परुसन लगे सुआर सुजाना, बिंजन बिबिधि नाम को जाना
जनकपुरी में राजा जनक ने दी बढ़हार की दावत, स्वरूपों की उतारी गई आरती, गूंजते रहे मंगल गीत
परुसन लगे सुआर सुजाना। बिंजन बिबिध नाम को जाना।।
जेवंत दे¨ह मधुर धुनि गारी। लै लै नाम पुरुष अरू नारी।।
जहं जहं आवत बसे बराती। तहं तहं सिद्धचला बहु भांती।
बिबिध भांति मेवा पकवाना। भोजन साजु न जाइ बखाना।।
आगरा (जेएनएन): जनकपुरी में राजा जनक दीपक गोयल का ओल्ड विजय नगर कॉलोनी स्थित आवास। मंगल गीत गूंज रहे हैं और इंतजार है आराध्य श्रीराम के आगमन का। बढहार की दावत में शहरवासी सुस्वादिष्ट व्यंजनों का लुत्फ ले रहे हैं। दोपहर 2.15 बजे रघुकुल शिरोमणि भगवान श्रीराम, जानकी और अनुजों संग पहुंचे तो जय श्रीराम का जयघोष होने लगा। राम-सिया के मोहक श्रृंगार को देख सभी जन हर्षित हो उठे।
जनकपुरी में राजा जनक द्वारा बढहार की दावत दी जाती है। जनकपुरी में राजा जनक बने दीपक गोयल ने रविवार दोपहर अपने आवास पर दावत दी। मेहमानों और बरातियों का स्वागत उन्होंने पटका और मोतियों की माला पहनाकर किया। दोपहर 2.15 बजे भगवान राम, सिया और लक्ष्मण जी, भरत जी, शत्रुघ्न जी के स्वरूप रामलीला कमेटी के पदाधिकारियों संग पहुंचे तो उनकी अगवानी की गई। राजा जनक दीपक गोयल, रानी सुनयना ममता गोयल और उनके परिजनों ने स्वरूपों की आरती उतारी और नेग दिए। आसपास के लोगों ने भी उन्हें उपहार दिए। इसके बाद स्वरूपों को सोने की परत लगे बर्तनों में भोजन कराया गया। राजा जनक और रानी सुनयना ने स्वयं अपने हाथों से स्वरूपों को भोजन परोसा। व्यवस्थाएं राजा जनक के परिजनों गोपाल मोहन अग्रवाल, आशा अग्रवाल, अभिषेक गोयल, श्रेया गोयल, श्रुति गोयल, अचिन गोयल, अद्विका गोयल और विआन गोयल ने संभाली।
ये रहे व्यंजन
खाना: शाही पनीर, छोले, खोया-मटर, कोफ्ते, आलू-मटर की सब्जी, दाल-बाटी, स्टफ नान, नान, तवा रोटी, पूड़ी, कचौड़ी ।
मिठाइयां: पान मिठाई, घेवर, इमरती, मेवा बाटी।
मिथिला में आए रघुनंदन, मंगल गाओ री..
कलाकारों ने जनक आवास पर मधुर भजनों की प्रस्तुति दी। मिथिला में आए रघुनंदन, मंगल गाओ री.., आरती हे राजा राम तेरी आरती उतारूं.. के अलावा उन्होंने सीता की विदाई भी गाई।
राजा दशरथ नहीं पहुंचे
राजा जनक के यहां हुई बढ़हार में राजा दशरथ अजय बंसल नहीं पहुंचे। बताया गया कि वे बच्चे की तबियत खराब होने की वजह से बढ़हार में शामिल नहीं हो सके।