Move to Jagran APP

चीनी कम: खपत में आई कमी, चार किलो चीनी कम खा रहे ब्रजवासी

प्रति व्यक्ति खपत में आई कमी आगरा का काराेबार सर्वाधिक प्रभावित। आगरा व अलीगढ़ मंडल में एक साल में चीनी की प्रति व्यक्ति खपत 22.5 किलोग्राम से घटकर अब 18.5 किलोग्राम हो गई हैं। 22 हजार क्विंटल आगरा व अलीगढ मंडल में वर्ष 2021 में खपत।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 09 Aug 2021 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 09 Aug 2021 05:56 PM (IST)
चीनी कम: खपत में आई कमी, चार किलो चीनी कम खा रहे ब्रजवासी
आगरा में प्रति व्यक्ति खपत में आई कमी

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना महामारी के कारण स्वास्थ्य के प्रति जागरूक ब्रजवासी चीनी को ना कह रहे हैं। कुछ लोग केवल चीनी ही नहीं मीठा खाने से परहेज कर रहे हैं। आगरा व अलीगढ़ मंडल में एक साल में चीनी की प्रति व्यक्ति खपत 22.5 किलोग्राम से घटकर अब 18.5 किलोग्राम हो गई हैं। आगरा में चीनी कारोबार सर्वाधिक प्रभावित हुआ हैं। यहां विगत वर्ष की तुलना में पांच किलोग्राम कम चीनी की खपत है जबकि मथुरा में तीन किलो कम खपत है। चीनी के थोक कारोबारी गिर्राज किशोर अग्रवाल, संजय, विनीत कुमार, जयकिशन के अनुसार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के खानपान में बदलाव आया है। शुगर रोगियों की संख्या में भी इजाफा हआ है। असर यह है कि मिठाईयों की बिक्री कम हो गई हैंं। वैवाहिक समारोह में अतिथियों की संख्या सीमित हो गई हैं। कोल्ड ड्रिक का कम प्रयोग हो रहा है। पेठा कारोबार पूरी तरह प्रभावित है। टाफी व बिस्किट की मांग कम हुई है। होटल व रेस्टारेट में भी ग्राहक कम आ रहे है, इसी कारण चीनी कारोबार सर्वाधिक प्रभावित हुआ है।

loksabha election banner

ये है चीनी का गणित

आगरा व अलीगढ मंडल में वर्ष 2020 में खपत

- 22 हजार क्विंटलआगरा व अलीगढ मंडल में वर्ष 2021 में खपत

- 16 हजार क्विंटलआगरा में 2020 में प्रति व्यक्ति खपत  22.5 किलोग्राम

 आगरा में 2021 में प्रति व्यक्ति खपत

- 17.5 किलोग्राममथुरा में 2020 में प्रति व्यक्ति खपत 19.5 किलोग्राम

प्रमुख बाजार

-मोतीगंज,बेलनगंज, बल्केश्वर, नूरी दरवाजा, रावतपाडा, ट्रांसयमुना, कमला नगर, नूरी दरवाजा, संजय प्लेस व सदर बाजार

आगरा में सबसे ज्यादा खपत

- पेठा कारोबार (खपत का 34 फीसद)

चीनी का दाम

- 37 रुपये प्रति किलोग्राम

कहां से आती है चीनी

- सहारनपुर व मेरठ मंडल की मिलो से

कहां से आती है फिल्टर चीनी

- तितावी, मवाना, नंगलामल से (नेशनल फेडरेशन ऑफ़ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ व कारोबारियों के अनुसार)

ये है असर का कारण

बेकरी: 110 क्विंटल चीनी की खपत करता था। अब लगभग 50 कुंतल दैनिक की खपत रह गई है।

मिठाई: आगरा शहर के मिठाई कारोबार में 1500 क्विंटल से भी ज्यादा बोरियों की खपत होती थी। इस समय आंकड़ा 1200 क्विंटल पर सिमट गया है।

पेठा: सामान्य हालातों में दैनिक खपत 1000 क्विंटल रोज की थी। वर्तमान में आगरा के पेठा उद्योग में 700 क्विंटल चीनी की भी खपत नहीं रही है।

कन्फेक्श्नरी: रोजाना 400 क्विंटल चीनी की खपत वाले इस सेक्टर में अभी भी इकाइयां पूरी क्षमता पर नहीं आई हैं। खपत 300 क्विंटल भी नहीं रही है

अन्य सेक्टर: इसमें घरेलू आवश्यकता के साथ तमाम तरह के शर्बत, लस्सी सहित अन्य मीठे पेय, खानपान एवं तरह तरह के सामान शामिल हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.