Move to Jagran APP

फंस न जाना कहीं नकली के फेर में, दवा खरीदते समय रखें इस बात का ध्‍यान

नकली दवाओं से बचने के लिए औषधि विभाग ने लोगों से बिल लेने की अपील की है। मेडिकल स्टोर से दवाएं लेते समय बिल लें बिल न देने पर शिकायत कर सकते हैं।

By Prateek GuptaEdited By: Published: Sat, 08 Jun 2019 05:54 PM (IST)Updated: Sat, 08 Jun 2019 05:54 PM (IST)
फंस न जाना कहीं नकली के फेर में, दवा खरीदते समय रखें इस बात का ध्‍यान
फंस न जाना कहीं नकली के फेर में, दवा खरीदते समय रखें इस बात का ध्‍यान

आगरा, जागरण संवाददाता। एंटीबायोटिक इंजेक्शन सहित सामान्य दवाएं नकली बिक रहीं हैं। इन दवाओं को लेने के बाद भी मरीजों की तबीयत में सुधार नहीं हो रहा है। वहीं, गंभीर मरीजों की तबीयत बिगड़ रही है। ऐसे में नकली दवाओं से बचने के लिए औषधि विभाग ने लोगों से बिल लेने की अपील की है। मेडिकल स्टोर से दवाएं लेते समय बिल लें, बिल न देने पर शिकायत कर सकते हैं। 

loksabha election banner

औषधि विभाग की टीम ने पांच जून को निबोहरा, फतेहाबाद में वैगन आर से बड़ी मात्रा में नकली एमीकासिन इंजेक्शन जब्त किए थे। दवा माफिया दो एमएल की वाइल में पानी और डेक्सट्रॉज से एंटीबायोटिक इंजेक्शन एमीकासिन तैयार कर रहे थे। इन्हें तीन साल से शहर और देहात के मेडिकल स्टोर पर सप्लाई किया जा रहा था। ये इंजेक्शन मरीजों को 80 से 90 रुपये का मिल रहा था, नकली होने के चलते इंजेक्शन लगवाने के बाद भी तबीयत में सुधार नहीं होता है। नकली दवाओं की रोकथाम के लिए औषधि विभाग छापे मार रहा है, लोगों से भी अपील की है कि वे बिल से ही दवाएं खरीदें।

थोक दवा की दुकान से बिल से ही लें दवाएं

फव्वारा थोक दवा बाजार से मेडिकल स्टोर संचालक दवाएं खरीद कर ले जाते हैं। इन्हें भी बिल नहीं दिया जाता है, ये दवाएं भी नकली हो सकती हैं। मेडिकल स्टोर से इन दवाओं के सैंपल लेकर औषधि विभाग जांच के लिए भेजता है, जांच में दवाएं नकली मिलने पर मेडिकल स्टोर संचालक से बिल मांगा जाता है। मगर, अधिकांश मेडिकल स्टोर संचालक बिल नहीं देर रहे हैं। ऐसे में मेडिकल स्टोर संचालक पर ही कार्रवाई की जा रही है। वहीं, बड़ी संख्या में हॉकर भी मेडिकल स्टोर पर दवाओं की सप्लाई कर रहे हैं, ये भी बिल नहीं देते हैं। इनसे भी बिल जरूर लें।

बिल लेने के फायदे

- नकली दवा की आशंका नहीं रहेगी।

- दवा इस्तेमाल नहीं होती तो लौटाने में समस्या नहीं आएगी।

- एमआरपी और थोक रेट में अंतर होने पर दुकानदार ज्यादा मुनाफा नहीं ले सकेगा।

ऐसे करें शिकायत

मेडिकल स्टोर संचालक द्वारा बिल न देने पर डॉक्टर का पर्चा, खरीदी गई दवाओं के फोटो, जिसमें बैच नंबर भी आए। सादे कागज पर दवाओं के लगाए रेट के फोटो वाट्सएप कर सकते हैं। इसआधार पर औषधि विभाग जांच के बाद कार्रवाई करेगी।

इन नंबरों पर कर सकते हैं शिकायत

- सहायक औषधि आयुक्त शिव शरण सिंह - 9452196408

- औषधि निरीक्षक ब्रजेश यादव - 9454468761

- औषधि निरीक्षक राजकुमार - 9412733083

जांच के बाद होगी कार्रवाई

मेडिकल स्टोर और थोक दवा की दुकान से बिल न देने पर फोन नंबर पर शिकायत कर सकते हैं। ऐसे मामलों में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

शिव शरण सिंह, सहायक औषधि आयुक्त 

लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.