Move to Jagran APP

Bird flu in Agra: आगरा पर भी मंडरा रहे संकट के बादल, इस विदेशी पक्षी से है बर्ड फ्लू का खतरा

Bird flu in Agra इस समय बार हेडेड गूज के साथ साथ कई प्रवासी पक्षियों व आवासीय पक्षियों की अच्छी खासी तादाद आगरा में मौजूद है। चिंताजनक बात यह भी है कि आगरा राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Fri, 08 Jan 2021 03:17 PM (IST)Updated: Fri, 08 Jan 2021 03:17 PM (IST)
Bird flu in Agra: आगरा पर भी मंडरा रहे संकट के बादल, इस विदेशी पक्षी से है बर्ड फ्लू का खतरा
भरतपुर में केवलादेव नेशनल पार्क और चंबल नदी के क्षेत्र में हजारों बार हेडेड गूज मौजूद हैं।

आगरा, जागरण संवाददाता। कोरोना के बाद देश में बर्ड फ्लू की दस्तक ने सभी को दहशत मे ला दिया है। राजस्थान के जयपुर और झालाबाड़ से कौओं की मौत का सिलसिला शुरू होकर हिमाचल प्रदेश में प्रवासी पक्षियों की मौत तक पहुंच गया है। भारत के 14 राज्यों में प्रवासी पक्षियों सहित हजारों की संख्या में पक्षियों की मौत हुई है। लेकिन हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में हुई प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज की मौतों के कारण आगरा पर भी बर्ड फ्लू के प्रकोप के बादल मंडराने लगे हैं। हालांकि राज्य सरकार ने एडवाइजरी जारी कर निगरानी और सतर्कता के निर्देश दिए हैं। नेशनल चंबल सेन्चुरी प्रोजेक्ट में डिप्टी कंजरवेटर आफ फॉरेस्ट के पद पर तैनात दिवाकर श्रीवास्तव ने बताया कि कीठम झील सहित सभी जलाशयों की निगरानी रखी जा रही है जिससे किसी अप्रिय स्थिति आने पर उससे तत्काल निपटा जा सके।

loksabha election banner

आगरा में बड़ी संख्या में मौजूद है बार हेडेड गूज

भारतीय जैव विविधता पर अध्ययन करने वाली संस्था बायोडायवर्सिटी रिसर्च एंड डेवलपमेंट सोसायटी के अध्यक्ष पक्षी विशेषज्ञ डॉ केपी सिंह के अनुसार हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा में मृत बार हेडेड गूज की ओटोप्सी की रिपोर्ट में ऐवियन इनफ्लेन्जुआ H1N1 की पुष्टि हुई है जो कि चिंता का विषय है। यह वायरस मनुष्य पर भी घातक प्रभाव डालता है। हालांकि राजस्थान और मध्य प्रदेश के मृत पक्षियों में ऐवियन इनफ्लेन्जुआ H5N8 वायरस मिला था । आगरा में यमुना नदी के किनारे, कीठम झील, जोधपुर झाल सहित प्रवासी पक्षी बार हेडेड गूज हजारों की संख्या में मौजूद हैं। बार हेडेड गूज बड़े बड़े समूहों में रहती हैं जिस कारण संक्रमण फैलने की स्थिति में बार हेडेड गूज सहित हजारों प्रवासी पक्षियों की जान पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। इस समय बार हेडेड गूज के साथ साथ कई प्रवासी पक्षियों व आवासीय पक्षियों की अच्छी खासी तादाद आगरा में मौजूद है। चिंताजनक बात यह भी है कि आगरा, राजस्थान और मध्य प्रदेश की सीमाओं से लगा हुआ है। आगरा के पास ही भरतपुर में केवलादेव नेशनल पार्क और चंबल नदी के क्षेत्र में हजारों प्रवासी पक्षी मौजूद हैं। दोनो राज्य बर्ड फ्लू के संकट से गुजर रहे हैं।

तिब्बत और लद्दाख से आने वाले प्रवासी पक्षी हैं बार हेडेड गूज

डॉ केपी सिंह के अनुसार बार हेडेड गूज को सफेद हंस भी कहते हैं। यह सर्दियों में उत्तरी व दक्षिणी भारत तक प्रवास करने आता है। यह शाकाहारी पक्षी है और अंकुरित गेंहू की फसल इसका मुख्य भोजन है। बार हेडेड गूज का आकार 70-80 सेमी व बजन दो से तीन किलो तक होता है। यह विश्व का सबसे ऊंचाई पर उड़ने वाला पक्षी है जो लगभग 8400 मीटर की ऊंचाई पर भी उड़ सकता है। उड़ने की गति 300 किमी प्रति घंटा तक होती है। इसके खून के हीमोग्लोबिन में एक विशेष एमीनो एसिड होता है। यह एसिड इनके काफी ठंडे स्थानों पर रहने में सहायक होता है। मादा 4-6अंडे देती हैं तथा 25 से 30 दिन में बच्चे पैदा हो जाते हैं। बच्चे 55 दिन में उड़ने योग्य हो जाते हैं। आठ घंटे बगैर रूके यह तिब्बत से उड़कर हिमालय की ऊंची- ऊंची पहाड़ियों को पारकर भारत में आते हैं। यह पक्षी मार्च के बाद हिमालय की लगभग 8000 मीटर की ऊंचाई को पार करके पुन: अपने निवास स्थान पर चले जाते हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.