आगरा में आशा कार्यकर्ता ने किया गर्भवती का सौदा
शनिवार को सीएमओ ने छापा मारा, इन हॉस्पिटल में डॉक्टर के बिना इलाज चल रहा है।
आगरा (जागरण संवाददाता)। आशा कार्यकर्ता ने सौदेबाजी कर गर्भवती को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से यमुना पार के निजी अस्पताल भर्ती करा दिया। यहां डिलीवरी के बाद तबीयत बिगड़ी तो दूसरे हॉस्पिटल में रेफर करते गए जिससे तबीयत और बिगड़ गई।
शनिवार को सीएमओ ने छापा मारा, इन हॉस्पिटल में डॉक्टर के बिना इलाज चल रहा है। प्रार्थना हॉस्पिटल में मरीज भर्ती करने पर रोक लगा दी है। चैतन्य हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों को दूसरी जगह शिफ्ट करने के आदेश दिए हैं।
बमान, खंदौली निवासी दुर्गेश (22) पत्नी वीरपाल को छह सितंबर को प्रसव पीड़ा होने पर परिजन सीएचसी खंदौली लेकर पहुंचे। यहां से एसएन रेफर कर दिया, इसी बीच आशा विजय लक्ष्मी पहुंची और उन्हें प्रार्थना हॉस्पिटल, यमुना पार ले आई। हॉस्पिटल संचालक ने पैसे के चक्कर में सिजेरियन डिलीवरी कर दी। दो दिन बाद दुर्गेश की तबीयत बिगड़ी तो हॉस्पिटल संचालक ने 14 हजार रुपये ले लिए।
स्टाफ ने अमरदीप हॉस्पिटल, लगड़े की चौकी पर भर्ती करा दिया। यहां 24 घंटे के दौरान 30 हजार रुपये का बिल बना दिया। खून चढ़ाने के लिए चार हजार रुपये ले लिए। यहां से परिजन उसे चैतन्य हॉस्पिटल, यमुना पार ले आए। यहां भी तबीयत में सुधार नहीं है। इसकी शिकायत मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने छापा मारा।
सीएमओ डॉ. मुकेश वत्स ने बताया कि प्रार्थना हॉस्पिटल डॉ. रश्मि वर्मा के नाम से पंजीकृत है। वे हॉस्पिटल में नहीं थी, डॉ. प्रशांत गुप्ता और किशन गोपाल शर्मा हॉस्पिटल में थे। स्टाफ अप्रशिक्षित था, मेडिकल स्टोर बंद था। मरीज की बीएचटी नहीं थी। यहां 10 से अधिक मरीज भर्ती थे। नए मरीज भर्ती करने से मना किया गया है।
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चैतन्य हॉस्पिटल की बिल्डिंग भी पूरी तरह नहीं बनी है। यहां एक बीएएमएस डॉक्टर था। पांच मरीज भर्ती थे। मेडिकल स्टोर में एक्सपायर दवाएं थी, इसके लिए औषधि विभाग से कहा गया है। यहां से मरीजों को दूसरे हॉस्पिटल में शिफ्ट करने के निर्देश दिए हैं। इन दोनों हॉस्पिटल को नोटिस देकर कार्रवाई की जाएगी।
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