमान व जनसांख्यिकीय जानकारी मिलेगी।

आठवीं गैलरी

यह बाजार को समर्पित होगी। इसमें शहर की शिल्पकलाओं, बर्तन, आभूषण, मार्बल, गलीचा, कपड़े, पेंटिंग और आर्ट वर्क, क्लासिक फूड के बारे में जानने का मौका मिलेगा। वर्कशॉप में मशीनें व उपकरण भी होंगे। जिससे दर्शक स्वयं अनुभव कर जान सकेंगे।


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