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..तो अंग्रेज कलक्टर ने घोषित किया था कैलाश मेला पर अवकाश

आगरा के कैलाश महादेव मंदिर का इतिहास है दो सौ साल पुराना।

By JagranEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 11:43 AM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 11:43 AM (IST)
..तो अंग्रेज कलक्टर ने घोषित किया था कैलाश मेला पर अवकाश
..तो अंग्रेज कलक्टर ने घोषित किया था कैलाश मेला पर अवकाश

आगरा(जेएनएन): शहर के प्रमुख शिवालयों में शुमार कैलाश महादेव मंदिर पर सोमवार को मेले का आयोजन होगा। हर वर्ष श्रावण मास के तीसरे सोमवार को आयोजित इस मेले की तैयारियां शुरू हो गई हैं। झूले, चाट-पकौड़ी की दुकानें सज गई हैं। कैलाश मंदिर महंत बताते हैं कि मेले की शुरूआत लगभग 200 वर्ष पूर्व हुई थी। इस दिन स्थानीय अवकाश भी रहता है। रविवार की शाम को मेले का उद्घाटन होगा।

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श्रावण माह में शहर के चारों कोनों पर स्थित शिवालयों में कैलाश मंदिर प्रमुख है। इस सोमवार सिकंदरा में यमुना किनारा स्थित कैलाश महादेव मंदिर पर मेले का आयोजन होगा। मंदिर की विशेषता है कि यहां एक ही जलहरी में दो शिवलिंग विराजमान हैं। मान्यता के अनुसार इनकी स्थापना महर्षि परशुराम और उनके पिता ऋषि जमदग्नि ने की थी। मेले में दूर-दराज से श्रद्धालु दर्शन व जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं।

मंदिर महंत महेश गिरि बताते हैं कि यहां मेले की शुरुआत 200 वर्ष पूर्व हुई थी। बताया जाता है कि खेतरी महाराज की रानी जंगल में शिकार खेलने आई थीं। वह सभी से बिछड़ गई। खेतरी महाराज को वे कैलाश मंदिर में आराधना के बाद ही मिली थीं। इससे प्रसन्न होकर उन्होंने मंदिर के विकास और यहां मेले की शुरूआत कराई थी। अंग्रेज कलक्टर ने घोषित किया था अवकाश:

सोमवार को कैलाश महादेव मंदिर पर मेले के दिन स्थानीय अवकाश रहता है। कहा जाता है कि एक बार अंग्रेज कलक्टर यहां मंदिर में पहुंचे थे। उनके कोई संतान नहीं थी। मंदिर महंत के कहने पर उन्होंने यहां मन्नत मांगी। कैलाश महादेव के आशीर्वाद से उनके घर संतान हुई तो उन्होंने कैलाश मेले पर स्थानीय अवकाश घोषित कर दिया। इतिहासविद् राजकिशोर राजे बताते हैं कि कैलाश मेले पर स्थानीय अवकाश काफी पुराना है। यहां पहले सिकंदरा में मेला लगता था। लट्ठबाज अपने दांव-पेच दिखाया करते थे।

सावन में तीसरे व चौथे सोमवार को सिकंदरा स्मारक में प्रवेश निश्शुल्क:

करीब दो दशक पहले तक सिकंदरा स्मारक में मेला लगता था। स्मारक में ही छोटे झूले और दुकानें सजती थीं, भीड़ उमड़ती थी, लेकिन बाद में स्मारक परिसर में मेला लगना बंद हो गया। इतना जरूर है कि अब कैलाश मेले के अवसर पर सावन के तीसरे सोमवार और चौथे सोमवार को सिकंदरा स्मारक में प्रवेश निश्शुल्क रहता है। इस बार भी स्मारक में प्रवेश निश्शुल्क रहेगा।


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