Move to Jagran APP

Birthday of Mugal Emperor: आगरा में 'कैद' में है मुगल शहंशाह की जन्मस्थली 'रंग महल'

Birthday of Mugal Emperor फतेहपुर सीकरी स्थित रंगमहल में हुआ था शहंशाह जहांगीर का जन्म। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने बंद कर रखा है स्मारक अवैध कब्जे हुए।

By Tanu GuptaEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2020 05:13 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2020 05:13 PM (IST)
Birthday of Mugal Emperor: आगरा में 'कैद' में है मुगल शहंशाह की जन्मस्थली 'रंग महल'
Birthday of Mugal Emperor: आगरा में 'कैद' में है मुगल शहंशाह की जन्मस्थली 'रंग महल'

आगरा, निर्लोष कुमार। हिंदुस्तान पर हुकूमत करने वाले शहंशाह जहांगीर की जन्मस्थली 'कैद' में है। विश्व धरोहर स्थल फतेहपुर सीकरी स्थित जहांगीर के जन्म स्थल 'रंग महल' पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) का ताला लटका है, जिसके चलते दुनिया भर से आने वाले सैलानी इसका दीदार नहीं कर पाते। वहीं, इसके आसपास अवैध कब्जों का साम्राज्य है और उनके ध्वस्तीकरण के आदेश सरकारी फाइलों में दफन हो चुके हैं।

loksabha election banner

यहां जाने में एएसआइ कर्मी भी घबराते हैं।मुगल शहंशाह जहांगीर का जन्म 30 अगस्त, 1569 को फतेहपुर सीकरी स्थित रंग महल में हुआ था। अकबर ने सूफी संत शेख सलीम चिश्ती से आशीर्वाद लेने के बाद अपनी पत्नी को गर्भवती होने पर फतेहपुर सीकरी में रहने के लिए भेजा था और यहीं सलीम (जहांगीर) का जन्म हुआ। दरगाह कांप्लेक्स के पीछे संगतराश मस्जिद के बायीं तरफ रेड सैंड स्टोन (बलुई पत्थर) से बना हुआ रंग महल है। हवेलीनुमा महल के बाहर गेट है। अंदर प्रवेश करने को जिगजैग रास्ते से गुजरना पड़ता है। हवेली में बायीं तरफ दो और दायीं तरफ तीन कमरे बने हैं। बीच में आंगन है। पूर्व में महल के पीछे गली में एक रास्ता खुलता था, जिसे बंद किया जा चुका है। इसके गेट पर अब एएसआइ का ताला लटका हुआ है, जिसके चलते फतेहपुर सीकरी आने वाले सैलानी शहंशाह जहांगीर की जन्म स्थली को नहीं देख पाते।

सात अवैध कब्जों के ध्वस्तीकरण के आदेश

रंग महल के प्रतिनिषिद्ध (स्मारक के 100 मीटर के दायरे) और विनियमित क्षेत्र (100 मीटर के बाहर 200 मीटर का क्षेत्र में) एएसआइ द्वारा चिह्नित सात अवैध निर्माण हैं। इन अवैध निर्माणों के लिए वर्ष 2013 में एएसआइ के महानिदेशक द्वारा ध्वस्तीकरण का आदेश किया जा चुका है। पिछले छह वर्षों में जिलाधिकारी के स्तर से इन्हें ढहाने को कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

किला में लगवाई थी जंजीर-ए-अदल

एप्रूव्ड टूरिस्ट गाइड एसोसिएशन के अध्यक्ष शमसुद्दीन खान बताते हैं कि मुगल शासकों में जहांगीर सबसे न्यायप्रिय शासक था। आगरा किला में उसने जंजीर-ए-अदल (इंसाफ की जंजीर) लगा रखी थी। सोने से बनी जंजीर को न्याय पाने के लिए कोई भी 24 घंटे बजाकर न्याय मांग सकता था। लाहौर और कश्मीर प्रवास में भी उसके द्वारा यह व्यवस्था की जाती थी। उसकी जन्म स्थली पर लगे ताले को एएसआइ को सैलानियों के लिए खोलना चाहिए, जिससे कि वो इस स्थल को देख सकें।

सलीम चिश्ती से भेंट से पूर्व हुए थे अकबर के दो बेटे

इतिहासविद राजकिशोर राजे ने अपनी किताब 'ये कैसा इतिहास' में लिखा है कि जनसाधारण की मान्यता है कि अकबर के संतान नहीं होती थी और वो सूफी संत शेख सलीम चिश्ती के पास संतान की चाह में फतेहपुर सीकरी गया था। जबकि हकीकत यह है कि सूफी संत शेख सलीम चिश्ती से भेंट से पूर्व ही अकबर के दो बेटे हुए थे। उनका नाम हसन व हुसैन था। इन दोनों की मृत्यु जन्म के एक माह बाद हो गई थी। अकबर ने शेख सलीम चिश्ती से अपने बेटों के चिरायु होने का आशीर्वाद मांगा था।

जन्म से पूर्व और बाद में की थी अकबर ने अजमेर यात्रा

राजकिशोर राजे बताते हैं कि जहांगीर के जन्म से पूर्व अकबर ने अजमेर में ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर जाकर मन्नत मांगी थी। जहांगीर के जन्म के बाद अकबर 20 जनवरी, 1570 को पैदल चलकर अजमेर गया और वहां कई दिन इबादत की। अकबर के दूसरे बेटे मुराद का जन्म भी फतेहपुर सीकरी में 17 जून, 1570 को हुआ था। मुराद के जन्म के बाद भी उसने अजमेर जाकर इबादत की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.