Acid Attack: इरादे भांप जाती किशाेरी तो न होता एसिड अटैक, अब परिवार के लिए इलाज बना चुनौती
ई-रिक्शा चलाता है आरोपित पीड़िता का परिवार दहशत में। परिवार इलाज का खर्च उठाने में सक्षम नहीं। दोनों बहनों को चार दिन से मोबाइल नंबर मांगकर कर रहा था परेशान। घटना रुक सकती थी बशर्ते पहले ही मामला पुलिस के संज्ञान में डाल दिया जाता।
आगरा, जागरण टीम। एसिड अटैक की शिकार पीड़िता से आरोपित हमलावर चार दिन से मोबाइल नंबर मांग रहा था। दोनों बहनों को उसने परेशान कर रखा था, लेकिन इन लड़कियों ने सिर्फ एक ही भूल की कि पुलिस को जानकारी नहीं दी। घटना के बाद परिवार दहशत में है और आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण बेटी का महंगा इलाज कराने में भी सक्षम नहीं है। प्रशासन की तरफ से कोई मदद पीड़िता को नहीं मिली है।
पीड़िता के परिवार के लोगों का कहना है कि घटना के बाद बेटियों ने जानकारी दी कि आरोपित मंजीत बड़ी बेटी से छोटी बेटी का मोबाइल नंबर चार दिन से मांग रहा था। दोनों बहनों ने नंबर देने से मना कर दिया तो आरोपित धमकी देने लगा। चूंकि हमलावर मुहल्ले का ही रहने वाला था, इसलिए बहनें उसे अच्छी तरह पहचानती थी, मगर उन्होंने अपने घर पर किसी को भी कुछ नहीं बताया। जब घटना के बाद सारी जानकारी बड़ी बेटी ने अपने परिवार को दी। उसने बताया कि दोनों बहनें जब घर से निकलकर जाती थी तो हमलावर कभी बाइक तो कभी ई-रिक्शा से पीछा करता था, लेकिन यह बेटियां उससे बचकर निकल जाती थीं। हमलावर ई-रिक्शा चलाने का ही काम करता है।
गुरुवार शाम तो हद ही हो गई, जब हमलावर अपने एक साथी के साथ बाइक पर पहुंचा और छोटी बेटी को खींचकर बाइक पर बैठाने की कोशिश की। हालांकि यह कोशिश नाकाम रही। यह घटना यह भी बताती है कि जागरूकता के लिए जो अभियान चलाए जा रहे हैं उनके बारे में अभी भी महिलाओं को पूरी तरह जानकारी नहीं है। यह घटना रुक सकती थी, बशर्ते पहले ही मामला पुलिस के संज्ञान में डाल दिया जाता। कई हेल्पलाइन नंबर पुलिस ने जारी कर रखे हैं, जिन पर फोन करके मदद मांगी जा सकती थी। शहर कोतवाली में बंद आरोपित अपने आप को बेकसूर बता रहा है, लेकिन पीड़िता ने उसे पहचान लिया है।