औरंगजेब नायक या खलनायक, इतिहास में छुपे सवालों का इस पुस्तक से मिलेगा जवाब
लेखक एवं पत्रकार अफसर अहमद की किताब का हुआ विमोचन। ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर मिलेगी रोचक जानकारी।
आगरा, जागरण संवाददाता। औरंगजेब, यह नाम सामने आते ही उन्मादी शासक, क्रूर आक्रांता, मूर्ति भंजक, भाइयों के हत्यारे शासक की छवि जेहन में उभरती है। ताजनगरी के लेखक एवं पत्रकार अफसर अहमद की किताब 'औरंगजेब (बचपन से सत्ता तक)' से मुगल शासक औरंगजेब के बारे में कई रोचक जानकारियां पाठकों को मिलेंगी।
आगरा के होटल गोवर्धन में छह खंडों में लिखी गई किताब के पहले खंड का विमोचन सेंट जोंस कॉलेज के इतिहास के पूर्व विभागाध्यक्ष डा. आरपी शर्मा ने किया। लेखक अफसर अहमद ने बताया कि औरंगजेब का किरदार भारत में दशकों से तीखी बहस का विषय बना हुआ है। उसकी नीतियों को लेकर अकसर सवाल उठते रहे हैं। उसे उन्मादी, क्रूर कहा जाता है, लेकिन वो ऐसा बादशाह था, जिसने हिंदुस्तान की सरहदों को नई मंजिल दी। 50 वर्ष तक हुकूमत के दौरान अफगानिस्तान से लेकर दक्षिण भारत तक मुगल साम्राज्य का विस्तार किया। उसकी दो हिंदू पत्नियां थीं। वह संस्कृत भाषा का ज्ञाता था। यह किताब वास्तव में आरोपों और सवालों की हकीकत जानने की कोशिश है। इसमें सही और गलत दोनों पक्षों को तथ्यों के साथ मूल संदर्भ ग्रंथों के आधार पर पर पेश किया गया है। अब पाठक ही यह तय करेंगे कि औरंगजेब नायक था या खलनायक। किताब का पहला खंड औरंगजेब की शुरुआती जिंदगी से जुड़ा है।
ब्रज खंडेलवाल ने बताया कि इस किताब में नए तरह का इतिहास लेखन है। यह विभिन्न तथ्यों को एकत्रित कर वैज्ञानिक प्रक्रिया पर आधारित है। प्रो. श्रीभगवान शर्मा, समी अगाई, पदमिनी अय्यर, सुरेंद्र शर्मा, श्रवण कुमार, अनिल शर्मा, राहुल राय, दीपक राजपूत, अमित कोहली, विकास शर्मा आदि मौजूद रहे।
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