यहां विकास की बहार, वहां समस्याओं का अंबार
अटल जी के गांव बटेश्वर के विकास में अफसरों ने कर दिया 'खेल'। शासन को भेजी विकास की रिपोर्ट, गांव में अनगिनत समस्याएं।
आगरा(जागरण संवाददाता): पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का पैतृक गांव बटेश्वर। सरकारी अभिलेखों में देखेंगे तो यहां सड़क-नाली चकाचक है। स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी कोई समस्या है न खेती से जुड़ी कोई परेशानी। ऐसी रिपोर्ट शासन को भी भेजी जा रही है। इससे इतर हकीकत ये है कि शायद ही कोई ग्रामीण ऐसा हो जिसके चेहरे पर सरकारी परेशानी की शिकन न हो। सांसद बाबूलाल ने वर्ष 2016-17 में इसे आदर्श गांव के लिए चयनित कर जिन ग्रामीणों को विकास का सपना दिखाया, वह ग्रामीण भी अब खुद को 'धोखे' का शिकार मान रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर सांसद ने सबसे पहले अपने संसदीय क्षेत्र के इसी गांव को आदर्श गांव के रूप में चयनित किया। अटल जी के पैतृक गांव का चयन करने से सांसद पार्टी में सुर्खियों में रहे। विकास विभाग ने जरा भी देरी नहीं की। वर्ष 2017 में गांव को आदर्श गांव के रूप संतृप्त बता दिया और रिपोर्ट शासन को भेज दी। 24 बिंदुओं वाली इस रिपोर्ट में सेहत से लेकर सड़क, पानी सहित नौ सुविधाओं को मानकों के अनुरूप बताया गया।
गांव का हाल:
-आवागमन के लिए सिर्फ डग्गामार ही साधन
-कीचड़ और गंदगी से अटा है गांव
-कई सड़कें बनी नहीं हैं, नालियां भी टूटी हुई हैं।
-पीएचसी को सीएचसी का दर्जा मिल गया, लेकिन डॉक्टर की तैनाती नहीं।
-प्रसव के लिए महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं, महिलाओं को बाह या आगरा ले जाना पड़ता है।
बोले प्रधान
आदर्श गांव बनने से गांव के लिए कोई लाभ नहीं हुआ। जितना बजट दूसरे गांव को दिया जा रहा है, उतना बटेश्वर के लिए दिया जा रहा है। तमाम समस्याएं आज भी गांव में हैं।
-लक्ष्मी नारायण, ग्राम प्रधान
सांसद जी की सुनिए:
मैंने अधिकारियों से गांव का विकास कराने को कहा था, प्रदेश स्तर के काम को बताने के लिए भी कहा था। गांव में क्या काम हुआ? इसकी पूरी जानकारी नहीं है। अब 10 अगस्त को आगरा आकर अधिकारियों से बात करूंगा। वैसे मैंने रेल लाइन पूरी कराने का काम भी कराया है।
-बाबूलाल, क्षेत्रीय सांसद
इन्हें पेंशन का इंतजार:
बटेश्वर के ओमप्रकाश, हर नारायण, राजकुमार व कैलाश चंद्र रावत जैसे कई वृद्ध हैं, जिन्हें वृद्धावस्था पेंशन नहीं मिली है। जबकि वह आवेदन कर चुके हैं। इसके अलावा अनीता देवी और सरोज देवी सहित कई विधवाओं को पेंशन का इंतजार है।