CAA 2019: बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पर्स ने झेल ली गोली, सिपाही के साथ हुआ चमत्कार Agra News
बवाल के दौरान एसएसपी के हमराह पर चलाई गई थी गोली सुबह छह बजे घर लौटने पर पर्स में फंसी मिली।
आगरा, कार्तिकेय नाथ द्विवेदी। जुमा पर हुए बवाल में दहशतगदरें ने कोई कसर नहीं छोड़ी। एसएसपी के हमराह को इस अंदाज में गोली मारी कि बुलेटप्रूफ जैकेट की सुरक्षा भी टूट गई। मगर कहते हैं कि जाको राखे साइयां, मार सके न कोय। कांस्टेबिल विजेंद्र ने मौत पर इस तरह विजय पाई कि लोग सुबूत देखकर हैरान रह गए। साई और भोले बाबा की तस्वीर वाले पर्स में जाकर गोली फंस गई।
हाथरस के सुल्तानपुर के रहने वाले 34 वर्षीय कांस्टेबिल विजेंद्र सिंह पांच साल से फीरोजाबाद में तैनात हैं। इन दिनों एसएसपी के हमराह हैं। नालबंद में जब पथराव के साथ बवाल हुआ तो वे एसएसपी सचिंद्र पटेल के साथ थे।
बुलेटप्रूफ जैकेट के साथ हेलमेट भी पहने थे। बवाल के दौरान हो रही फायरिंग से अफरातफरी मची थी। नालबंद का बवाल काबू में आने के बाद विजेंद्र पूरी रात एसएसपी के साथ रहे।
शनिवार सुबह छह बजे जब वह घर पहुंचे तो बुलेटप्रूफ जैकेट का दाहिनी तरफ का हिस्सा फटा हुआ था। जैकेट उतारकर देखा तो अंदर पहने लैदर जैकेट में छेद था। जैकेट की जेब में रखे पर्स को निकालकर देखा तो उसमें गोली फंसी हुई थी। गोली पर्स में रखी साईंबाबा, भोले बाबा की फाइबर मैटल की एटीएम कार्ड आकार की तस्वीर के साथ चार एटीएम कार्ड को भी चीर चुकी थी। गोली देखकर विजेंद्र के पसीने छूट गए। इसके बाद उन्होंने एसएसपी को घटना की जानकारी दी। इसके बाद पूरे दिन यह घटना चर्चा का विषय रही।
दिल को छू गई थी गोली
उपद्रवियों द्वारा मारी गई गोली विजेंद्र के दिल को छू चुकी थी, अगर पर्स में साईंबाबा, भोले की तस्वीर का फाइबर मैटल नहीं होता तो गोली दिल में लगती और फिर सब कुछ खत्म हो सकता है। मगर गोली को पर्स ने रोक लिया।
मुझे तो साईनाथ ने बचा लिया
विजेंद्र का कहना है कि मैं तो बवाल में साहब के साथ फंसा था। गोली कब आई और कैसे लग गई, एहसास ही नहीं हुआ। भागमभाग के चलते इतना समय ही नहीं मिला कि कुछ देख पाता। सुबह कपड़े उतारने के बाद पर्स देखा तो परिवार वालों के पसीने छूट गए। मेरे साईंनाथ ने मौत से बचाया है। मेरे परिवार और दोस्तों की दुआएं काम आ गईं।