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अंधेरा छटने में लगे 71 साल, अब पहुंची पांच मजरों में बिजली

चार ब्‍लॉक के पांच मजरे स्‍वतंत्रता के बाद हुए अब जाकर रोशन।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Tue, 12 Mar 2019 01:51 PM (IST)Updated: Tue, 12 Mar 2019 01:51 PM (IST)
अंधेरा छटने में लगे 71 साल, अब पहुंची पांच मजरों में बिजली
अंधेरा छटने में लगे 71 साल, अब पहुंची पांच मजरों में बिजली

आगरा, सुबान खान। ठार बघेल के राजवीर सिंह सचिवालय में कमांडो हैं। अमर सिंह पुलिस में हैं तो राजेश जम्मू के पुंछ में सीमा पर देश की रक्षा कर रहे हैं। इन सभी ने अपनी शिक्षा दीपक की रोशनी में पूरी की। इनके गांव में बिजली नहीं थी। कई प्रयास किए पर सफलता नहीं मिली। इस बार जब सौभाग्य योजना ने इनके गांव को रोशन किया तो ग्र्रामीण खुशी से फूले नहीं समाए। अब ये भी टीवी पर प्रोग्राम देख सकेंगे। 

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जिले के पांच मजरे आजादी के 71 साल बाद रोशन हुए हैं। सौभाग्य योजना के तहत इन मजरों में विद्युतीकरण हुआ है। इसमें चौगना के ठार बघेल सहित खंदौली के सेमरा गांव के नगला लोधा बरी में भी बिजली की सप्लाई शुरू हो गई। जगनेर के सरवनपुरा, जैतपुर के पुराजैम व सैंया के पोखन का पुरा में विद्युतीकरण हो गया है। जल्द ही यहां भी रोशनी फैलेगी। बुजुर्गों ने कहा है कि जिंदगी अंधेरे में गुजार दी है। अब बिजली आई है। अच्छा लग रहा है। कम से कम अब बच्चे तो उजाले में पढ़ सकेंगे। 

इस विकास की लहर में नगला लोधाबरी में भी विद्युतीकरण हुआ है। यहां पर एक 25 हॉर्स पावर का ट्रांसफार्मर रखा गया है। एबी केबल यहां खंभों पर लगे हुए हैं। वर्षों से इंतजार करने वाले ग्र्रामीणों ने भी तुरंत ही सौभाग्य योजना में कनेक्शन ले लिये। कमोबेश यही हाल निबोहरा के गढ़ी जहान का है। यहां विकास दौड़ा तो बिजलीकर्मियों ने पोल खड़े कर दिए। लेकिन हाल ये ही आजादी के 71 वर्ष बाद भी बिजली आपू्र्ति सुचारू नहीं हो सकी है। ग्र्रामीणों ने 80 बिजली कनेक्शन ले रखे हैं। यहां पर 128 परिवार रहते हैं। लेकिन बिजली के लिए तरस रहे हैं।

तीन किलोमीटर दूर से लाते थे पानी

60 वर्षीय कपूरी देवी ने बताया कि शादी के बाद से पड़ोस के गांव से पेयजल लेकर आते हैं। बिजली आ गई है अब पानी लाने से निजात मिलेगी। गांव में सबमर्सिबल लगाए जाएंगे।

चार महीने पूर्व लगे मीटर

इन मजरों में विद्युत विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों ने चार माह पूर्व ही कनेक्शन देकर मीटर लगा दिए हैं। खास बात ये है कि इसके बाद विद्युतीकरण हुआ है, लेकिन तीन मजरों में आपूर्ति सुचारू नहीं हुई है।

अंधेरे के कारण हुई डकैती

88 वर्षीय राम कली बताती हैं कि अंधेरे का फायदा उठाकर डकैतों ने तीन बार ठार बघेल में डकैती डाली है। इसमें एक बच्चे की भी मौत हो गई है।

कहां हुआ कितना कार्य

मजरा, पोल, दूरी (किलोमीटर)

सरबनपुरा, 9, 0.245

पुराजैम, 5, 0128

ठार बघेल, 99, 0.874

नगला लोधाबरी, 10, 019

पोखन का पुरा, 28, 049 


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