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TrumpVisitIndia: अमेरिकी राष्‍ट्राध्‍यक्ष की सुरक्षा में तैनात हुआ लंगूरों का दस्‍ता, ये है विशेषता Agra News

ताजमहल के आसपास रहने वाले बंदरों की समस्‍या को दूर करने के लिए निकाला गया समाधान।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 24 Feb 2020 11:48 AM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 11:48 AM (IST)
TrumpVisitIndia: अमेरिकी राष्‍ट्राध्‍यक्ष की सुरक्षा में तैनात हुआ लंगूरों का दस्‍ता, ये है विशेषता Agra News
TrumpVisitIndia: अमेरिकी राष्‍ट्राध्‍यक्ष की सुरक्षा में तैनात हुआ लंगूरों का दस्‍ता, ये है विशेषता Agra News

आगरा, जागरण संवाददाता। अमेरिकी राष्ट्रपति के दौरे के दौरान बंदरों पर अंकुश बड़ी चुनौती है। कई बार पर्यटकों पर हमला कर चुके ये बंदर खूंखार है। इन्हें खदेड़ने के लिए पांच लंगूरों की तैनाती की गई है। पुलिस प्रशासन ने इसके लिए वन विभाग के अधिकारियों से मदद मांगी थी।

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आगरा में करीब 10 से 15 हजार बंदर हैं। ताजमहल के आसपास के इलाकों में भी बंदरों का उत्पात है। अमेरिकी राष्ट्रपति के ताजमहल दौरे के दौरान बंदरों की भी बड़ी चुनौती है। इन्हें ताजमहल के आसपास से खदेड़ने के लिए ट्रेंड लंगूर लगाए गए हैं। पुलिस अधिकारियों ने ताजमहल के आसपास बंदर भगाने के लिए लंगूर तैनात करने को डीएफओ को पत्र लिखा था। वहीं नगर निगम ने ताजमहल के आसपास के कुत्ताेें को पकड़ने के लिए भी अभियान चलाया था।

अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप ताजमहल के दीदार के लिए सोमवार सायं साढ़े चार बजे आगरा पहुंचेंगे। ट्रंप की सुरक्षा के लिए अभेद् इंतजाम किये गए हैं। ताज के आसपास विचरण करने वाले आवारा जानवर इस सुरक्षा किले के लिए बड़ी समस्‍या बने हुए थे। ऐसे में इस समस्‍या का समाधान प्रशासन द्वारा पांच लंगूरों की मदद से किया जा रहा है। लंबी पूंछ वाले इन बंदरों को वन विभाग द्वारा उपलब्‍ध कराया गया है। प्रशासन को भारी सुरक्षा व्यवस्था के बावजूद, बंदर के हमले को रोकना मुश्किल लग रहा था। शहर के लिए बंदरों के हमले एक बड़ी समस्‍या है। इतना ही नहीं ताज परिसर और आसपास के क्षेत्र में कई बाद बंदर पर्यटकों को अपना निशाना बना चुके हैं। इससे निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों ने ट्रंप के काफिले के मार्ग पर पांच लंगूर तैनात किए हैं।

बंदर पर भारी क्‍यों हैं लंगूर 

हनुमान बंदर के नाम से प्रसिद्ध लंगूर अपनेे स्‍वभाव और शारीरिक रचना के चलते सामान्‍य बंदरों से अलग और विशेष होते हैं। लंगूर, एशियायी बन्दरों की विभिन्न जातियों का सामान्य नाम है। यह प्राइमेट गण के सर्कोपिथीसिडी कुल का प्रसिद्ध प्राणी है, जो कहीं-कहीं हनुमान बंदर भी कहा जाता है। यह कद में बंदरों से कुछ बड़ा, लगभग दो फुट का होता है। लेकिन इसकी दुम इसके शरीर से लंबी रहती है। मादा नर से छोटी होती है। लंगूर एक जगह से दूसरी जगह छलांग लगाते हुए अगर पहुंंचने में असमर्थ हो जांएं तो अपनी पूंछ के सहारे जमीन पर पांंव रखे बिना अपने पूर्व के स्थान पर वापस आ जाता है। लंगूर, बंदरों से कम ऊधमी होते हैं और आबादियों की अपेक्षा जंगलों में रहना अधिक पसंद करते हैं। जबकि बंदर घनी आबादी में रहना ज्‍यादा पसंद करते हैं। आकार में बड़े होने के कारण बंदर इनसे थोड़ भय खाते हैं। इसके चलते बंदरों को दूर रखने के लिए लंगूरों को रखा जाता है। 

भिखारी भी किए ‘जिला बदर’

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप यहां आएंगे तो खूबसूरत आगरा की ही झलक देखेंगे। उनके दौरे के समय कोई नकारात्मक दृश्य न दिखे इसलिए पूरे शहर को नो बेगर्स जोन (भिखारी रहित जोन) बनाया गया है। भिखारियों को गाड़ी में भरकर मध्यप्रदेश में तो पहुंचा दिया गया है। आगरा में कैंट रेलवे स्टेशन, ईदगाह बस स्टैंड और ताजमहल के आसपास के इलाके में सैकड़ों भिखारी सड़कों पर रहते हैं। ट्रंप के दौरे की तैयारियों में लगे अधिकारियों की इनको लेकर भी चिंता थी। सड़कों और उनके आसपास ये न दिखें। इसे रोकना मुश्किल लग रहा था। इसी को देखते हुए अधिकारियों ने भिखारियों को शहर से बाहर भेजने का निर्णय लिया था। पुलिस ने अभियान चलाकर सदर, ताजगंज और हरीपर्वत क्षेत्र से भिखारियों को गाड़ियों से लेकर पुलिस मुरैना और ग्वालियर छोड़ आई है। 


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