16 को रहें जरा संभलकर, ग्रहण के दौरान भूलकर भी न करें ये आठ काम Agra News
मंगलवार को है खंडग्रास चंद्रग्रहण। रात 131 से शुरू होकर 17 जुलाई सुबह 431 बजे तक रहेगा। नौ घंटे पूर्व लग जाएंगे सूतक।
आगरा, तनु गुप्ता। आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन साल 2019 का दूसरा चंद्रग्रहण 16 जुलाई को पड़ने वाला है। साथ ही इस दिन गुरु पूर्णिमा भी है। ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू मेहरोत्रा के अनुसार ग्रहण के दोषकाल वाले समय को सूतक कहा जाता है, जो ग्रहण से कुछ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है। खंडग्रास चंद्रग्रहण रात 1:31 से शुरू होकर 17 जुलाई सुबह 4:31 बजे तक रहेगा। इस क्रम में चंद्रग्रहण के नौ घंटे पूर्व 16 जुलाई को सूतक लगने के कारण शाम 4:30 से मंदिरों के कपाट बंद हो जाएंगे। ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्तियां ज्यादा हावी रहती हैं, जिनसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ग्रहण के दौरान भूलकर भी ये 8 काम नहीं करने चाहिए। नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
मूर्ति को न करें स्पर्श
शास्त्रों के अनुसार, सूतक काल से लेकर ग्रहण खत्म होने तक किसी भी भगवान की मूर्ति को स्पर्श नहीं करना चाहिए। ग्रहण के दौरान भगवान का मन में ध्यान करना चाहिए। ध्यान रखें कि भगवान को भी ग्रहण के दर्शन ना हों। क्योंकि मंदिर के कपाट भी बंद हो जाते हैं।
बाहर खाने से बचें
सूतक काल से ग्रहण खत्म होने तक बाहर खाना-पीना नहीं चाहिए। साथ ही किसी अनजान व्यक्ति कोई भी आपको कुछ भी खाने को दे तो नहीं लेना चाहिए। ग्रहण के दौरान कई लोग टोना-टोटका करते हैं। अगर कोई भी चीज दे तो उसकी जानकारी अपने घर पर जरूर दें। साथ ही इस दिन मांस-मदिरा और शराब के सेवन से करना नहीं चाहिए।
गर्भवती महिलाएं ध्यान दें
चंद्रग्रहण में गर्भवती महिलाओं को ग्रहण की छाया से भी दूर रहना चाहिए क्योंकि ग्रहण की छाया का कुप्रभाव से गर्भस्थ शिशु पर पड़ने का डर रहता है, जो बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह होता है। ग्रहण काल में गर्भवती महिलाएं एक नारियल हमेशा पास रखें और उसे अपने पास ही रखकर सोएं।
न बनाएं शारीरिक संबंध
शास्त्रों के अनुसार, ग्रहण के दौरान स्त्री-पुरुष प्रसंग से बचना चाहिए। इस दौरान संबंध बनाना अशुभ और परलोक में कष्टकारी माना गया है। इस समय गर्भधारण से संतान पर बुरा प्रभाव पड़ता है, ऐसा शास्त्रों का मत है। इस समय शरीर, मन तथा बुद्धि में सामंजस्य बनाए रखना चाहिए।
इनका अपमान ना करें
सूतक काल से ही ध्यान रखें कि किसी भी गरीब व असहाय व्यक्ति या फिर अपने मां-बाप का अपमान ना करें। संभव हो तो इनकी मदद करें और इसको अपनी आदत बना लें। शास्त्रों में बताया गया है कि गरीब व असहाय का अपमान करने पर शनिदेव की बुरी नजर उस पर पड़ती है।
सुनसान या श्मशान जैसे स्थान न जाएं
ग्रहण के दौरान नकारात्मक शक्ति बहुत हावी रहती हैं, इस दौरान इनकी शक्तियां बढ़ जाती हैं। यह शक्तियां किसी को भी नुकसान पहुंचा सकती हैं। बेहतर होगा कि ग्रहण के दौरान किसी भी सुनसान या श्मशान जैसी जगहों से जाने से बचें। ग्रहण के दौरान घर पर ही पूजा करें।
शुभ कार्य न करें
सूतक काल से ही कोई भी शुभ कार्य करने से बचें, अन्यथा वह कार्य आपके लिए अशुभ बन सकते हैं। साथ ही इस दौरान बाल और नाखून काटने से भी बचें, वहीं सिलाई-कढ़ाई, भोजन पकाना और खाना आदि कार्य नहीं करने चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि नहीं आती है।
वाद-विवाद से बचें
ग्रहण के दिन घर में या बाहर किसी भी तरह के वाद-विवाद से बचना चाहिए, इससे घर का माहौल भी खराब रहता है। साथ ही घर में अशांति रहने से पितृगण की कृपा नहीं मिलती है। ग्रहण के दिन पितृगणों का ध्यान करें और उनका नाम लेकर कुछ दान करें।
बन रहा दुर्लभ योग
ज्योतिषाचार्य डॉ शोनू के अनुसार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण होना जैसी घटना 149 वर्षों बाद हो रही है। इससे पहले साल 1870 में ऐसा दुर्लभ योग हुआ था। खास बात यह है कि इस बार यह चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा। यह ग्रहण पूरे तीन घंटे तक रहेगा। डॉ शोनू कहती हैं कि हिन्दू धर्म में ग्रहण को काफी महत्व दिया जाता है। हिंदू पंचांग की मानें तो इस बार चंद्र ग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है। यह चंद्रग्रहण खंडग्रास चंद्र ग्रहण कहा जा रहा है।
ग्रहण को लेकर प्रचलित कुछ नियम
-ग्रहण के दौरान अन्न जल ग्रहण नहीं करना चाहिेए।
- चंद्र ग्रहण के दौरान स्नान नहीं करना चाहिए। ग्रहण खत्म होने के बाद या इससे पहले स्नान कर लें।
- ग्रहण को कभी भी खुली आंख से नहीं देखना चाहिए। इसका आंखों पर बुरा असर पड़ता है।
- ग्रहण के समय मंत्रो का जाप किया जा सकता है।
ग्रहण पर लाभ पाने के लिए करें ये उपाय
-यदि घर में कोई लंबे समय से बीमारी है तो ग्रहण के बाद घी और खीर से हवन आदि करने से से लाभ होता है।
-चंद्रमा कमजोर स्थिति में है तो 'ऊं चंद्राय नम:' मंत्र का जाप करने से लाभ मिलेगा।
-ग्रहण के दौरान प्राणायाम और व्यायाम करना चाहिए, सोच को सकारात्मक रखना चाहिए।
-चंद्रग्रहण समाप्त होने के बाद घर में शुद्धता के लिए गंगाजल का छिड़काव करना चाहिए।
-स्नान के बाद भगवान की मूर्तियों को स्नान करा कर उनकी पूजा करें।
- जरूरतमंद व्यक्ति और ब्राह्मणों को अनाज का दान करना चाहिए।