पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष की कार पर पथराव और फायरिंग, भाजयुमो नेता नामजद Agra News
पथराव और फायरिंग से क्षतिग्रस्त हुई कार बैक गियर लगाकर छात्रनेता ने बचाई जान। न्यू आगरा क्षेत्र का मामला भाजयुमो नेता समेत अन्य पर जानलेवा हमले का मुकदमा।
आगरा, जागरण संवाददाता। आंबेडकर विवि के पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष पर शनिवार को सुबह जानलेवा हमला हुआ। कार से जाते समय भाजयुमो नेता और उनके साथियों ने पथराव कर दिया। इसके बाद फायरिंग भी की। किसी तरह कार में बैक गियर डालकर छात्र नेता ने अपनी जान बचाई। मामले में न्यू आगरा थाने में जानलेवा हमले का मुकदमा दर्ज हुआ है।
मूलरूप से कागारौल के टीकरी निवासी पूर्व छात्र संघ उपाध्यक्ष जीडी चाहर न्यू आगरा क्षेत्र में इंजीनियर्स कॉलोनी में रहते हैं। वे जाट महासभा में मंडल उपाध्यक्ष भी हैं। सुबह 11 बजे वे अपनी कार से घर से निकले। नरेश इंदौलिया और शिवम पचौरी उनके साथ थे। जीडी चाहर ने बताया कि कालोनी से बाहर आते ही सर्विस रोड पर चार-पांच बाइक पर 8-10 युवक दिखे। कार को देखते ही उन्होंने पहले पथराव किया। इसके बाद फायरिंग कर दी। दो गोली उनकी कार में लगीं। इनमें से एक आगे के शीशे और एक बोनट में लगी है।
वे कार में बैक गियर डालकर इंजीनियर्स कॉलोनी में पहुंच गए। तब उनकी जान बची। पथराव और फायरिंग से सड़क पर अफरा-तफरी मच गई। उन्होंने पुलिस कंट्रोल रूम में कॉल करके सूचना दे दी। पुलिस जब तक मौके पर पहुंची, तब तक हमलावर भाग गए। इनमें से दो लोगों को जीडी चाहर ने पहचान लिया। इनके नाम भाजयुमो नेता मनीष गौतम और अरुण तोमर बताए हैं। जीडी चाहर ने न्यू आगरा थाने में मनीष गौतम, अरुण तोमर व उनके साथियों के खिलाफ जानलेवा हमले में मुकदमा लिखाया है। इंस्पेक्टर न्यू आगरा उमेश त्रिपाठी ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। आरोपितों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
सीसीटीवी में बाइक पर दिखे हमलावर
सीसीटीवी कैमरे में तीन-चार बाइक पर कुछ युवक कैद हुए हैं। सीसीटीवी फुटेज सड़क पर एक जगह लगे कैमरे से मिले। मगर, इसमें पथराव और फायरिंग होती नहीं दिख रही। पुलिस कुछ और कैमरे खंगाल रही है।
2018 से चल रही है रंजिश
जीडी चाहर ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2018 में उनके मित्र गगन के साथ मारपीट हुई थी। यह घटना दीवानी के पास वीके इंस्टीट्यूट में हुई थी। कोचिंग में छात्रों के साथ धोखाधड़ी हुई थी। गगन के साथ मारपीट में अरुण तोमर, कर्मवीर व अन्य के खिलाफ मुकदम दर्ज कराया था। इस मुकदमे में आरोपित समझौते का दबाव बना रहे हैं। मुकदमे में वे वादी बने थे। इसमें समझौते को उन पर दबाव बनाया जा रहा था। बात न मानने पर ही उनके ऊपर हमला हुआ है।