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आगरा में खंड शिक्षा अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, बीएसए का भी रहा था चार्ज

शमसाबाद के प्रधानाध्यापक की शिकायत पर विजिलेंस ने दबोचा। भविष्य निधि फंड से ऋण स्वीकृत करने को मांगे थे आठ हजार रुपये। आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी फंड स्वीकृत करने के बदले में आठ हजार रुपये मांग रहा था। शिक्षक ने इसकी शिकायत विजिलेंस में की थी।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 10:39 AM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 10:39 AM (IST)
आगरा में खंड शिक्षा अधिकारी रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार, बीएसए का भी रहा था चार्ज
खंड शिक्षा अधिकारी ब्रजराज सिंह को रिश्‍वत लेते विजिलेंस टीम ने गिरफ्तार किया है।

आगरा, जागरण संवाददाता। शमसाबाद ब्लाक में तैनात खंड शिक्षा अधिकारी ब्रजराज सिंह को विजिलेंस ने बुधवार की रात को रिश्‍वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया है। शमसाबाद के लहरपट्टी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक भैरोंनाथ सिंह ने भविष्य निधि फंड से पांच लाख रुपये निकालने के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी फंड स्वीकृत करने बदले में आठ हजार रुपये मांग रहा था। शिक्षक ने इसकी शिकायत विजिलेंस में की थी।

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लहर पट्टी प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक भैराेंनाथ सिंह ने जुलाई में फंड निकालने के लिए आवेदन किया था। आरोप है कि रिश्वत नहीं देने पर उनकी फाइल गायब कर दी गई। जिस पर प्रधानाध्यापक ने दोबारा आवेदन किया। आरोप है कि पांच लाख रुपये का ऋण स्वीकृत करने के लिए खंड शिक्षा अधिकारी ने आठ हजार रुपये मांगे थे। प्रधानाध्यापक को रात करीब नौ बजे भगवान टाकीज बाइपास स्थित एक रेस्टोरेंट के पास बुलाया था।

विजिलेंस टीम ने पहले से ही वहां डेरा लिया था। खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा रिश्वत लेते ही उसे रंगे हाथों दबोच लिया। जिससे कुछ देर के लिए वहां अफरातफरी मच गई। मगर, मामला जानने के बाद लोग वहां से चले गए। एसपी विजिलेंस रवि शंकर निम ने बताया कि प्रधानाध्यापक की शिकायत पर खंड शिक्षा अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जा रहा है। आरोपित को गुरुवार को मेरठ विजिलेंस कोर्ट में पेश किया जाएगा।

एक महीने रहा था बेसिक शिक्षा अधिकारी का प्रभार

रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार खंड शिक्षा अधिकारी पर एक महीने तक बेसिक शिक्षा अधिकारी का भी प्रभार रहा था। इस दौरान उसके खिलाफ कई शिकायतें हुई थीं। मगर, तब कोई खुलकर सामने नहीं आया था। विभाग में चर्चा है कि खंड शिक्षा अधिकारी ने उस समय एक शिक्षक का गुपचुप तरीके से निलंबन कर दिया था। वेतन बनने के समय उसका निलंबन लेखा विभाग को भेज दिया था। जिसके बाद से शिक्षकों का एक गुट उसके खिलाफ हो गया था।

इंटरनेट मीडिया में वायरल हुआ मामला

खंड शिक्षा अधिकारी की गिरफ्तारी इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गई। उसके पकड़ने के कुछ मिनट बाद ही एक मैसेज वायरल हुआ। जिसमें उस पर वसूली के कई आरोप थे। चर्चा है कि प्रधानाध्यापक के नजदीकी कुछ लोगों को उसके रंगे हाथों पकड़े जाने की पहले से भनक थी। यही कारण था कि उसकी गिरफ्तारी के कुछ देर बाद ही विस्तार से पूरा मामला इंटरनेट मीडिया में वायरल हो गया।


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