काशी विश्वनाथ की तरह बदलेगी मथुरा-वृंदावन के मंदिरों की सूरत, हेमा मालिनी के प्रस्ताव पर पीएम मोदी ने जताई रजामंदी
सांसद हेमामालिनी ने ब्रज क्षेत्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से की मुलाकात। प्रधानमंत्री ने दिया सहयोग का आश्वासन मौखिक स्वीकृति भी दी। संसद में कला और कलाकारों से जुड़ी समस्याओं को भी हेमामालिनी ने उठाया कहा प्रोत्साहन की जरूरत।
आगरा, जागरण टीम। सांसद हेमामालिनी ब्रज के विकास को लेकर गंभीर हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। ठाकुर बांकेबिहारी मंदिर, राधारानी मंदिर और गोवर्धन के दानघाटी मंदिर का विकास काशी विश्वनाथ की तरह करने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री को पत्र भी भेजा। पीएम ने सहयोग का आश्वासन देने के साथ ही मौखिक स्वीकृति भी दे दी है।
मथुरा में अंतरराष्ट्रीय महत्व के हैं मंदिर
सांसद हेमा मालिनी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मिलकर कहा कि बांके बिहारी मंदिर वृंदावन, श्री गिर्राजजी दानघाटी गोवर्धन, श्रीजी मंदिर बरसाना पर करोड़ों श्रद्धालु आते हैं, लेकिन यहां पर भीड़ के अनुरूप व्यवस्थाएं नहीं हैं। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी व मां विंध्यवासिनी मंदिर मिर्जापुर की तरह भी व्यवस्थाएं की जाएं। इन तीन मंदिरों के अंतरराष्ट्रीय महत्व को देखते हुए यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर कराया जाए। सांसद के प्रतिनिधि जनार्दन शर्मा ने बताया कि प्रधानमंत्री ने विकास के लिए सहयोग करने के साथ ही मौखिक स्वीकृति भी दी है।
हेमा ने संसद में उठाईं कलाकारों की परेशानियां
सांसद हेमामालिनी ने संसद में कलाकारों की परेशानियां भी उठाईं। उन्होंने कहा कि कलाकारों के लिए आर्थिक सहायता और पेंशन की व्यवस्था होनी चाहिए। कालाकारों का अस्तित्व संकट में है।सांसद हेमामालिनी ने लोकसभा के शून्यकाल में कहा कि हमारा भारत अपनी संस्कृति और सांस्कृतिक विरासत के कारण पूरे विश्व में सर्वश्रेष्ठ है। हमारी कला और संस्कृति कलाकारों का आधार है।
संस्कृति और कला की उपेक्षा से देश का पतन
हेमा ने कहा कि दुनिया के जिस देश ने संस्कृति और कला की उपेक्षा की है, उस देश का पतन ही हुआ है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विश्व ने काशी में भारत की सांस्कृतिक श्रेष्ठता की अद्भुत छटा देखी है। उन्होंने कहा कि कला क्षेत्र और कलाकारों की कुछ गंभीर समस्याएं हैं। वह स्वयं कलाकार होने की वजह से लोगों के लिए बहुत चिंतित हैं। हमारे देश के शास्त्रीय और अन्य विद्या के कलाकारों का अस्तित्व संकट में है।
कोरोना काल में कलाकारों पर आया संकट
हेमा ने कहा कि कोरोना महामारी की वजह से कलाकारों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसकी वजह से वह अपनी जीविका के लिए अपनी कला छोड़ कर दूसरे छोटे-छोटे काम करने पर मजबूर हुए हैं। अब जानकारी मिली है कि नेशनल मिशन आन कल्चरल मेपिंग की योजना को संसाधन के अभाव में बंद कर दिया गया है। उन्होंने सरकार से इस योजना के उद्देश्य को पूरा करने के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध कराने की मांग की। वहीं पूरक प्रश्न में उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जो वन नेशन वन राशन कार्ड सिस्टम, पब्लिक डिस्ट्रिब्यूशन सिस्टम लाया गया है, यह ट्रांसफर्मेटिव चेंजेज बहुत ही सराहनीय हैं।