शरद पूर्णिमा पर महारास रचाएंगे ठा. बांकेबिहारी, ये रहेगी दर्शनों की व्यवस्था Agra News
मोर-मुकुट कटि काछनि संग श्वेत ध्वल वस्त्रों में होंगे ठाकुरजी के दर्शन। शरद पूर्णिमा पर देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु दर्शन को पहुंचेंगे मथुरा।
मथुरा, जेएनएन। मोर-मुकुट, कटि-काछनी, हीरे-मोती और जवाहरात के साथ सोलह श्रृंगार कर जब आराध्य बांकेबिहारी मुरली बजाते भक्तों को दर्शन देंगे, तो भक्त भी निहाल हो उठेंगे। साल में एक ही दिन मुरली बजाते बांकेबिहारी इस रूप में दर्शन देते हैं। इन विलक्षण पलों का साक्षी बनने को देश-दुनिया से लाखों श्रद्धालु शरद पूर्णिमा पर वृंदावन पहुंचेंगे।
ठाकुरजी सुबह राजभोग और शाम शयनभोग सेवा में जगमोहन में विराजकर वंशी बजाते हुए दर्शन देंगे। शरद पूर्णिमा की शाम चंद्रमा की सीधी रोशनी मंदिर के जगमोहन में जब श्वेतांबर धारण किए ठा. बांकेबिहारीजी पर पड़ेगी तो नजारा ही अछ्वुत होगा। दिनभर के दर्शन के बावजूद चंद्रमा की रोशनी में आराध्य के दर्शन श्रद्धालुओं को लुभाएंगे।
शरद पूर्णिमा पर बढ़ाया दर्शन का समय
मंदिर प्रबंधक मुनीश कुमार शर्मा के अनुसार 13 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा पर ठा. बांकेबिहारीजी की राजभोग और शयनभोग सेवा के तय समय से एक घंटे देर तक दर्शन होंगे। सुबह 1 बजे मंदिर के पट बंद होंगे तो रात को साढ़े दस बजे शयन आरती के बाद पट बंद होंगे।
इन मंदिरों में भी चंद्रमा की रोशनी में दर्शन देंगे ठाकुरजी
शरदपूर्णिमा पर ठा. राधासनेह बिहारी श्वेत धवल वस्त्रों में भक्तों को दर्शन देंगे तो राधादामोदर, राधारमण, राधाश्यामसुंदर, गोविंद देव, गोपीनाथ, मदनमोहन, आश्रम गोदाबिहार समेत अनेक मंदिरों में ठाकुरजी धवल वस्त्र धारण कर चंद्रमा की रोशनी में भक्तों को दर्शन देंगे।
चंद्रकला व खीर का लगेगा भोग
शरद पूर्णिमा पर ठा. बांकेबिहारी समेत हर मंदिर में ठाकुरजी को श्वेत चंद्रकला और खीर का भोग अर्पित किया जाएगा। ठाकुरजी का प्रसाद अर्पित होने के बाद यह खीर और चंद्रकला का प्रसाद भक्तों को बांटा जाएगा।