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विलय पर भड़के बैंककर्मियों ने की हड़ताल, रुपयों के लिए भटके लोग

- सूरसदन स्थित कैनरा बैंक पर एकजुट हो किया शक्ति प्रदर्शन

By JagranEdited By: Published: Thu, 27 Dec 2018 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 27 Dec 2018 06:00 AM (IST)
विलय पर भड़के बैंककर्मियों ने की हड़ताल, रुपयों के लिए भटके लोग
विलय पर भड़के बैंककर्मियों ने की हड़ताल, रुपयों के लिए भटके लोग

आगरा, जागरण संवाददाता। बैंक ऑफ बड़ौदा, विजय और देना बैंक के विलय से गुस्साए बैंक कर्मचारी-अधिकारी आंदोलनरत हैं। बुधवार को उन्होंने बैंकों में तालाबंदी कर हड़ताल की। यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस के आह्वान पर सभी बैंककर्मी सुबह सूरसदन स्थित केनरा बैंक पर जुटे और शक्ति प्रदर्शन कर आंदोलन की आवाज को बुलंद किया।

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सुबह से ही बैंकों में हड़ताल का असर दिखा। बैंक कर्मचारी और अधिकारियों ने बैंकों के ताले नहीं खुलने दिए। इसके बाद सभी लामबंद होकर सूरसदन चौराहा पर प्रस्तावित धरना स्थल के लिए रवाना हुआ। सुबह 11 बजे से यहां बैंक अधिकारी-कर्मचारियों का जुटना शुरू हुआ और 12 बजे सभी ने एकजुट होकर सरकार की विलय नीति व अन्य मनमानी के खिलाफ आवाज बुलंद की। इसमें सेवानिवृत और महिला बैंक कर्मचारियों ने भी भागीदारी निभाई।

जताया विरोध

सभा को यूएफबीयू के विभिन्न घटकों ने संबोधित किया। वक्ताओं ने बताया कि देश में सैकड़ों गांव हैं, जहां लोग बैंकिंग सेवाओं से वंचित हैं। एक तरफ सरकार जनधन खाते खुलवाकर हर व्यक्ति तक इन्हें पहुंचाने की बात करती है, दूसरी तरफ बैंक शाखाओं को बंद कर उनका संकुचन हो रहा है। विलय करने से दूसरी बैंक बड़ी नहीं होगी, बल्कि उसकी समस्याएं और बढ़ जाएंगी। शाखाएं कम हो गई, एनपीए बढ़ गया और व्यापार क्षेत्र विस्तार धीमा हो गया। वहीं बैंकों का विलय इसलिए भी अवांछित है क्योंकि इससे कर्मचारियों की आजीविका व सुरक्षा प्रभावित होगी। मांग की गई कि बैंकों का विलय बंद हो, खराब ऋणों की वसूली शुरू हो, बैंकों में वेतन पुनरीक्षण समझौता शीघ्र लागू हो। सभा को गोविंद माहेश्वरी, एचएन चतुर्वेदी, अमरदीप कौशिक, अंकित गर्ग, शैलेंद्र झा, अशोक सारस्वत, प्रेमचंद, वकील अली, अंकित सहगल आदि ने संबोधित किया।

700 करोड़ से ज्यादा का लेनदेन प्रभावित

विलय के विरोध में बैंक कर्मचारियों ने 21 दिसंबर को हड़ताल की। इसके बाद 22 व 23 को शनिवार-रविवार की छुंट्टी रही। सोमवार को एक दिन बैंक खुला लेकिन काम की अधिकता रही। इसके बाद क्रिसमस की छुंट्टी हो गई। फिर 26 दिसंबर को कर्मचारियों ने दोबारा हड़ताल कर दी। इस तरह छह दिन में सिर्फ एक दिन बैंक खुलने से करीब 500 करोड़ के चैक क्लीयर नहीं हो सके और 200 से 250 करोड़ का नकद लेनदेन प्रभावित रहा।


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