कैसे बनें अब रिवॉल्वर रानी, दिमागी संतुलन ने बिगाड़ दी सारी कहानी
हाईकोर्ट के आदेश पर शस्त्र लाइसेंस के लिए मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण है अनिवार्य। गुस्से की आदत सहित अन्य क्षमताएं भी देखी जा रहीं।
आगरा, जागरण संवाददाता: शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने वाली दो महिलाओं का रिवॉल्वर रानी बनने का सपना टूट गया। ये दोनों मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में हुए परीक्षण में फेल हो गई हैं। इनके शस्त्र लाइसेंस पर रोक लगा दी गई है।
हाईकोर्ट के आदेश पर शस्त्र लाइसेंस के लिए मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण अनिवार्य कर दिया है। मानसिक स्वास्थ्य संस्थान एवं चिकित्सालय में शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करने वालों का मानसिक परीक्षण किया जा रहा है। इसमें 10 से 15 दिन लग रहे हैं। मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिकों की टीम आवेदक का क्लीनिकल और साइक्लॉजिकल असेसमेंट कर रही है। यहां दो दबंग महिलाओं का मानसिक परीक्षण किया गया। तीन- तीन घंटे के सेशन हुए। इसमें गुस्से की आदत, बौद्धिक क्षमता सहित अन्य पहलुओं पर परीक्षण में दोनों महिलाएं फेल हो गईं। संस्थान के प्रमुख अधीक्षक डॉ. दिनेश राठौर ने बताया कि दो महिलाएं मानसिक परीक्षण में फेल हो गई हैं। बौद्धिक स्तर औसत से कम होने के साथ ही अन्य मानक भी सही नहीं पाए गए। इनकी रिपोर्ट भेजी जा रही है। शस्त्र लाइसेंस के लिए मानसिक परीक्षण कराने के लिए 900 आवेदन आ चुके हैं। इन्हें परीक्षण की तिथि दी जा रही है।
तीन घंटे के 10 सेशन
मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण के लिए कोई लैब टेस्ट नहीं है। क्लीनिक असेसमेंट, साइक्लॉजिकल टेस्ट होते हैं। इसमें कुछ सवाल, तस्वीर दिखाकर प्रतिक्रिया देखी जाती है। एक सेशन में तीन घंटे लगते हैं। कुछ केस में दो सेशन में परीक्षण हो सकता है। कुछ केस में 10 सेशन तक लग जाते हैं।
परीक्षण में फेल होने से चुनाव लडऩे पर रोक
मानसिक स्वास्थ्य परीक्षण में गंभीर मनोरोग के चलते फेल होने पर शस्त्र लाइसेंस के साथ ही चुनाव लडऩे, बैंक में लेनदेन, प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री करने पर रोक लग सकती है।
ये है प्रक्रिया
- क्लीनिकल असेसमेंट
- साइक्लॉजिकल टेस्ट
- एक सेशन करीब तीन घंटे, दो से 10 सेशन हो सकते हैं।
इन बिंदुओं पर जांच
गुस्सा आना
नशे की लत
बौद्धिक क्षमता
मनोरोग से पीडि़त तो नहीं