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प्रेम से कहते थे अटल Þजरा कचौड़ी तो खिलाना प्रेमÞ

पूर्व प्रधानमंत्री को प्रेम हलवाई की कचौड़ी का खूब भाता था स्वाद। सालों पहले ही बंद हो चुकी उनकी पसंदीदा दुकान।

By JagranEdited By: Published: Sat, 18 Aug 2018 04:00 PM (IST)Updated: Sat, 18 Aug 2018 04:00 PM (IST)
प्रेम से कहते थे अटल Þजरा कचौड़ी तो खिलाना प्रेमÞ
प्रेम से कहते थे अटल Þजरा कचौड़ी तो खिलाना प्रेमÞ

आगरा(गगन राव पाटिल): अपनी वाकपटुता के लिए मशहूर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को मथुरा का स्वाद बहुत भाता था। जब भी वे आते थे, तो प्रेम हलवाई की कचौड़ी और जलेबी बडे़ ही चाव से खाते थे। मगर, वक्त की बेरुखी देखिए न, तो अब अटल रहे और न उनकी वो पसंदीदा दुकान।

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ये उन दिनों की बात है जब चौक बाजार गांधी पार्क स्थित प्रेम हलवाई की दुकान होती थी। क्षेत्रीय दुकानदार बताते हैं कि 30-40 वर्ष पुरानी बात है, जब पान दरीबा स्थित दुकान के ही ऊपर भारतीय जन संघ का कार्यालय होता था। उस दौरान अक्सर अटल वहां आते रहते थे। जब भी आते, तो प्रेम की तेल की कचौड़ी और जलेबी का स्वाद जरूर लेते थे। खुद ही नहीं खाते थे बल्कि अपने साथियों को भी खिलाते थे। दाल की कचौड़ी की वे खासतौर पर मांग करते थे। हलवाई प्रेम से वे बडे़ प्रेम से कहते थे जरा कचौड़ी तो खिलाना प्रेम। अब वहां न वह दुकान रही और न ही संघ का कार्यालय। हलवाई प्रेम की सालों पहले मृत्यु हो गई। उनके बेटों ने दुकान बेच दी। इस समय वहां राखी की दुकान सजी हुई है। उस दुकान के मालिक धीरज अग्रवाल कहते हैं कि उनके बेटों ने पिताजी को दुकान बेची थी। इस बात को भी करीब 20 साल होने को आ रहे हैं। अब बेटे कहां हैं यह भी पता नहीं है। कार्यालय की जगह मकान: चौबे सुंदर श्याम मार्केट के मालिक सुरेश चतुर्वेदी कहते हैं कि इसी मार्केट के नीचे प्रेम हलवाई की दुकान होती थी। इसके ऊपर जन संघ का कार्यालय बना था। कार्यालय को बंद हुए करीब 30 वर्ष हो चुके हैं। चार-पांच साल पहले यहां उन्होंने अपने लिए मकान बनवा लिया है जहां वे इस समय रह रहे हैं।


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