शहीदों को समर्पित कृति 'बोलती सरहद' का हुआ विमोचन
डॉ हृदेश चौधरी की काव्य कृति बोलती सरहदें का किया गया विमोचन
आगरा, जागरण संवाददाता। एहसासों के सागर से कुछ सीपी शख उठाता हूँ, मैं भारत का फौजी हूँ, गीत वतन के गाता हूँ। यह पंक्तियां हैं डॉ. हृदेश चौधरी की काव्य कृति 'बोलती सरहदें' की, जिसका विमोचन रविवार को क्लार्क शिराज में किया गया। इस कार्यक्रम में फौज के उच्च पदों पर रहे अधिकारियों ने भी शिरकत की। कार्यक्रम स्थल को मुख्य द्वार से लेकर मंच तक पूरी आर्मी थीम पर देशभक्ति से परिपूर्ण किया गया था। मुख्य अतिथि सासद प्रो. एसपी सिंह बघेल ने कहा कि यह काव्य कृति बोलती सरहदें सभी के बीच में उस वक्त पहुंच रही है जब समूचा राष्ट्र काश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद उल्लासित है और सेना के मान सम्मान के प्रति उसका समर्पण और मुखरित हुआ है। ब्रिगेडियर मनोज कुमार, कर्नल जीएम खान, कर्नल डॉ. उमेश चंद्र दुबे, कर्नल अजय मिश्रा, कर्नल लोकेश डागर, नगेंद्र सिंह आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए। लेखिका डॉ. हृदेश चौधरी ने कहा कि सरहदों पर तैनात हर प्रहरी और उनके परिजनों की भावनाओं को बहुत अंदर तक महसूस करके मैंने उसे शब्दों में उकेरने की कोशिश की है। इस मौके पर अजय शर्मा और ब्रिजेश शर्मा द्वारा निर्देशित एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म भी प्रसारित की गई। जिसमें आराधना संस्था द्वारा संचालित घुमन्तु पाठशाला और बोलती सरहदें की रूप रेखा प्रस्तुत की गई। कुलपति डॉ. अरविंद कुमार दीक्षित, प्रख्यात कवि विनीत चौहान, साहित्यकार मंगल नसीम, राज्य महिला आयोग की सदस्य निर्मला दीक्षित, कवि सोम ठाकुर, इंडियन ऑयल मथुरा के डीजीएम के एस चौधरी, जी बी पंत इंजीनियरिग कॉलेज के प्रोफेसर डॉ. अजय कुमार सिंह, इंदिरा गाधी टेक्निकल यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर दीप्ति छावड़ा सिंह, हास्य कवि पवन आगरी आदि मौजूद रहे। डॉ. शशि तिवारी, डॉ. मधुरिमा शर्मा, डॉ. रुचि चतुर्वेदी, सुधीर नारायन, संजय बंसल, विक्रम शुक्ला, रमेश मुस्कान, केसी श्रीवास्तव, विनय पतसरिया, पवन सिंह, रविंद्र पाल टिम्मा, डॉ.अलका सेन, अमीर अहमद, वत्सला प्रभाकर, आनंद राय, अरविंद सिंह, डॉ मधु भारद्वाज, दिवाकर तिवारी, शबाना खंडेलवाल, डॉ. अनुज त्यागी आदि मौजूद रहे।