Krishna Janmashtami 2019: ब्रजभूमि का कण-कण बोला, जय कन्हैया लाल की Agra News
कान्हा के जन्मोत्सव पर अलौकिक बनी मथुरा नगरी गूंजे शंख और घंटे-घडिय़ाल। देर रात तक दर्शन को उमड़ा रहा श्रद्धालुओं का हुजूम।
आगरा, रसिक शर्मा। अकल्पनीय श्रद्धा का प्रवाह, अद्वितीय सौंदर्य की छटा, अलौकिक दिव्यता में आकंठ डूबी ब्रजभूमि। कृष्ण जन्माष्टमी पर शनिवार को कान्हा की नगरी में द्वापर युगीन लीलाएं जीवंत हो उठीं। कान्हा के प्राकट्योत्सव के क्षण जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे थे, ब्रज भूमि का कण-कण तेजोमय होता जा रहा था। चहुंओर जय कन्हैया लाल की की गूंज हो रही थी।
श्रीकृष्ण जन्मस्थान में सुगंधित द्रव्यों का छिड़काव शुरू होते ही, प्रभु के आगमन की सूचना का संकेत भक्तों को मिल गया। रात 11 बजते ही श्रीगणेश-नवग्रह आदि पूजन से जन्माभिषेक महोत्सव का शुभारंभ हो गया। श्रीराम जन्मभूमि और श्रीकृष्ण जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्यगोपाल दास और कृष्ण जन्म सेवा संस्थान के प्रबंध न्यासी अनुराग डालमिया ने गोदुग्ध, दही, गोघृत शर्करा एवं शहद से प्रभु का महाभिषेक शुरू किया। रजत कमल पुष्प में विराजमान कान्हा के श्रीविग्रह का अभिषेक सोने से जड़ी रजत से बनी गौमाता के थनों से निकलते दूध की धार से हुआ। दिव्य औषधि और इत्र आदि द्रव्यों की वातावरण में सुगंध घुल रही थी।
दिव्य विग्रह को रेशमी रत्न जडि़त पोशाक धारण कराई गई। नवरत्नों से सुशोभित सोने का हार पहनाया। इंतजार की घडिय़ों को विराम लगाते हुए आखिर 12.15 बजे प्रभु को चांदी के अष्टदल कमल की पंखुडिय़ों से बाहर निकाला गया, तो धरती से अंबर तक जय कन्हैया लाल की गूंज होने लगी। 12.40 बजे श्रृंगार आरती शुरू हुई। रात 1.30 बजे तक प्रभु के दर्शनों की एक झलक पाने को श्रद्धा का प्रवाह अनवरत बहता रहा।