हर दिशा पर रहती है अवाक्स की नजर, जानें फाइटर प्लेन की कैसे होती है मदद
बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर बमबारी में हुआ था अवाक्स का प्रयोग। ऑब्जेक्ट की हर हरकत हो जाती है कैद। लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस वे का रनवे के रूप में हो सकता है प्रयोग।
आगरा, जागरण संवाददाता। भारतीय वायु सेना के पास एयरबोर्न अरली वार्निंग एंड कंट्रोल सिस्टम (अवाक्स) ऐसी तकनीक है जो हर दिशा में पैनी नजर रखती है। ऑब्जेक्ट अलॉट होते ही ये तकनीक उसको अपनी पैनी निगाहों में घेर लेता है और इसी के बूते फाइटर प्लेन अपने टारगेट पर अटैक करते हैं।
फोर्स की भाषा में अवाक्स को 'आसमान की आंख' भी कहा जाता है। बालाकोट में आतंकी ठिकानों पर अवाक्स के इशारे पर ही फाइटर प्लेन ने बमबारी की थी। एक दर्जन फाइटर प्लेन मिराज विमानों ने एक हजार किग्रा के बम बरसाए थे। अवाक्स में खासियत यह है कि एक क्षेत्र विशेष में निर्धारित ऑब्जेक्ट को आसानी से पहचान सकता है। उस क्षेत्र की एक-एक हरकत-हलचल इसकी निगाहों में कैद हो जाती है।
आपातकाल के लिए रन वे को किया गया तैयार
हाई अलर्ट के बाद आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस वे के कुछ हिस्से को रनवे के रूप में प्रयोग करने को आपातकाल के लिए तैयार किया गया है। दोनों एक्सप्रेस वे पर एयर स्ट्रिप हैं, जहां पर फाइटर प्लेन आसानी से उतर सकते हैं। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे और यमुना एक्सप्रेस वे पर फाइटर प्लेन की लैंडिंग का ट्रायल हो चुका है। इंडियन एयरफोर्स के नक्शे पर दोनों एक्सप्रेस वे के नाम अंकित हो चुके हैं। किसी भी आपात स्थिति में इसी स्थलों का प्रयोग किया जाएगा।