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ASI करेगी डेढ़ सौ साल पुराने बांकेबिहारी मंदिर का सर्वे, आखिर क्‍या है वजह

कई जगह से जर्जर हो चुकी है इमारत न्यायाधिकारियों ने सेवायतों संग की बैठक।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Mon, 29 Apr 2019 10:53 AM (IST)Updated: Mon, 29 Apr 2019 10:53 AM (IST)
ASI करेगी डेढ़ सौ साल पुराने बांकेबिहारी मंदिर का सर्वे, आखिर क्‍या है वजह
ASI करेगी डेढ़ सौ साल पुराने बांकेबिहारी मंदिर का सर्वे, आखिर क्‍या है वजह

आगरा, जेएनएन। करीब डेढ़ सौ साल पुराने ठा. बांकेबिहारी मंदिर का अधिकतर भाग जीर्ण-शीर्ण नजर आने लगा है। मंदिर प्रशासकों ने इमारत के जीर्णोद्धार के लिए पहले आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ) से सर्वे करवाने का प्रस्ताव रखा है।

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ठा. बांकेबिहारी मंदिर के मोहन बाग में रविवार को आहूत बैठक में लखनऊ खंडपीठ के प्रशासनिक न्यायमूर्ति अनिल कुमार, डीजे अशोक कुमार ङ्क्षसह, एडीजे राजीव भारती, मुंसिफ दीक्षाश्री, सीजेएम संजय कुमार के अलावा सेवायतों की ओर से देवेंद्र गोस्वामी, रजत गोस्वामी, ज्ञानेंद्र गोस्वामी, श्रीवर्धन गोस्वामी आदि मौजूद रहे। मंदिर के विस्तारीकरण के मामले में न्यायाधिकारियों ने कहा कि मुख्य मंदिर का पुरातत्व सर्वेक्षण की ओर से स्कैन करवाकर कमियों को परखा जाएगा। इसके बाद ही जीर्णोद्धार करवाया जाएगा। बताया कि पुरातत्व सर्वेक्षण इन दिनों कंबोडिया में अंकोरवाट मंदिर, लखनऊ की छत्तर मंदिर इमारत का संरक्षण कर रही है।

बैठक में सेवायतों ने मंदिर में दर्शन करवाने के नाम पर असामाजिक तत्वों के जमावड़े की समस्या रखी। न्यायाधिकारियों ने कहा कि इस स्थिति से बचने के लिए सेवायत अपने सेवादार का ड्रेस कोड तैयार करें। उनके लिए एक आइकार्ड जारी करें।  


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