गोवर्धन में दानघाटी मंदिर का ढहाया आरती स्थल, अनिश्चितकाल को बंद हुए पट
सेवायतों ने विरोध में मंदिर के पट बंद कर की नारेबाजी। आरती स्थल के पास बनी एक दर्जन दुकानें भी जमींदोज।
आगरा (जेएनएन)। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) के अतिक्रमण हटाने के आदेश के अनुपालन में गोवर्धन में दानघाटी मंदिर के सामने बना आरती स्थल बुधवार को जेसीबी से ध्वस्त कर दिया गया। यहां बना फव्वारा और पक्का निर्माण भी तोड़ दिया। इसी के साथ यहां बनी एक दर्जन दुकानें भी जमींदोज कर दी गईं। मंदिर सेवायतों ने कार्रवाई के विरोध में मंदिर के पट बंद कर दिए और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
एसडीएम नागेंद्र ङ्क्षसह व सीओ प्रबल प्रताप ने दानघाटी मंदिर के आरती स्थल पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। इससे पूर्व जैसे ही प्रशासनिक अधिकारी थाना कार्यालय पर एकत्रित हुए, भनक लगते ही मंदिर सेवायत रामेश्वर कौशिक ने मंदिर के पट बंद कर दिए। सेवायतों ने आरती स्थल के सामने एकत्रित होकर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रशासन ने स्थिति को भांपते हुए पीएसी और तमाम थानों का फोर्स बुला लिया।
भारी संख्या में पुलिस बल देख सेवायत मंदिर के समीप से चले गए। मंदिर प्रबंधक डालचंद चौधरी ने एसडीएम को बताया कि सर्वोच्च न्यायालय में अपील की गई है, लेकिन वह स्टे आर्डर नहीं दिखा सके। इसके बाद एसडीएम के नेतृत्व में आरती स्थल पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी। मंदिर के फव्वारे, कमरे आदि पक्के निर्माण तोड़ दिए। इसके लिए एक साथ तीन जेसीबी मशीन लगाई गई।
आरती स्थल पर बने जेनरेटर रूम और टीन शेड को मंदिर प्रशासन ने हटाने का आश्वासन दिया तो इसे छोड़ दिया गया। प्रशासन ने कार्रवाई को आगे बढ़ाते हुए आरती स्थल के आगे बनी करीब एक दर्जन दुकानों पर भी ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करते हुए वे भी जमींदोज कर दी। एसडीएम नागेंद्र ङ्क्षसह ने बताया कि अतिक्रमण के अंतर्गत आने वाले निर्माण ध्वस्त किए गए हैं। कार्रवाई के दौरान सीओ प्रबल प्रताप, तहसीलदार अजय ङ्क्षसह, मगोर्रा, बरसाना, कोसी, छाता और शेरगढ़ थाना का पुलिस बल और पीएसी के जवान मौजूद रहे।
अनिश्चितकाल को बंद हुए पट
दानघाटी मंदिर के आरती स्थल पर ध्वस्तीकरण कार्रवाई के कारण सेवायतों ने मंदिर के मुख्य दरवाजे बंद कर दिए। मंदिर के दरवाजे दोपहर करीब दो बजे बंद हुए और देर शाम तक नहीं खोले गए। सेवायत रामेश्वर कौशिक ने बताया कि आरती स्थल पर ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के खिलाफ मंदिर के पट अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिए गए हैं।
निराश लौटे श्रद्धालु
दूरदराज से आए श्रद्धालु दानघाटी मंदिर के दरवाजे बंद होने से गिरिराज दर्शन नहीं कर पाए और निराश होकर वापस लौट गए। कल्याण (मुंबई) की रहने वाली चित्रा ने बताया कि दानघाटी गिरिराज के दर्शन नहीं हो पाए, उन्हें दर्शन के बिना ही वापस जाना पड़ेगा। सूरत के रहने वाले पुनीत ने दर्शनों में अवरोध डालने को गलत बताया।
दानघाटी मंदिर का है विशेष महत्व
गोवर्धन में मथुरा- डीग मार्ग पर स्थित दानघाटी मंदिर हिंदू मान्यताओं में विशेष महत्व रखता है। कहा जाता है कि इसी स्थान पर श्रीकृष्ण सखाओं के साथ लाठियों को अड़ाकर बलपूर्वक दान मांग रहे थे, तब उनकी गोपियों के साथ नोक झोंक हुई थी। गिर्राज जी की परिक्रमा हेतु आने वाले लाखों श्रद्धालु इस मंदिर में पूजन करके अपनी परिक्रमा आरंभ करते हैं। ब्रज में इस मंदिर की बहुत महत्ता है।