इस दीपावली खाएं जमकर लेकिन थोड़ा संभलकर, त्योहार पर रखें इन जरूरी बातों का ध्यान
मधुमेह रोगी रखें खानपान पर नियंत्रण। त्योहार पर बदपरहेजी दे सकती है अपच,कब्ज, ब्लड शुगर जैसी परेशानियां।
आगरा [जेएनएन]: दीपमालिकाओं से जगमगाता दीपों का त्योहार। उमंग और उत्साह से जीवन का नवस्फूर्ति से परिपूर्ण करने के पांच दिन। हर दिन विशेष पूजन तो विशेष पकवान भी। अपनों के साथ खुशियां मनाने का अवसर लाता है खान पान में भी खुलापन। त्योहार के नाम पर जो चाहा खा लिया, कितना और क्या खाया इसका अहसास सेहत की चाल बदलने पर फिर किया। डायटिशियन आकांक्षा गुप्ता के अनुसार पकवान और मिठाई त्योहारों का जरूरी हिस्सा हैं। यह सही है कि त्योहारों के मौसम को यादगार बनाने के लिए इनका आनंद भी लिया जाना चाहिए। लेकिन इसका नुकसान त्योहारों के बाद होने वाले अपच, कब्ज, वजन बढऩा, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल स्तर का बिगडऩा, हार्ट बर्न, मुंहासे और सूजन जैसी परेशानियों के रूप में सामने आता है। आकांक्षा सलाह देती हैं कि खुद को विषाक्त पदार्थों के संपर्क से रोकने के लिए अच्छे पोषण के महत्व को समझना महत्वपूर्ण है।
मधुमेह रोगी रखें ध्यान थोड़ा ज्यादा
डायटिशियन आकांक्षा के अनुसार त्योहार के मौसम में मधुमेह रोगी को अधिक ध्यान रखने की जरूरत रहती है। बैलेंस डायट को फोलो करते हुए त्योहार की खुशियों का आनंद ले सकते हैं। त्योहार के दिनों में शुगर लेवल की जांच भी लगातार करते रहें। आकांक्षा कहती हैं कि मधुमेह के रोगियों को दिवाली के मौके पर ऐसी चीजें खानी चाहिए जिसमें न तो बहुत ज्यादा चिकनाई हो और न ही बहुत ज्यादा मिठास हो। यानि कि मधुमेह रोगियों को स्मॉल फ्रीक्वेंट मील लेना चाहिए। जौ का आटा, बाजरे का आटा और रागी के आटे में काफी फाइबर होता है। जो मधुमेह के मरीजों के लिए परफेक्ट है। अगर कुछ चटपटा खाने का मन है तो आप ओट्स का दलिया सब्जियों के साथ बनाकर खा सकते हैं। इससे आपको ना सिर्फ प्रोटीन मिलेगा बल्कि आपको भारी मात्रा में फाइबर भी मिलेगा। पानी की मात्रा अधिक बढ़ा दें। यानि कि इन दिनों दिन में कम से कम 10 से 12 ग्लास पानी पीएं। खाने में सलाद को भी प्राथमिकता दें। मधुमेह रोगियों के लिए बाजार में कई शक्कर रहित मिठाइयां मिलती हैं। इसके अलावा आप कम वसा वाली मिठाइयां चुनें जैसे गुलाब जामुन की बजाय रसगुल्ला खाएं। अन्य इसी तरह की मिठाइयां हैं संदेश और पेड़ा भी खा सकते हैं। नमकीन और तीखे में घर की बनीं मठरी, शक्करपाली, चकली, कचौरियां आदि खाएं। इनमें आटे के साथ बाजरा, रागी, सोयाबीन का आटा मिला सकते हैं। इन नमकीनों में आप हरी पत्तियों की सब्जियां जैसे मेथी, पालक, धनिया आदि मिला सकते हैं।
मेहमानों को भी परोसें सेहत
डायटिशियन आकांक्षा के अनुसार मेवा और फलों से अपने दोस्तों और रिश्तेदारों की मेहमाननवाजी करें, इनमें चिकनाई भी नहीं होती और ज्यादा दिनों तक इनका इस्तेमाल भी कर सकते हैं।
भोजन बनाएं सेहतमंद अंदाज में
आकांक्षा कहती हैं कि सेहतमंद सामग्री और सेहतमंद भोजन पकाने के तरीके के साथ तैयार मिठाई, अगर संयमित मात्रा में खाई जाए, तो ये आपके वजन, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के लेवल को सीमा के भीतर रखेगी।
मैदा, चावल का आटा, सूजी (रावा) जैसे परिष्कृत अनाज के साथ घर पर बनाई गई मिठाई साबुत गेहूं, बाजरा, ज्वार, कुट्टू जैसे साबुत अनाज और रागी, राजगीरा जैसे अन्य पौष्टिक अनाजों से प्रतिस्थापित की जा सकती है। सोयाबीन और दाल का प्रयोग बेसन के बदले किया जा सकता है।
ओमगा-3 फैटी एसिड और अन्य महत्वपूर्ण पोषक तत्वों के लाभ प्राप्त करने के लिए बादाम, अखरोट, अलसी, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज, तिल के बीज व अन्य को सीमित मात्रा में शामिल किया जा सकता है। अन्य शुष्क फलों के सेवन को प्रतिबंधित करें, क्योंकि वे फैट से भरे हुए हैं। इन्हें बहुत ज्यादा खाने से बैड कोलेस्ट्रॉल का लेवल बढ़ सकता है। चीनी से बचा जा सकता है और इसकी जगह खजूर, काली किशमिश और अंजीर का प्रयोग किया जा सकता है, जिसमें पौष्टिक लाभ है। चीनी खाली कैलोरी प्रदान करता है, इसमें कोई पोषक तत्व नहीं होता है और अतिरिक्त खपत से वजन बढ़ सकता है। घी और मक्खन को लेना कम कर दें। सीमित मात्रा में परिष्कृत तेल का उपयोग करें और डीप फ्राइंग के बजाय स्टीमिंग, बेकिंग या रोस्टिंग जैसे टिप्स अपनाएं। मिठाई या खीर तैयार करने के लिए, होल फैट वाले दूध की बजाय टोन्ड या स्किम्ड दूध का उपयोग करें। फैट की अधिक मात्रा वाले खोवा और नारियल के बजाय पनीर (टोन्ड दूध के साथ घर पर तैयार) के साथ मिठाई भी तैयार की जा सकती है।
मिठाई के नाम पर न करें अधिक फैट का सेवन
आकांक्षा के अनुसार भारतीय मिठाई फैट से भरपूर होती हैं और डीप फ्राइंग उन्हें और भी खराब कर सकती है। इनके अधिक सेवन से बचें क्योंकि ये आपके डाइजेशन को परेशान कर सकती हैं। बहुत सारी मिठाई और ऑयली फूड खाने से हाइपरएसिडिटी हो सकती है। हाई कैलोरी वाली मिठाई और स्नैक्स को कम मात्रा में खाएं। दिन में थोड़ा- थोड़ा 4-5 बार खाएं, ताकि आप असमय खाने की तरह महसूस न करें और फाइबर रिच फूड (साबुत अनाज, साबुत दालें, साबुत फल, सलाद और पत्तेदार सब्जियां) खाएं जो संतृप्ति की भावना दे। इससे आपको मिठाई से दूर रहने में मदद मिलेगी। अल्कोहल को प्रतिबंधित करें क्योंकि यह केवल खाली कैलोरी प्रदान करता है जिससे कैलोरी जुड़ती है और वजन बढ़ जाता है।
खुद को अच्छी तरह से हाइड्रेटेड रखें
बॉडी से टॉक्सिन को बाहर निकालने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी होता है। पानी स्वभाविक रूप से भूख को दबा देता है और बॉडी में जमा फैट के चयापचय में मदद करता है। पानी लिम्फ के उत्पादन में मदद करता है जिसमें व्हाइट ब्लड सेल और अन्य प्रतिरक्षा कोशिकाएं होती हैं, जो संक्रमण से लडऩे में शरीर की मदद करती हैं। शरीर के जरिए बहने वाली पानी की अपर्याप्त मात्रा के साथ, ये विषाक्त पदार्थ शरीर में बन सकते हैं और त्वचा के छिद्रों से बच सकते हैं, जिससे मुंहासे हो सकते हैं। पानी भी आंखों के नीचे डार्क सर्कल को रोकने में मदद करेगा और त्वचा को उचित हाइड्रेशन प्रदान करके पूरक बनाएगा। सामान्य कार्य करने के लिए प्रतिदिन 8-10 गिलास पानी का उपभोग करने की सलाह दी जाती है। प्यास लगने की प्रतीक्षा न करें लिक्विड्स लेते रहें लेकिन सही प्रकार के तरल पदार्थ पीना महत्वपूर्ण है। कैफीन (कोला, कॉफी, चाय) जैसे डिहाइड्रेटेड फूड्स और ड्रिंक्स से बचें। इसके बजाय नारियल का पानी, कोकम जूस, ताजा नींबू का रस, कम फैट वाला दूध और दूध उत्पादों से बने पेय पदार्थ लें, जिनमें या तो शक्कर न हो या सीमित मात्रा में हो।
सही फूड कॉम्बिनेशन
भोजन संयोजन एक अच्छा उपाय हो सकता है। भोजन और स्नैक्स में प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट का संयोजन ब्लड ग्लूकोज लेवल पर बेहतर नियंत्रण पैदा कर सकता है और आपके मेटोबॉलिज्म को बढ़ावा देता है। कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन गु्रप को चुनें, जैसे साबुत अनाज (दलिया, ओट्स, मुसली, बाजरा, ज्वार, होल व्हीट आटा, रागी) की तैयारी के साथ कार्बोहाइड्रेट यानी दूध, दही, मक्खन को चुनें। पौधे वाले प्रोटीन कुछ एमिनो एसिड की कम मात्रा के कारण अच्छी गुणवत्ता वाले नहीं होते। हालांकि, अनाज और दालों का संयोजन अधिकांश एमिनो एसिड और बेहतर गुणवत्ता वाले प्रोटीन प्रदान करता है।
सीरियल्स विटामिन-बी, फाइबर और आयरन प्रदान करता है। दूध प्रोटीन, विटामिन-बी, फॉस्फोरस, पोटेशियम और कैल्शियम प्रदान करता है। फाइबर आपके पाचन तंत्र को नियमित रूप से काम करने में मदद करता है। प्रोटीन और फाइबर आपकी भूख को संतुष्ट करते हैं और आप लंबे समय तक भरा पेट महसूस करते हैं। शुगर वाले सीरियल्स (जैसे मैदा और मकई का आटा), सिरप, पेस्ट्री और सफेद रोटी से दूर रहें क्योंकि ये जल्दी पच जाते हैं और यह कुछ ही घंटे में आपको भूखा कर देंगे और थकावट ला देंगे, जिससे आखिर में आपको अधिक खाना होगा। कई अध्ययनों से पता चलता है कि जब लोग कुछ और ज्यादा खाते हैं तो उनका बॉडी फैट अधिक संचित होता है बजाय इसके जब वे कम, बार-बार भोजन में समान कैलोरीज लेते हैं।
अगले कुछ दिनों के खाने के बारे में सावधान रहें
अपने ज्यादा खाने की भरपाई करने के लिए अगले कुछ दिनों के खाने के बारे में सावधान रहें। त्योहार के मौसम के बाद ज्यादा सेवन के बुरे प्रभावों से बचने और अस्वास्थ्यकर मिठाई खाने से रोकने और अधिकतम लाभ प्राप्त करने के लिए, फल और सब्जियों पर ध्यान दें। उनमें से अधिकांश में एंटीऑक्सीडेंट मौजूद होते हैं और इस प्रकार हमारे शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स सेल्स से नुकसान पहुंचाने से बचाते हैं। उन अतिरिक्त कैलोरी को बर्न करने के लिए एक्सरसाइज करना भी याद रखें। अगर आप किसी भी बीमारी से पीडि़त नहीं हैं, तो प्रति दिन आधे घंटे तेज चलें, अन्यथा अपने डॉक्टर द्वारा बताए गए फिजिकल एक्सररसाइज का पालन करें। त्योहारी मौसम के बाद बॉडी को डिटॉक्स करने का सबसे अच्छा तरीका है, बहुत सारा पानी पीना और रेगुलर फिजिकल एक्टिविटी के साथ विटामिन, मिनरल और एंटीऑक्सीडेंट से समृद्ध एक बैलेंस डाइट लेना।
आयरन रिच हेल्दी स्वीट्स के साथ इस दिवाली रहें सेहतमंद
अगर दीवाली पर आप हेल्दी मिठाइयां खाएं तो आपकी और आपके परिवार की सेहत भी अच्छी बनी रहेगी और दीवाली का सेलिब्रेशन भी जमकर मनाया जा सकता है। तो आइए जानते हैं ऐसी चार आयरन रिच हेल्दी स्वीट्स के बारे में, जिनसे आपका जायका और सेहत दोनों बने रहेंगे...
टेस्टी टेस्टी दाल पिन्नी
सामग्री
1 कप उड़द दाल
1 कप चीनी
2 बड़े कप पिस्ता
आधा कप देसी घी।
विधि
उड़द दाल रातभर के लिए भिगो दें। इसके बाद दाल को पीस लें। इसके बाद पैन में घी गरम कर उसमें दाल को सुनहरा होने तक भून लें, जब तक वह घी ना छोडऩे लगे। फिर उसमें चीनी मिला लें और उसे गोल या चौकोर शेप वाले मोल्ड में रख लें। ठंडा होने पर यह अपनी शेप ले लेगा। इसके बाद इसे घर-परिवार के सदस्यों को सर्व करें।
बादाम मूंग हलवा
सामग्री
1/2 कप बादाम
1/2 कप मूंग दाल
2 बड़े चम्मच खसखस
1/2 कप गुड़
12 कप घी
विधि
मूंग दाल को रातभर के लिए भिगो दें और फिर पीस लें। इसके बाद कड़ाही में घी गर्म करके मूंग दाल को सुनहरा होने तक भून लें, जब तक कि वह घी ना छोडऩे लगे। अब इसमें भुने हुए बादाम डालें। अब एक भारी तले वाले बरतन में गुड़ डालकर पिघलाएं। पकने के बाद इसमें मूंग दाल का मिश्रण डाल दें और चलाएं। इसके बाद एक ट्रे में यह मिश्रण डालकर उसे रेक्टैंगुलर शेप में दे दें। ठंडा होने पर टुकड़ों में काटकर इसे सर्व करें।
स्वाद लगेगी अंजीर की बरफी
सामग्री
100 ग्राम अंजीर
1 बड़ा चम्मच खसखस
1/2 कप चीनी
1 बड़ा चम्मच पानी
थोड़ा सा पिस्ता
विधि
अंजीर को पूरी रात भीगने के लिए छोड़ दें। इसके बाद सुबह इसे मिक्सी में पीस लें। फिर एक या दो मिनट तक इसे मध्यम आंच पर पका लें। इसके बाद पैन में चीनी पिघलाकर उसमें अंजीर का मिश्रण, पिस्ता और खसखस डालकर घी लगी ट्रे में डालें। इस मिश्रण को अपनी मनचाही शेप दें और सर्व करें।
हेल्दी पोहा फिरनी का स्वाद भी है अद्भुत
सामग्री
1 कप पोहा
1 लीटर दूध
5-6 बादाम कटे हुए
1/2 कप चीनी
1 छोटा चम्मच केवड़ा
सजाने के लिए चेरी
विधि
पोहे को पीस लें। गैस पर दूध चढ़ाएं और उसमें चीनी और पिसा हुआ पोहा डालकर उसे गाढ़ा होने तक पकाएं। अब इसमें बादाम और केवड़ा मिलाकर चेरी से गार्निश करें। जब यह मिश्रण ठंडा हो जाए तो सुंदर सी शेप वाली क्रॉकरी में ठंडा करके सर्व करें।